Pahalgam Targeted Attack : क्या हिन्दू होने की सजा मौत है? पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या से कांप उठा देश!
क्या सिर्फ हिन्दू होने पर किसी को गोली मारी जा सकती है? जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला क्या सांप्रदायिक नरसंहार है?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हमला: क्या हिन्दू होना ही गुनाह है?
23 अप्रैल 2025, जमशेदपुर – जम्मू-कश्मीर के शांत और सुरम्य स्थल पहलगाम में जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। कुछ निर्दोष पर्यटकों को सिर्फ इसलिए गोली मार दी गई क्योंकि वे हिन्दू थे। यह कोई सामान्य आतंकी हमला नहीं, बल्कि इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा योजनाबद्ध सांप्रदायिक नरसंहार था, जो भारत की आत्मा को चीर गया।
इस हमले में जान गंवाने वाले निर्दोष लोगों के लिए पूरे देश में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई है। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जमशेदपुर, राष्ट्र चेतना, कोशिश – एक मुस्कान, बागबेड़ा हेल्पिंग बॉयज, विश्व हिंदू परिषद, और कई छात्र संगठनों ने मिलकर इस अमानवीय घटना के विरोध में जमशेदपुर के शहीद स्थल गोलमुरी में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया।
विरोध सभा में उमड़ा जनसैलाब
शाम 6:30 बजे, शहीद स्थल पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हर चेहरे पर गुस्सा, दुख और एक सवाल था – क्या हिन्दू होना अब इस देश में मौत की वजह बन सकता है?
कार्यक्रम की शुरुआत दीप जलाकर वीरगति प्राप्त शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई। भारत माता की जय, भारतीय सेना जिंदाबाद, वीर शहीद अमर रहें जैसे नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
वक्ताओं ने किया पाकिस्तान और इस्लामिक आतंकवाद का विरोध
कीड़ा भारती झारखंड प्रांत मंत्री राजीव कुमार और शिव शंकर सिंह ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कड़े शब्दों में निंदा की।
राष्ट्र चेतना के आशीष झा ने कहा, "यह सिर्फ एक हमला नहीं, यह हमारे अस्तित्व पर सवाल है। जब तक हम इन हमलों को रोकने की सामूहिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाते, तब तक शांति सिर्फ एक सपना बनी रहेगी।"
वीर शहीदों को दी गई सच्ची श्रद्धांजलि
पूर्व सैनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष विनय यादव ने कहा, “पहलगाम में शहीद हुए हमारे नागरिकों और सैनिकों की शहादत को हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे। यह देश याद रखेगा और इसका जवाब भी देगा।”
संगठन के महामंत्री जितेंद्र सिंह, सत्येंद्र कुमार सिंह, प्रवीण पांडे, डीएन सिंह, हरि सिंह सांडिल, राजीव सिंह, मनोज कुमार, और अन्य नेताओं ने भी शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सभा में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
राष्ट्र के प्रति संकल्प
सभा के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने एक स्वर में संकल्प लिया –
"देश कभी नहीं झुका है, और कभी झुकेगा नहीं। जो भी इस देश की अखंडता को चुनौती देगा, उसका मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा।"
कोशिश के बंटी सिंह ने कहा, “अब समय आ गया है कि हम सिर्फ मोमबत्ती जलाकर न बैठें, बल्कि अपने हक और सुरक्षा के लिए संगठित होकर आवाज उठाएं।”
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