Jamshedpur Murder: आयुष्मान हेल्थ सेंटर की CHO की रहस्यमयी मौत, शक के घेरे में डॉक्टर पति
जमशेदपुर के आरोग्यम आयुष्मान मंदिर स्वास्थ्य केंद्र की CHO ज्योति कुमारी की रहस्यमयी मौत ने शहर को हिला दिया है। उनके कथित पति डॉ. विजय मोहन सिंह गिरफ्तार, पुलिस जांच में कई नए खुलासे संभव।

Jamshedpur Murder की यह घटना झकझोर देने वाली है — एक जिम्मेदार स्वास्थ्य अधिकारी की रहस्यमयी मौत, उसके कथित पति पर हत्या का आरोप, और एक कुदाल जिसने पूरे शहर में सनसनी फैला दी है।
जमशेदपुर के एमजीएम थाना क्षेत्र के रुहीडीह इलाके में स्थित आरोग्यम आयुष्मान मंदिर स्वास्थ्य केंद्र की सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) ज्योति कुमारी की बुधवार को रांची के मेडिका अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। लेकिन यह कोई सामान्य मौत नहीं थी — इसके पीछे छिपी कहानी कहीं ज़्यादा दर्दनाक और रहस्यमयी है।
कुदाल से हमला और मौत तक की कहानी
यह सब शुरू हुआ 18 अप्रैल को, जब आरोग्यम केंद्र में कार्यरत ज्योति कुमारी पर कुदाल से हमला किया गया। सिर पर हमला इतना भयानक था कि वह मौके पर ही बेहोश हो गईं। उन्हें तुरंत गंभीर अवस्था में पहले स्थानीय अस्पताल, फिर रांची के मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया।
लगातार इलाज के बावजूद ज्योति जिंदगी की जंग हार गईं — लेकिन उनकी मौत के साथ ही कई सवाल खड़े हो गए।
शक की सुई डॉक्टर पति की ओर
ज्योति के भाई प्रेम प्रकाश महतो ने इस मामले में एमजीएम थाने में अज्ञात के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। लेकिन पुलिस की शुरुआती जांच में सबसे ज्यादा संदेह डॉ. विजय मोहन सिंह पर गया — जो खुद को ज्योति का पति बताते रहे हैं।
घटना के बाद से ही विजय मोहन सिंह संदिग्ध बने हुए थे। पुलिस ने जब घटनास्थल से हमले में प्रयुक्त कुदाल बरामद की, तो शक और गहरा गया।
पुलिस का शिकंजा कसता गया
जांच तेज हुई और बुधवार को ही, जब मेडिका अस्पताल से ज्योति की मौत की सूचना आई, उसी दिन पुलिस ने विजय मोहन सिंह को गिरफ्तार कर लिया। देर शाम उन्हें लेकर पुलिस एमजीएम थाना पहुंची और पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ।
सूत्रों के मुताबिक, विजय मोहन सिंह घटना के दिन केंद्र में मौजूद थे, लेकिन उन्होंने अपनी भूमिका को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। पुलिस इस बात की गहराई से जांच कर रही है कि क्या ये हमला आपसी विवाद का नतीजा था, या इसके पीछे कोई और साजिश है।
रिश्ते की परतें खुलती जा रही हैं
विजय और ज्योति का रिश्ता भी अब जांच के दायरे में है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा था, लेकिन इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ सामने नहीं आया था। विजय के “कथित पति” होने के दावे पर भी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है कि क्या यह वैवाहिक संबंध कानूनी था या नहीं।
क्या ये पहले से तय हमला था?
पुलिस इस पहलू पर भी विचार कर रही है कि हमला पूर्व नियोजित था या गुस्से में किया गया। कुदाल जैसी चीज़ का मौके पर मिलना संदेह को और गहरा करता है — क्या कोई योजना पहले से बनाई गई थी?
पुलिस अब फोन रिकॉर्ड्स, सीसीटीवी फुटेज और कर्मचारियों के बयानों के आधार पर आगे की कड़ियाँ जोड़ रही है। इस बीच, अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ में भय और स्तब्धता है।
सवाल अब भी बाकी हैं
ज्योति कुमारी की मौत एक व्यक्तिगत ट्रैजेडी नहीं, बल्कि प्रशासनिक और सामाजिक विफलता का भी संकेत है। एक सरकारी स्वास्थ्य अधिकारी, जिसे जनता की सेवा के लिए नियुक्त किया गया था, अपने ही कार्यस्थल पर मौत के घाट उतार दी जाती है।
अब देखना यह होगा कि क्या पुलिस सच तक पहुँच पाती है, और क्या ज्योति को न्याय मिल सकेगा।
Jamshedpur Murder केस न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि जब एक स्वास्थ्य अधिकारी सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिक कैसे सुरक्षित होंगे?
ज्योति कुमारी की मौत से जुड़ा हर खुलासा आने वाले दिनों में प्रशासन और समाज दोनों के लिए बेहद अहम होगा।
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