Bahadurgarh Speed Horror: सेना से रिटायर्ड दादा और दो मासूम दोहे सड़क हादसे में मारे गए, गांव में पसरा मातम
हरियाणा के बहादुरगढ़ में ईंटों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने बाइक सवार सेना से रिटायर्ड बुजुर्ग और उसके दो दोहतों को कुचल दिया। जानिए पूरी दर्दनाक कहानी और कैसे हादसे ने एक परिवार को उजाड़ दिया।

हरियाणा के बहादुरगढ़ में एक दिल दहला देने वाला हिट एंड रन हादसा सामने आया है, जिसने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया है। ईंटों से भरी एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली ने बाइक पर सवार दादा और उसके दो मासूम दोहतों को कुचल दिया। घटना इतनी भयानक थी कि तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद चालक ट्रैक्टर समेत फरार हो गया और अब पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
यह हादसा बहादुरगढ़ के झज्जर-सांपला मार्ग पर स्थित छारा टोल प्लाजा के पास हुआ। मरने वाले तीनों लोग छारा गांव के रहने वाले थे। मृतकों की पहचान 60 वर्षीय भीम सिंह और उसके दो दोहतों टिंकू व हन्नी के रूप में की गई है।
सेना से रिटायर्ड था बुजुर्ग, मासूम बच्चों की ज़िंदगी छीनी रफ्तार ने
मृतक भीम सिंह भारतीय सेना से सिपाही के पद से रिटायर हो चुके थे। परिजनों के अनुसार, वह अक्सर अपने दो दोहतों को स्कूल छोड़ने या घुमाने ले जाया करते थे। बुधवार को भी वे दोनों बच्चों को मोटरसाइकिल पर बिठाकर सांपला की ओर निकले थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि रास्ते में मौत उनका इंतज़ार कर रही है।
टोल प्लाजा के पास जैसे ही उनकी बाइक पहुंची, सामने से आ रही ईंटों से भरी तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसा इतना जबर्दस्त था कि तीनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। ट्रैक्टर चालक तुरंत मौके से फरार हो गया, और अब तक उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है।
रीना की कहानी: दो बेटों और पिता को एक साथ खोया
इस हादसे ने एक औरत की ज़िंदगी में ऐसा ज़ख्म दिया है, जो शायद कभी न भर सके। मृतक बच्चों की मां रीना, जसराना गांव में रहने वाले प्रदीप की पत्नी हैं। परिजनों के अनुसार, रीना और प्रदीप के बीच लंबे समय से आपसी विवाद चल रहा था, जिसके चलते रीना के दोनों बच्चे अपने नाना-नानी के घर छारा गांव में रहकर पढ़ाई कर रहे थे।
परिजनों ने बताया कि रीना ने अपने बच्चों को बेहतर माहौल में पढ़ाने के लिए मायके भेजा था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। एक ही दिन में रीना ने अपने दोनों बेटे और पिता तीनों को खो दिया। गांव में हर कोई स्तब्ध है, मातम पसरा है, और एक सवाल सबके मन में है—क्या तेज रफ्तार और लापरवाही की कोई कीमत नहीं?
पुलिस की कार्रवाई, लेकिन सवाल अब भी कायम
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। शवों को बहादुरगढ़ नागरिक अस्पताल भिजवाया गया है, जहां पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की जाएगी।
मृतकों के परिजनों के बयान के आधार पर पुलिस ने अज्ञात ट्रैक्टर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से ट्रैक्टर की पहचान की जा रही है और जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा।
ऐसे हादसे क्यों थमते नहीं?
हरियाणा और विशेषकर बहादुरगढ़-झज्जर मार्ग पर ट्रैक्टर और भारी वाहनों की तेज रफ्तार आए दिन जानलेवा हादसों की वजह बनती रही है। इन पर कोई खास निगरानी नहीं होती, ट्रैक्टर चालक अक्सर बिना लाइसेंस या नशे की हालत में गाड़ी चलाते हैं।
सरकार और प्रशासन बार-बार जागरूकता अभियान चलाते हैं, लेकिन जब तक ऐसे हादसों में दोषियों को कड़ी सजा नहीं मिलेगी, तब तक मासूम ज़िंदगियां यूं ही रफ्तार की भेंट चढ़ती रहेंगी।
बहादुरगढ़ की इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि भारत में सड़क सुरक्षा अब भी एक बड़ा सवाल है। एक रिटायर्ड फौजी जिसने देश की रक्षा की, उसकी और उसके दो मासूम दोहतों की जान एक लापरवाह ड्राइवर ने छीन ली। अब सवाल यह है कि क्या सिस्टम इस परिवार को न्याय दिला पाएगा?
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