Telco Mystery: आखिर क्यों दी भीम ने फांसी लगाकर जान? चुप्पी के पीछे छुपा था राज!
टेल्को के झगडू बगान इलाके में 28 वर्षीय भीम रजक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शांत स्वभाव वाले भीम की अचानक मौत ने पूरे मोहल्ले को चौंका दिया है। जानिए आखिर क्यों थम गई एक युवक की जिंदगी।

Telco Mystery में बुधवार को एक ऐसा वाकया सामने आया जिसने इलाके को हिला कर रख दिया। टेल्को थाना क्षेत्र के झगडू बगान शिवमंदिर के पास रहने वाला 28 वर्षीय भीम रजक, जो एक कार चालक था और अविवाहित था, ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
ये महज एक आत्महत्या नहीं थी, बल्कि चुप्पी में छुपा एक दर्दनाक राज़, जिसे ना कोई जान पाया, ना समझ सका।
दोपहर की खामोशी और एक सदमा
बुधवार की दोपहर, घर में सिर्फ भीम की मां मौजूद थीं। वह अपने कामों में व्यस्त थीं और उनका बेटा कुछ देर पहले ही बाहर से लौट कर आया था। किसी को अंदाज़ा नहीं था कि वो सीधा अपने कमरे में जाएगा और फांसी का फंदा बना लेगा।
छोटा भाई बाजार से लौटते ही जैसे ही कमरे के दरवाज़े के पास पहुंचा, वहां का दृश्य देखकर उसकी चीखें निकल गईं। भीम साड़ी के सहारे पंखे से लटका हुआ था। दरवाज़ा तोड़कर उसे नीचे उतारा गया और पास के एमजीएम अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शांत स्वभाव के पीछे क्या छुपा था?
परिजनों के अनुसार, भीम पिछले कुछ दिनों से काफी शांत था। वह किसी से ज्यादा बात नहीं करता था, ना ही अपने दिल की बात ज़ाहिर करता था। आसपास के लोगों ने भी बताया कि वह गुमसुम रहने लगा था।
अब सवाल उठता है — क्या वो डिप्रेशन का शिकार था? या कोई पारिवारिक, आर्थिक या मानसिक तनाव उसे भीतर ही भीतर खा रहा था?
अकेलापन और सामाजिक दबाव
इतिहास गवाह है कि भारत में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अभी भी जागरूकता की भारी कमी है। खासकर पुरुष वर्ग में, जहां उन्हें 'मजबूत' दिखने के सामाजिक दबाव में अपने जज़्बात छुपाने पड़ते हैं।
भीम रजक अविवाहित था, और समाज में एक उम्र के बाद शादी को लेकर होने वाला दबाव भी एक मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।
एक अनुमान के अनुसार, भारत में हर साल करीब 1.5 लाख लोग आत्महत्या करते हैं, जिनमें बड़ी संख्या 20 से 35 वर्ष के युवाओं की होती है।
पुलिस जुटी है जांच में
टेल्को पुलिस अस्पताल में सूचना मिलते ही पहुंच गई और मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, लेकिन परिवार और दोस्तों से पूछताछ जारी है ताकि इस कदम के पीछे की वास्तविक वजह सामने आ सके।
मोहल्ले में पसरा सन्नाटा
भीम की मौत से पूरा झगडू बगान इलाका सन्न रह गया। मोहल्ले के लोग उसे एक शांत और मेहनती लड़के के रूप में जानते थे। किसी को ये अंदाज़ा नहीं था कि अंदर ही अंदर वो किस तकलीफ से जूझ रहा था।
अब जरूरी है एक सवाल पूछना…
क्या हम अपने आसपास के लोगों के मन की आवाज़ सुन पा रहे हैं?
क्या हम सिर्फ उनके हंसते चेहरे देखकर माना लेते हैं कि सब ठीक है?
भीम की कहानी सिर्फ एक खबर नहीं है, ये चेतावनी है — समाज के हर उस व्यक्ति के लिए जो "मर्द को दर्द नहीं होता" जैसे जुमलों में विश्वास करता है।
Telco Mystery में भीम रजक की आत्महत्या ने एक बार फिर से मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ये वक्त है संवेदनशील बनने का, एक-दूसरे की खामोशियों को समझने का और वक्त रहते मदद करने का।
भीम अब नहीं है, लेकिन उसका मौन संदेश हम सब तक एक चेतावनी की तरह पहुंचा है — कि जिंदगी की लड़ाइयों में चुप रह जाना भी कभी-कभी जानलेवा हो सकता है।
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