Sachin Tendulkar Birthday Story : सचिन तेंदुलकर की कहानी जिसने क्रिकेट को धर्म बना दिया!

सपनों की नगरी मुंबई से निकले सचिन तेंदुलकर ने न सिर्फ क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि करोड़ों दिलों पर भी राज किया। जानिए कैसे एक मामूली लड़का बना 'क्रिकेट का भगवान'।

Apr 24, 2025 - 12:23
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Sachin Tendulkar Birthday Story : सचिन तेंदुलकर की कहानी जिसने क्रिकेट को धर्म बना दिया!
Sachin Tendulkar Birthday Story : सचिन तेंदुलकर की कहानी जिसने क्रिकेट को धर्म बना दिया!

जब आप मुंबई की बात करते हैं, तो केवल एक शहर नहीं, बल्कि सपनों का समंदर आपकी आंखों में उतरता है। उसी सपनों की नगरी ने 24 अप्रैल 1973 को एक ऐसा सितारा दुनिया को दिया, जिसने क्रिकेट को सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के लिए एक आस्था बना दिया। हम बात कर रहे हैं सचिन रमेश तेंदुलकर की, जिन्हें दुनिया प्यार से क्रिकेट का भगवान कहती है।

नाम से ही खास थी शुरुआत

क्या आप जानते हैं कि सचिन का नाम एक संगीतकार से जुड़ा है? जी हां, उनके पिता रमेश तेंदुलकर, महान संगीतकार सचिन देव बर्मन के बड़े प्रशंसक थे और उसी से प्रेरित होकर उन्होंने अपने बेटे का नाम 'सचिन' रखा। यह नाम आगे चलकर एक ऐसी पहचान बन गया, जिसे कोई भी क्रिकेट प्रेमी कभी नहीं भूल सकता।

छोटा कद, ऊंचा सपना

1989 में जब सचिन ने पाकिस्तान के खिलाफ महज 16 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया, तब शायद ही किसी ने सोचा हो कि यह छोटा-सा लड़का एक दिन क्रिकेट के सबसे बड़े रिकॉर्ड्स अपने नाम कर लेगा। लेकिन उसने कर दिखाया — 100 इंटरनेशनल शतक, 200 टेस्ट मैच, 18,000 से ज्यादा वनडे रन, और ऐसी कई उपलब्धियां जो क्रिकेट इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हैं।

तेज गेंदबाज बनना चाहते थे सचिन?

एक दिलचस्प बात ये है कि सचिन शुरुआत में बल्लेबाज नहीं, तेज गेंदबाज बनना चाहते थे। उन्होंने MRF पेस फाउंडेशन में ट्रायल भी दिया, लेकिन डेनिस लिली ने उन्हें सलाह दी कि वो गेंदबाजी छोड़कर बल्लेबाजी पर ध्यान दें। और यहीं से शुरू हुई एक नए युग की शुरुआत।

सचिन का प्यार, जो छिप-छिप कर पनपा

सचिन की प्रेम कहानी भी कम फिल्मी नहीं है। अंजलि मेहता से उनकी पहली मुलाकात एयरपोर्ट पर हुई और वहीं से दिल की डोर बंध गई। अंजलि, जो उनसे छह साल बड़ी थीं, एक डॉक्टर थीं और एक ब्रिटिश सामाजिक कार्यकर्ता की बेटी। दोनों ने अपने रिश्ते को छुपाने के लिए कई झूठ बोले, गुपचुप सगाई की और फिर 1995 में शादी कर ली। आज उनकी बेटी सारा बिजनेस की दुनिया में कदम रख चुकी हैं, जबकि बेटा अर्जुन अपने पिता की राह पर चलते हुए क्रिकेट में खुद को साबित करने की कोशिश कर रहा है।

सम्मान ही सम्मान

सचिन तेंदुलकर न सिर्फ क्रिकेट के मैदान पर महान हैं, बल्कि उन्हें जो सम्मान मिले हैं, वो भी उन्हें विशिष्ट बनाते हैं। भारत रत्न से सम्मानित होने वाले वह पहले और अब तक के इकलौते क्रिकेटर हैं। इसके अलावा उन्हें पद्म विभूषण, राजीव गांधी खेल रत्न जैसे सम्मान भी मिल चुके हैं। 2011 के वर्ल्ड कप में उनकी भूमिका ने पूरे देश को गर्व से भर दिया।

रिटायर होकर भी रुतबा कायम

साल 2013 में जब उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहा, तब लाखों आंखें नम हो गईं। लेकिन यह विदाई उनके कद को कम नहीं कर सकी। आज भी जब क्रिकेट की बात होती है, सचिन का नाम सबसे पहले लिया जाता है। वह युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, खेल के लिए आदर्श हैं और देश के लिए एक गौरव हैं।

मुंबई के एक साधारण परिवार से उठकर क्रिकेट की बुलंदियों तक पहुंचने की यह कहानी सिर्फ संघर्ष और सफलता की नहीं है, बल्कि यह विश्वास, दृढ़ता और जुनून की मिसाल है। सचिन तेंदुलकर की यह यात्रा बताती है कि सपने अगर मुंबई जैसे शहर में देखे जाएं और मेहनत से उन्हें सींचा जाए, तो वो एक दिन ‘भगवान’ का रूप भी ले सकते हैं।

तो इस 24 अप्रैल को आप भी कहिए — हैप्पी बर्थडे, सचिन!

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।