Bokaro Tweet: "थैंक यू पाकिस्तान" लिखने वाला गिरफ्तार, पहलगाम आतंकी हमले के बाद मनाया था जश्न

बोकारो के मिल्लतनगर से एक युवक को “पाकिस्तान जिंदाबाद” का ट्वीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। युवक ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद लश्कर का समर्थन किया और आरएसएस-बीजेपी पर हमले की बात कही थी।

Apr 23, 2025 - 14:48
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Bokaro Tweet: "थैंक यू पाकिस्तान" लिखने वाला गिरफ्तार, पहलगाम आतंकी हमले के बाद मनाया था जश्न
Bokaro Tweet: "थैंक यू पाकिस्तान" लिखने वाला गिरफ्तार, पहलगाम आतंकी हमले के बाद मनाया था जश्न

झारखंड के बोकारो जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक युवक ने आतंकी हमले के बाद "थैंक यू पाकिस्तान" और "लश्कर-ए-तैयबा ज़िंदाबाद" जैसे ट्वीट्स कर देश की सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया।

ये मामला बालीडीह थाना क्षेत्र के मिल्लतनगर मखदुमपुर का है, जहाँ मो. नौशाद नामक युवक को पुलिस ने बुधवार सुबह उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।

सोशल मीडिया पर खुला ‘देशद्रोह’ का चेहरा

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कुछ सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे। इस हमले के बाद, जब पूरा देश गम और गुस्से में था, उसी वक्त मो. नौशाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक ऐसा ट्वीट किया जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

उसने लिखा—
“Thank you Pakistan, thank you Lashkar-e-Taiba, may Allah bless you always, Ameen Ameen. We will be more happy if RSS, BJP, Bajrang Dal and the media are targeted.”

इस ट्वीट के साथ ही नौशाद ने उर्दू और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में कई भड़काऊ टिप्पणियाँ कीं।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

ट्वीट की जानकारी मिलते ही बालीडीह थाना के इंस्पेक्टर नवीन कुमार सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बुधवार सुबह ही युवक को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के तुरंत बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है ताकि कोई अप्रिय स्थिति ना उत्पन्न हो।

इतिहास से सबक: सोशल मीडिया पर आतंक समर्थक गतिविधियाँ

ये पहली बार नहीं है जब सोशल मीडिया पर किसी ने आतंकवाद का समर्थन किया हो। बीते कुछ वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब आतंकी हमलों के बाद कुछ लोग या गुट खुलेआम आतंकियों की प्रशंसा करते पाए गए हैं।

2019 में पुलवामा हमले के बाद भी कुछ राज्यों से ऐसे ही ट्वीट्स करने वाले युवकों को गिरफ्तार किया गया था। ऐसी घटनाएं इस बात का संकेत देती हैं कि कट्टरपंथी विचारधाराएं कैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए जहर घोलने का काम कर रही हैं।

समुदाय में गुस्सा, प्रशासन सतर्क

मो. नौशाद की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय लोगों में भारी रोष है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने मांग की है कि ऐसे तत्वों पर देशद्रोह के तहत सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।

पुलिस ने फिलहाल युवक के मोबाइल, लैपटॉप और सोशल मीडिया खातों को जब्त कर लिया है। यह भी जांच की जा रही है कि कहीं वह किसी आतंकी नेटवर्क या संगठन से संपर्क में तो नहीं था।

क्या कहता है कानून?

भारत में आईटी एक्ट और यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act) जैसे कड़े कानून मौजूद हैं जो देशद्रोही और आतंकी विचारधारा फैलाने वालों पर कठोर सज़ा का प्रावधान करते हैं। यदि जांच में नौशाद का लिंक किसी आतंकी संगठन से जुड़ता है, तो उसे उम्रकैद या उससे भी कड़ी सजा हो सकती है।

जहाँ एक तरफ देश आतंकवाद से लड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग देश के खिलाफ खड़े हो रहे हैं — वो भी देश के भीतर से। मो. नौशाद की गिरफ्तारी न सिर्फ एक चेतावनी है बल्कि यह सोचने का मौका भी देती है कि हमारे युवा किन विचारों की तरफ खींचे जा रहे हैं।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जांच में कोई बड़ा नेटवर्क सामने आता है, या यह महज़ एक कट्टर सोच वाला व्यक्ति था जिसने सोशल मीडिया का इस्तेमाल देश की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए किया।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।