Bhagalpur Drama: तीन दिन की दुल्हन ने ससुराल ले जाकर प्रेमी को बताया ‘भाई’, फिर रच दिया नया इतिहास

भागलपुर में एक नवविवाहिता ने शादी के तीन दिन बाद अपने पुराने प्रेमी को 'भाई' बताकर ससुराल बुलाया और फिर ससुराल वालों से रिश्ता तोड़कर प्रेमी के साथ चली गई। यह प्रेम प्रसंग पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गया है।

Apr 23, 2025 - 14:55
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Bhagalpur Drama: तीन दिन की दुल्हन ने ससुराल ले जाकर प्रेमी को बताया ‘भाई’, फिर रच दिया नया इतिहास
Bhagalpur Drama: तीन दिन की दुल्हन ने ससुराल ले जाकर प्रेमी को बताया ‘भाई’, फिर रच दिया नया इतिहास

बिहार के भागलपुर जिले से एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई है, जिसने न सिर्फ सुल्तानगंज थाना क्षेत्र को हिला दिया है बल्कि गांव-गांव में चर्चा का विषय बन गई है। एक नवविवाहिता, जिसने हाल ही में अपने पति से सात फेरे लिए थे, उसने शादी के ठीक तीन दिन बाद ऐसा कदम उठाया, जिसने पूरे समाज को चौंका दिया।

तीन दिन की दुल्हन और प्रेमी की 'भाई' बनकर एंट्री

यह घटना 18 अप्रैल को हुई शादी से शुरू होती है। एक युवती की शादी बड़ी धूमधाम से हुई थी और ससुराल वाले भी नई बहू के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे। लेकिन किसी को क्या पता था कि ये शादी सिर्फ कुछ दिनों की मेहमान होगी।

शादी के तीन दिन बाद, युवती ने अपने पुराने प्रेमी को ससुराल बुला लिया और परिवारवालों से कहा, “ये मेरा सगा भाई है।” शुरुआती कुछ दिन सब ठीक चला, मगर घरवालों को उसके हावभाव और प्रेमी के साथ व्यवहार कुछ अजीब लगने लगे।

सच आया सामने, ससुराल में मच गया कोहराम

शक गहराया और जब युवती से पूछताछ की गई तो उसने खुद कबूल कर लिया कि वो इस शादी से खुश नहीं है और उसका असली रिश्ता उस 'भाई' से है जिसे वह ससुराल लाई थी। यह सुनते ही घर में हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया। ससुराल पक्ष स्तब्ध था, और मायके से लड़की के परिजन भी मौके पर पहुंच गए।

गांव में बना तमाशा, पुलिस नदारद

इस घटनाक्रम ने सुल्तानगंज क्षेत्र के गांवों में चर्चा का बड़ा कारण बनकर सामने आ गया है। एक तरफ लोग युवती की ईमानदारी पर सवाल उठा रहे हैं, तो दूसरी ओर कुछ लोग इसे 'सच्चे प्यार की जीत' भी कह रहे हैं।

इस पूरी घटना के दौरान कोई पुलिसिया हस्तक्षेप नहीं हुआ है, और अब तक थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है। यह मामला पूरी तरह से सामाजिक दायरे में ही हल किया गया, लेकिन इससे गांव के लोगों के बीच अविश्वास का माहौल जरूर बन गया है।

इतिहास की झलक: जब रिश्तों को समाज ने नकारा

ऐसे मामले कोई नए नहीं हैं। भारत में प्रेम विवाह बनाम पारिवारिक विवाह की खींचतान कोई आज की बात नहीं है। 1980 के दशक में भी बिहार के ही कुछ गांवों से ऐसी घटनाएं सामने आई थीं, जब लड़कियों ने शादी के बाद अपने प्रेमी से भागकर दूसरी शादी कर ली थी।

लेकिन अब सोशल मीडिया और खुले विचारों के युग में, यह सबकुछ खुलकर सामने आ रहा है। जो बातें पहले पर्दे के पीछे होती थीं, अब वो गांव की गलियों में बहस का मुद्दा बन रही हैं।

समाज की सोच या लड़की की आज़ादी?

यह घटना सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं है, यह एक लड़की की अपनी पसंद के लिए उठाई गई आवाज़ भी है। मगर सवाल यह भी है कि क्या झूठ बोलकर और परिवार के विश्वास को तोड़कर किया गया ऐसा कोई निर्णय सही कहा जा सकता है?

समाज अब ऐसे मुद्दों को लेकर दो धड़ों में बंटा नजर आता है—एक वर्ग जो इसे लड़कियों की स्वतंत्रता और अधिकारों का हिस्सा मानता है, और दूसरा वर्ग जो इसे परंपरा और विश्वास के साथ धोखा कहता है।

प्यार, धोखा या साहस?

भागलपुर की इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि रिश्तों के चेहरे बदलते देर नहीं लगती। शादी, जो भारतीय समाज में एक पवित्र बंधन मानी जाती है, अब कई बार मजबूरी या सामाजिक दबाव का रूप भी लेने लगी है।

इस मामले में युवती ने अपने दिल की सुनी और समाज को चुनौती दी, मगर उस रास्ते पर चलते हुए उसने कई भावनाओं को कुचल दिया—विशेषकर उन लोगों की, जिन्होंने उसे बहू बनाकर सम्मान दिया था।

अब देखना यह है कि क्या यह मामला सिर्फ चर्चा तक सीमित रहता है या कोई कानूनी मोड़ भी लेता है। मगर फिलहाल, भाई बने प्रेमी की कहानी गांव वालों के लिए किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।