Jamshedpur Raid: पुलिस छापेमारी में मारपीट का आरोप, सीसीटीवी फुटेज ने उजागर किया पुलिसिया अत्याचार!
जमशेदपुर के उलीडीह थाना क्षेत्र में पुलिस छापेमारी पर विवाद, सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई मारपीट! परिवार ने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी, जानें पूरा मामला।

जमशेदपुर: उलीडीह थाना क्षेत्र में गुरुवार रात हुई पुलिस छापेमारी ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। डिमना रोड, सर्वोदय पथ निवासी ललित नारायण सिंह के घर पहुंची पुलिस टीम पर परिवार के सदस्यों से मारपीट और गाली-गलौज का आरोप लगा है। घटना का पूरा विवरण घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने बाद में सबूत मिटाने के लिए कैमरे तोड़ दिए।
क्या हुआ था छापेमारी में?
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली थी कि ललित नारायण सिंह अमरनाथ सिंह गिरोह से जुड़े हो सकते हैं। इसी आधार पर उलीडीह थाना प्रभारी की अगुवाई में पुलिस टीम ने रात में छापा मारा। परिवार के दावों के अनुसार, पुलिस ने बिना किसी पूर्व सूचना के घर में घुसकर ललित को पीटा और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
सीसीटीवी फुटेज में क्या दिखा?
- पुलिसकर्मियों द्वारा ललित को जमकर पीटा गया।
- परिवार के सदस्यों से गाली-गलौज की गई।
- छापेमारी के बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए।
परिवार ने मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत
ललित की पत्नी अंकिता देवी ने मुख्यमंत्री, डीआईजी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज को सबूत के तौर पर संलग्न किया है। अंकिता का आरोप है कि पुलिस ने उनके पति को बिना किसी ठोस सबूत के प्रताड़ित किया।
स्थानीय लोगों ने किया प्रदर्शन
इस घटना के बाद गुरुवार रात उलीडीह थाना के बाहर स्थानीय लोगों और परिजनों ने जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। हंगामा बढ़ता देख पुलिस अधिकारियों ने जांच का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया।
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
यह पहली बार नहीं है जब झारखंड पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई मामले सामने आए हैं, जहां पुलिस ने संदिग्धों के साथ अमानवीय व्यवहार किया है। 2022 में रांची में भी एक युवक को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित करने का मामला सामने आया था, जिसके बाद कई अधिकारियों को निलंबित किया गया था।
क्या कहता है कानून?
- भारतीय कानून के तहत किसी भी संदिग्ध को बिना वारंट के पीटना गैरकानूनी है।
- पुलिस हिरासत में हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने कई बार सख्त रुख अपनाया है।
- सीसीटीवी फुटेज को नष्ट करना सबूत मिटाने के अपराध की श्रेणी में आता है।
अब क्या होगा आगे?
प्रशासन ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है। अगर सीसीटीवी फुटेज में पुलिस की गलती साबित होती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। स्थानीय नागरिक संगठनों ने भी निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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