Jamshedpur Heatwave: गर्मी और लू के कारण कई स्कूलों ने बदला टाइम टेबल, अब सुबह ही खत्म होंगी क्लासेस!
जमशेदपुर में भीषण गर्मी और लू के कारण कई स्कूलों ने बदला टाइम टेबल, अब बच्चों की पढ़ाई सुबह की शिफ्ट में होगी पूरी। जानिए किन स्कूलों ने कब से लागू किया नया शेड्यूल।

Jamshedpur Heatwave के नाम पर सिर्फ गर्म हवाओं की दस्तक नहीं हो रही, बल्कि शहर की शिक्षा व्यवस्था में भी असामान्य बदलाव देखने को मिल रहे हैं। झारखंड में भीषण गर्मी और उमस से हाल बेहाल है, और इसका सीधा असर अब स्कूलों की टाइमिंग पर पड़ रहा है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य में हीटवेव अलर्ट जारी किया है, खासकर जमशेदपुर में जहां 22 अप्रैल को पारा 43 डिग्री तक पहुंच गया — जो इस सीजन का सबसे अधिक तापमान है।
अब बच्चे दोपहर की चिलचिलाती धूप से बचेंगे
गर्मी की इस भयावह स्थिति को देखते हुए जमशेदपुर के कई प्रमुख निजी स्कूलों ने अपने टाइम टेबल में बड़ा बदलाव किया है। बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्कूल प्रशासन ने क्लासेस को सुबह के समय में स्थानांतरित कर दिया है।
लोयोला स्कूल के प्रिंसिपल फादर विनोद फर्नांडिस ने बताया कि नर्सरी से लेकर कक्षा 5 तक की कक्षाएं अब दोपहर 1:30 बजे के बजाय दोपहर 12 बजे ही समाप्त कर दी जाएंगी। उन्होंने ये भी कहा कि यदि गर्मी यूं ही बढ़ती रही, तो सभी कक्षाएं सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक संचालित की जाएंगी।
कौन-कौन से स्कूलों ने किया बदलाव?
विद्या भारती चिन्मय विद्यालय ने भी अपने जूनियर सेक्शन की टाइमिंग बदल दी है। अब छात्रों को सुबह 6:45 बजे रिपोर्ट करना होगा और 11:30 बजे स्कूल छुट्टी होगी।
डीबीएमएस कदमा हाई स्कूल ने अपनी छुट्टी का समय इस प्रकार तय किया है — नर्सरी और एलकेजी के बच्चों को 11 बजे, जबकि यूकेजी से कक्षा 5 तक के छात्रों को 11:50 बजे छुट्टी मिलेगी। हालांकि, रिपोर्टिंग टाइम में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
कारमेल जूनियर कॉलेज ने तो पूरा शेड्यूल ही सुबह की शिफ्ट में बदल दिया है। अब स्कूल सुबह 6:55 बजे से लेकर 11:45 बजे तक चलेगा।
IMD का अलर्ट: 26 अप्रैल को आंधी-तूफान की भी आशंका
मौसम विभाग का कहना है कि हीटवेव की स्थिति आने वाले दिनों में और ज्यादा गंभीर हो सकती है। हालांकि 26 अप्रैल को गति से चलने वाली हवाएं और आंधी-तूफान की संभावना जताई गई है, जिससे थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन अभी स्कूलों के लिए सतर्कता बनाए रखना जरूरी है।
इतिहास भी रहा है गवाह
अगर हम इतिहास में झांकें, तो 2010 और 2015 में भी झारखंड में ऐसी ही भीषण गर्मी के कारण स्कूलों की टाइमिंग बदली गई थी। विशेषकर गर्मियों के महीनों में सरकारी और निजी स्कूलों को अस्थायी छुट्टियां या शिफ्ट में बदलाव करना पड़ा था।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि 40 डिग्री के ऊपर तापमान में बच्चों को बाहर रखना हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और चक्कर आने जैसी समस्याएं दे सकता है। यही वजह है कि स्कूल प्रबंधन समय रहते चेत गया है।
माता-पिता से अपील: पानी की बोतल और कैप जरूरी
स्कूल प्रशासन लगातार अभिभावकों से अपील कर रहा है कि वे बच्चों को पर्याप्त पानी पीने, टोपी पहनने और सूरज की सीधी किरणों से बचाने की व्यवस्था करें। खासकर छोटे बच्चों के लिए ये बेहद जरूरी है।
क्या सरकारी स्कूल भी करेंगे यही बदलाव?
फिलहाल ये बदलाव प्रमुख निजी स्कूलों ने लागू किए हैं, लेकिन अगर हीटवेव की स्थिति और बिगड़ी तो सरकारी स्कूलों को भी इसी दिशा में सोचना पड़ेगा। अभी तक राज्य सरकार की ओर से कोई आधिकारिक निर्देश नहीं आया है, लेकिन स्थितियों को देखते हुए जल्द निर्णय लिया जा सकता है।
अब केवल एक मौसम समाचार नहीं रहा, यह एक चेतावनी है — न सिर्फ प्रशासन के लिए, बल्कि हर परिवार के लिए। जब शिक्षा व्यवस्था को मौसम के हिसाब से ढलना पड़ रहा है, तब हमें भी यह समझना होगा कि जलवायु परिवर्तन केवल दूर की बात नहीं है, वह हमारे दरवाजे पर दस्तक दे चुका है।
अब वक्त है कि हम सतर्क रहें, सजग रहें और इस चुनौतीपूर्ण मौसम से खुद को और अपने बच्चों को सुरक्षित रखें।
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