Adityapur Appointment Shock: पहली बार थानेदार बने ST अफसर, क्या ब्राउन शुगर माफिया की उलटी गिनती शुरू?

आदित्यपुर थाना को पहली बार अनुसूचित जनजाति समुदाय से थानेदार मिला है। विनोद तिर्की के सामने ब्राउन शुगर कारोबार और अपराध पर नियंत्रण की बड़ी चुनौती है। जानिए क्या है उनकी रणनीति।

Apr 23, 2025 - 17:51
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Adityapur Appointment Shock: पहली बार थानेदार बने ST अफसर, क्या ब्राउन शुगर माफिया की उलटी गिनती शुरू?
Adityapur Appointment Shock: पहली बार थानेदार बने ST अफसर, क्या ब्राउन शुगर माफिया की उलटी गिनती शुरू?

आदित्यपुर थाना, जो पूरे सरायकेला-खरसावां जिले में सबसे बड़ा और संवेदनशील थाना माना जाता है, बुधवार को एक ऐतिहासिक मोड़ पर पहुंच गया। यहां पहली बार किसी अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के अफसर ने थाना प्रभारी की कुर्सी संभाली है। विनोद तिर्की, जो अब आदित्यपुर थाना के नए इंस्पेक्टर होंगे, न सिर्फ प्रशासनिक जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं, बल्कि कई जमीनी और गहरे अपराधिक नेटवर्क को भी चुनौती देने के लिए तैयार हैं।

इतिहास में पहली बार ST अधिकारी

आदित्यपुर थाना का अब तक का इतिहास देखें तो यह पहला मौका है जब यहां अनुसूचित जनजाति समुदाय से किसी अधिकारी को नेतृत्व की बागडोर मिली है। विनोद तिर्की को आदित्यपुर थाना में फूलों से स्वागत किया गया, लेकिन असली परीक्षा तो अब शुरू होती है।

आदित्यपुर जैसे शहरी और औद्योगिक क्षेत्र में अपराध, ड्रग्स और अवैध धंधों की गहराई काफी पुरानी रही है। सवाल यही है कि क्या विनोद तिर्की इन सभी मोर्चों पर खुद को साबित कर पाएंगे?

ब्राउन शुगर – सबसे बड़ी चुनौती

ब्राउन शुगर, यानी मौत की धीमी खुराक, आदित्यपुर की गलियों में कई युवाओं को निगल चुकी है। इससे पहले थानेदार रहे राजीव कुमार सिंह ने इस नशे के कारोबार पर ऐसा शिकंजा कसा था कि राज्य स्तर पर उनकी चर्चा होने लगी थी। लेकिन अचानक उनका तबादला कर दिया गया।

अब जब विनोद तिर्की को कमान सौंपी गई है, तो सबसे पहले लोगों की नजर ब्राउन शुगर के खिलाफ उनकी रणनीति पर है।
उन्होंने साफ कहा है,

“अपराध और अपराधियों से कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। राजीव कुमार सिंह की तरह ही ड्रग माफियाओं पर अभियान जारी रहेगा।”

प्रशासन ने जताया भरोसा, जनता को उम्मीद

एसपी मुकेश कुमार लुणायत ने विनोद तिर्की को आदित्यपुर की कमान सौंपते हुए उन पर बड़ी जिम्मेदारी डाली है। न केवल ब्राउन शुगर बल्कि अवैध कारोबार, भूमि विवाद, चोरी और लूट जैसे अपराधों पर नियंत्रण भी उनके एजेंडे में है।

विनोद तिर्की ने भी अपने पहले बयान में जन सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा है कि अगर जनता साथ दे, तो किसी भी प्रकार के माफिया नेटवर्क को जड़ से उखाड़ा जा सकता है।

क्यों है आदित्यपुर थाना इतना अहम?

आदित्यपुर केवल एक थाना क्षेत्र नहीं है, यह औद्योगिक नगरी जमशेदपुर का पड़ोसी इलाका है। यहां की भौगोलिक स्थिति, घनी आबादी और प्रवासी जनसंख्या के चलते यह इलाका अपराधियों के लिए मुफीद ज़मीन बन चुका है।

इतिहास गवाह है कि आदित्यपुर में ब्राउन शुगर से लेकर अवैध शराब, चोरी, लूट और ब्लैकमेलिंग तक सबकुछ चलता रहा है। ऐसे में विनोद तिर्की के लिए ये जिम्मेदारी सिर्फ एक पोस्टिंग नहीं, बल्कि विश्वास की कसौटी है।

दूसरी ओर बदलाव की बयार

बुधवार को ही सरायकेला सर्किल इंस्पेक्टर बनाए गए नितिन कुमार सिंह और चांडिल सर्किल इंस्पेक्टर के रूप में रामचंद्र रजक ने भी पदभार ग्रहण किया। लेकिन सारी नजरें इस वक्त सिर्फ और सिर्फ विनोद तिर्की पर टिकी हैं — क्योंकि उन्हें एक ऐसे थाने की कमान मिली है जो हमेशा सुर्खियों में रहता है।

निष्कर्ष: नई सोच, नया नेतृत्व?

क्या विनोद तिर्की आदित्यपुर में वह बदलाव ला पाएंगे जिसकी लोग अपेक्षा कर रहे हैं?
क्या ब्राउन शुगर माफियाओं का नेटवर्क फिर से मजबूत होगा या इस बार जड़ से उखड़ जाएगा?

ये सवाल सिर्फ थाने की दीवारों तक सीमित नहीं, बल्कि जमशेदपुर के भविष्य से भी जुड़े हैं।
और अब यह देखने वाली बात होगी कि इतिहास में पहली बार आए इस ST थानेदार का कार्यकाल क्या सिर्फ रिकॉर्ड बनेगा या वास्तव में बदलाव की शुरुआत करेगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।