Jharkhand Crackdown: 15 जिलों के DEOs के वेतन पर लगी रोक, शिक्षा विभाग ने की सख्त कार्रवाई
झारखंड सरकार ने 15 जिलों के शिक्षा अधिकारियों के वेतन पर रोक लगाई, जानिए क्यों नहीं कराए गए शिक्षकों के वेतन का भुगतान और क्या है पूरा मामला।

झारखंड सरकार ने शिक्षा विभाग में अनुशासनहीनता के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य के 15 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों (DEOs) के वेतन पर रोक लगा दी है। यह कार्रवाई शिक्षकों के वेतन भुगतान में हुई देरी को लेकर की गई है, जिसने एक बार फिर शिक्षा प्रशासन में जवाबदेही की बहस छेड़ दी है।
विवाद की जड़ें: क्यों हुई यह कार्रवाई?
माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजेश प्रसाद द्वारा जारी पत्र के अनुसार, निदेशालय द्वारा 7 अप्रैल को ही सभी जिलों को शिक्षक वेतन के लिए धनराशि आवंटित कर दी गई थी। हालांकि, 23 अप्रैल तक 15 जिलों में यह राशि कोषागार से निकाली नहीं गई, जिसके चलते शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल पाया।
प्रभावित जिलों की सूची में शामिल हैं:
- रांची
- खूंटी
- गुमला
- लोहरदगा
- पश्चिमी सिंहभूम
- पूर्वी सिंहभूम
- सरायकेला
- पलामू
- चतरा
- रामगढ़
- गिरिडीह
- गोड्डा
- जामताड़ा
- पाकुड़
- साहिबगंज
कार्रवाई का स्वरूप:
1. सभी DEOs को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया गया है
2. तीन दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश
3. वेतन भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक
4. अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी
शिक्षा निदेशालय का पक्ष:
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "यह लापरवाही बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। धनराशि समय पर उपलब्ध कराए जाने के बावजूद यदि जिला स्तर पर भुगतान में देरी होती है तो यह प्रशासनिक लापरवाही ही मानी जाएगी।"
प्रभावित DEOs की प्रतिक्रिया:
कुछ प्रभावित अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने प्रक्रियात्मक देरी के कारण समय पर भुगतान नहीं कर पाए। एक DEO ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हमारे पास स्टाफ की कमी है और बैंक प्रक्रियाओं में भी कभी-कभी देरी हो जाती है।"
शिक्षक संघों की प्रतिक्रिया:
झारखंड सेकेंडरी टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा, "यह एक सराहनीय कदम है। अब तक शिक्षकों को समय पर वेतन न मिलने पर किसी अधिकारी को जवाबदेह नहीं ठहराया जाता था।"
ऐतिहासिक संदर्भ:
यह पहली बार नहीं है जब झारखंड में शिक्षक वेतन को लेकर विवाद हुआ हो। 2019 में भी शिक्षकों के वेतन में 6-8 महीने की देरी हुई थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने भुगतान प्रणाली में सुधार के लिए कई कदम उठाए थे।
भविष्य की कार्यवाई:
शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, यदि DEOs संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते हैं तो:
- अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है
- स्थानांतरण के आदेश जारी हो सकते हैं
- भविष्य में पदोन्नति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है
यह कार्रवाई झारखंड सरकार के शिक्षा प्रशासन में अनुशासन स्थापित करने के संकल्प को दर्शाती है। शिक्षकों के हितों की रक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करने की यह पहल राज्य के शिक्षा तंत्र के लिए एक सकारात्मक संदेश देती है।
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