Jharkhand Delay: मंईयां सम्मान योजना की राशि फिर से लटकी, महिलाएं भटक रहीं जवाब के लिए!

झारखंड में मंईयां सम्मान योजना की राशि अप्रैल में भी नहीं पहुंची महिलाओं के खातों में। सरकार मई में दो माह की राशि भेजने की कर रही है तैयारी, लेकिन अभी तक नहीं हुई आधिकारिक पुष्टि।

Apr 24, 2025 - 13:45
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Jharkhand Delay: मंईयां सम्मान योजना की राशि फिर से लटकी, महिलाएं भटक रहीं जवाब के लिए!
Jharkhand Delay: मंईयां सम्मान योजना की राशि फिर से लटकी, महिलाएं भटक रहीं जवाब के लिए!

"झारखंड की महिलाएं फिर से इंतज़ार में..."
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार वजह है—भुगतान में देरी। अप्रैल का महीना खत्म हो गया लेकिन झारखंड की हजारों महिलाएं अभी भी उस राशि का इंतजार कर रही हैं, जो उनके लिए वादों के साथ लाई गई थी।

मामला सिर्फ एक राज्य योजना के अटकने का नहीं है, बल्कि उन उम्मीदों का भी है जो गरीब और जरूरतमंद महिलाओं ने इस योजना से जोड़ी थीं।

अब मई में मिल सकता है 'डबल अमाउंट'?

सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार अब यह योजना बना रही है कि 15 मई तक लाभुकों के खातों में अप्रैल और मई दोनों महीनों की राशि एक साथ ट्रांसफर कर दी जाए। इससे पहले भी होली से पहले इसी तरह दो महीनों की राशि (7500 रुपये) एक साथ दी गई थी। हालांकि, इस बार भी इस संभावित फैसले पर कोई आधिकारिक मुहर नहीं लगी है।

यही अनिश्चितता अब महिलाओं के मन में चिंता और असमंजस पैदा कर रही है।

सत्यापन बना रोड़ा, लाइन में लगी उम्मीदें

मंईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों का सत्यापन कार्य अभी कई जिलों में पूरा नहीं हुआ है। जिन जिलों में यह प्रक्रिया शुरू हुई है, वहां लोगों की लंबी कतारें नजर आ रही हैं।

हेमंत सोरेन सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि योजना में पारदर्शिता लाने के लिए अब हर लाभार्थी का सत्यापन अनिवार्य होगा। कई जगहों पर कैंप लगाए गए हैं, तो कहीं डोर-टू-डोर सत्यापन की तैयारी चल रही है।

दरअसल, पहले जांच में ये सामने आया था कि कई लाभार्थियों की राशि एक ही बैंक खाते में ट्रांसफर हो रही थी। इस गड़बड़ी को रोकने के लिए ही यह सख्त कदम उठाया गया।

इतिहास की झलक: जब योजना बनी थी 'आशा की किरण'

मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत 2023 में झारखंड सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के मकसद से की थी। योजना के तहत राज्य की गरीब, विधवा, या परित्यक्ता महिलाओं को हर महीने 3,750 रुपये की मदद दी जाती है।

शुरुआत में यह योजना गरीब महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं थी, लेकिन बीते कुछ महीनों से इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं—कभी तकनीकी वजहों से भुगतान में देरी, तो कभी सत्यापन की उलझनों के चलते।

क्या करें अगर आपके खाते में नहीं आयी राशि?

अगर आप भी उन लाभार्थियों में शामिल हैं जिन्हें अब तक मार्च या अप्रैल तक की राशि नहीं मिली है, तो आपके लिए ये जानना जरूरी है कि:

  • आप अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र पर जाकर आवेदन का स्टेटस चेक करवा सकते हैं।

  • इसके अलावा आप योजना के हेल्पलाइन नंबर 1800-890-0215 पर संपर्क कर सकते हैं। वहां आपको पैसे न आने के संभावित कारणों की जानकारी दी जाएगी।

  • विभाग की ओर से DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) और बैंक अकाउंट लिंकिंग की प्रक्रिया को 31 मार्च 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया गया था।

अगर आपने अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो तुरंत अपने कागजातों के साथ नजदीकी केंद्र पर जाएं।

राहत कब, भरोसा कैसे?

जब एक कल्याणकारी योजना भरोसे की जगह अनिश्चितता का प्रतीक बन जाए, तो उस योजना के उद्देश्यों पर सवाल खड़े होना लाजमी है। झारखंड की महिलाएं न सिर्फ अपनी जरूरतों के लिए, बल्कि सरकारी वादों की पूर्ति के लिए भी रोज संघर्ष कर रही हैं।

अब देखना ये है कि क्या सरकार समय पर राहत दे पाएगी, या फिर मई की उम्मीद भी केवल एक और 'तारीख' बनकर रह जाएगी।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।