Aurangabad Tragedy: शादी के तैयारियों में मातम, स्कूल बस ने ली युवक की जान
औरंगाबाद के रिसियप थाना क्षेत्र में तेज रफ्तार स्कूल बस की चपेट में आकर युवक की दर्दनाक मौत हो गई। जानें पूरी घटना और परिवार के संघर्ष की कहानी।

यह एक ऐसा हादसा है जिसने एक पूरी परिवार की खुशियां मातम में बदल दीं। रिसियप थाना क्षेत्र, जो एनएच 139 पर स्थित है, बुधवार को एक दिल दहला देने वाली घटना का गवाह बना। एक तेज रफ्तार और अनियंत्रित स्कूल बस ने बाइक सवार एक युवक को रौंद दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे में मृतक युवक की पहचान गोविंद शर्मा के पुत्र मिंटू शर्मा के रूप में हुई है। लेकिन इस घटना के पीछे छिपी हुई कहानी ने इसे और भी अधिक त्रासदीपूर्ण बना दिया।
हादसा: एक खुशहाल परिवार की किस्मत का पलटाव
यह घटना उस वक्त हुई जब मृतक मिंटू शर्मा के घर शादी की तैयारियां चल रही थीं। परिवार के सदस्य 25 अप्रैल को तिलक समारोह के लिए जोश-खरोश से जुटे हुए थे। मिंटू के पिता, गोविंद शर्मा, जब शादी से जुड़ी खरीदारी के लिए रिसियप बाजार गए हुए थे, तब मिंटू अपने घर पर था। उसे एक रिश्तेदार के घर से बाइक लाने के लिए जाना था, और जैसे ही वह बाइक लेकर वापस लौटने लगा, दोमुहान के पास तेज रफ्तार अनियंत्रित स्कूल बस ने उसे रौंद डाला।
घटनास्थल पर ही मिंटू की मौत हो गई, और जब पुलिस को इसकी सूचना मिली, तो उन्होंने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा। खबर सुनते ही परिवार के सदस्य सदर अस्पताल पहुंचे, और वहां का दृश्य दिल दहलाने वाला था। गोविंद शर्मा का यह कहना था कि उनके लिए यह दिन दुख का पहाड़ बनकर आया।
परिवार की त्रासदी: एक नहीं, दो नहीं, तीन बेटों की मौत
मिंटू की मौत अकेली त्रासदी नहीं थी। गोविंद शर्मा ने पुलिस के सामने इस दर्दनाक घटना को साझा करते हुए बताया कि यह तीसरी बार था जब उनके परिवार ने अपने किसी बेटे को दुर्घटना में खोया था। 15 साल पहले उनका बड़ा बेटा संटू शर्मा और 2 साल पहले उनका छोटा बेटा विक्की शर्मा भी हादसों में जान गवा चुके थे। एक ही परिवार में तीन बेटों की मौत ने इसे एक कसक बना दिया है।
मिंटू की मौत ने उन्हें फिर से वह गहरे दर्द में धकेल दिया, जो उन्होंने पहले कभी महसूस किया था। और यह सब तब हुआ जब उनका परिवार शादी समारोह की खुशी में लिपटा हुआ था। एक ओर खुशियां थी, वहीं दूसरी ओर उनके परिवार के अंदरूनी झगड़े और उलझनें भी चल रही थीं।
परिवार के आरोप और शक
गोविंद शर्मा ने अपने छोटे भाई और उसकी पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना था कि डायन होने का आरोप लगाकर उनके छोटे भाई और उसकी पत्नी ने इस घटनाक्रम को जन्म दिया। वह मानते थे कि यह जादू-टोने का काम था और उनकी मौत के पीछे कोई और नहीं बल्कि उनके रिश्तेदार ही थे। यह आरोप कहानी को और भी जटिल बना देता है, जिससे परिवार में गहरे संघर्ष की झलक मिलती है।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
घटना के बाद, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटनास्थल पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। गोविंद शर्मा के परिवार को इस घटना के बारे में सूचित किया गया, लेकिन यह खबर किसी आपदा से कम नहीं थी। फिलहाल, पुलिस ने स्कूल बस के चालक को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है, और इसके साथ ही एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा हो गया है – क्या यह हादसा पूरी तरह से दुर्घटना था या इसमें कुछ और राज़ छिपा है?
परिवार की उम्मीदों का टूटना
मिंटू शर्मा की मौत ने उसके परिवार की उम्मीदों को तोड़ दिया। इस परिवार का हर सदस्य अब गहरे शोक में डूबा हुआ है, और यह घटना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं बल्कि परिवार के भीतर गहरे दुख और विवाद की कहानी भी बन गई है। क्या यह एक साधारण सड़क दुर्घटना थी, या इसके पीछे कुछ और कारण था? यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है।
आखिरकार, इस हादसे ने यह भी साबित कर दिया कि कभी-कभी किसी परिवार की खुशियां कुछ सेकंड में मातम में बदल सकती हैं।
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