Azamgarh Violence: थूक चटवाने की हैवानियत, मन्नान पर दबंग का जुल्म वायरल
आजमगढ़ के सुमेरपुर गांव में मन्नान के साथ हुई बर्बरता ने इंसानियत को झकझोर दिया। दबंग गोवर्धन यादव द्वारा मारपीट कर थूक चटवाने की घटना ने सोशल मीडिया पर मचा दी हलचल। पढ़िए पूरा मामला।
"क्या 21वीं सदी में अब भी कोई किसी को थूक चटवा सकता है?"
ये सवाल आजमगढ़ के सुमेरपुर गांव से उठ रहा है, जहां एक वीडियो वायरल होने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि एक व्यक्ति, जिसका नाम मन्नान है, खून से लथपथ है और उसके सामने खड़ा एक दबंग शख्स – गोवर्धन यादव – उसे ज़लील कर रहा है। आरोप है कि उसे पीटने के बाद जबरन थूक चटवाया गया।
ये मामला सिर्फ एक मारपीट का नहीं, बल्कि इंसानियत को शर्मसार करने वाली दरिंदगी का है। पीड़ित मन्नान एक साधारण नाई है, जो अपने काम से घर लौट रहा था, लेकिन गांव की सियासत और जातिगत मानसिकता ने उसकी जिंदगी को पल भर में बदल दिया।
गोवर्धन यादव का दावा – “पैसा वापस चाहिए”
गोवर्धन यादव ने इस घिनौनी हरकत के पीछे कारण बताया कि मन्नान के बेटे ने उससे कुछ पैसे लिए हैं, जो वापस नहीं किए। मन्नान ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि बेटे का किसी लेन-देन से कोई लेना-देना नहीं।
स्कूल ड्राइवर भी बना शिकार
सिर्फ मन्नान ही नहीं, एक निजी विद्यालय में वाहन चालक विजय प्रताप भी गोवर्धन यादव की हिंसा का शिकार बने। उन्होंने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि बच्चों को घर छोड़कर लौटते समय गोवर्धन ने उनकी गाड़ी रोककर जातिसूचक गालियां दीं और लाठी-डंडे से पीटा।
जाति आधारित हिंसा की कड़वी हकीकत
घटना को सिर्फ व्यक्तिगत विवाद कहना नाइंसाफी होगी। जब गालियों में जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल हो, जब FIR में एससी-एसटी एक्ट लगे – तब ये साफ हो जाता है कि मामला सामाजिक भेदभाव से भी जुड़ा है। भारत में जातिगत हिंसा कोई नई बात नहीं। संविधान में समानता की गारंटी के बावजूद, ज़मीनी हकीकत अब भी बदसूरत बनी हुई है।
मन्नान का दावा – साजिश के तहत हमला
मन्नान ने पुलिस को बताया कि वो पहले एक सैलून में काम करता था, लेकिन किसी कारणवश उसे वहां से हटा दिया गया। अब वह दूसरी दुकान में काम करता है। मन्नान का आरोप है कि पुराने मालिक ने गोवर्धन यादव को भड़काकर यह हमला करवाया।
पुलिस क्या कर रही है?
एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मामले में जीयनपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आरोपी की तलाश की जा रही है। पुलिस ने भरोसा दिया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इतिहास से सबक या शर्म?
भारत में जातीय अत्याचारों की एक लंबी लिस्ट है — चाहे वो खैरलांजी कांड हो या ऊना हिंसा। लेकिन आज भी किसी को थूक चटवाने जैसी घटनाएं हो रही हैं, तो सवाल उठता है — क्या वाकई हमने कुछ सीखा है?
जनता का गुस्सा और सोशल मीडिया की भूमिका
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर गुस्सा फूट पड़ा। यूज़र्स ने आरोपी की गिरफ्तारी और न्याय की मांग की। एक यूज़र ने लिखा, “अगर अब भी इंसाफ न मिला, तो ये देश किस दिशा में जा रहा है?”
मन्नान और विजय प्रताप के साथ जो हुआ, वो किसी एक गांव की कहानी नहीं — ये भारत के कई हिस्सों की हकीकत है। सवाल ये है कि क्या हम एक ऐसा समाज बना पाएंगे, जहां कोई किसी को सिर्फ उसकी जाति के आधार पर थूक चटवाने की हिम्मत न करे?
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