Jamshedpur Scam: RPF ने टिकट दलाली रैकेट का पर्दाफाश किया, दुकान से बरामद हुए 32 अवैध टिकट!
जमशेदपुर में आरपीएफ ने टिकट दलाली का भंडाफोड़ किया! जुगसलाई नया बाजार स्थित मास्को इंटरनेशनल दुकान से अवैध टिकट, लैपटॉप और अन्य सामान बरामद। पढ़ें पूरी खबर।

जमशेदपुर: टाटानगर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने एक बड़ी कार्रवाई में अवैध रेलवे टिकट दलाली के धंधे पर शिकंजा कसा है। गुप्त सूचना के आधार पर आरपीएफ की टीम ने जुगसलाई नया बाजार स्थित "मास्को इंटरनेशनल" नामक दुकान पर छापा मारकर एक लाइव तत्काल टिकट और 32 पहले से तैयार किए गए अवैध टिकट जब्त किए। इसके अलावा, लैपटॉप, कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए गए हैं।
क्या था पूरा मामला?
आरपीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि जुगसलाई इलाके में एक संगठित गिरोह अवैध तरीके से रेलवे टिकट बुक करके यात्रियों को ठग रहा है। इसी के चलते दुकान संचालक सुधाकर साव पर नजर रखी गई और छापेमारी की गई। ऑपरेशन के दौरान पाया गया कि आरोपी फर्जी आईडी और सॉफ्टवेयर की मदद से टिकट बुक करके उन्हें ऊंचे दामों पर बेच रहा था।
रेलवे टिकट घोटालों का इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब रेलवे टिकटों के साथ धांधली का मामला सामने आया है। पिछले कुछ वर्षों में IRCTC की ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम में लूपहोल्स का फायदा उठाकर दलालों ने कई बार यात्रियों को ठगा है। 2019 में दिल्ली से लेकर मुंबई तक ऐसे कई रैकेट पकड़े गए थे, जहां बॉट्स (Bots) की मदद से टिकट हाई स्पीड में बुक करके ब्लैक में बेचे जा रहे थे।
क्या कहता है कानून?
भारतीय रेलवे अधिनियम के तहत अवैध टिकट बुक करने और बेचने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। आरोपी पर धारा 143 (अवैध व्यापार) और 420 (ठगी) के तहत केस दर्ज किया गया है। सुधाकर साव को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि आरपीएफ अब इस नेटवर्क की गहराई में जांच कर रही है।
यात्रियों के लिए चेतावनी
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे केवल अधिकृत स्रोतों जैसे IRCTC वेबसाइट, ऑफिशिय टिकट काउंटर या एजेंट से ही टिकट खरीदें। किसी भी दलाल के झांसे में आकर अवैध टिकट न लें, नहीं तो यात्रा के दौरान परेशानी हो सकती है।
क्या होगा आगे?
आरपीएफ इस मामले में डिजिटल फॉरेंसिक जांच भी करा रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि आरोपी कितने समय से यह धंधा चला रहा था और कितने यात्रियों को ठगा गया। अगर आपके पास भी कोई ऐसी जानकारी है, तो 182 (रेलवे हेल्पलाइन) पर संपर्क कर सकते हैं।
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