क्या एमजीएम अस्पताल में मरीजों से वसूली जा रही है मनमानी राशि? जानिए सच्चाई
एमजीएम अस्पताल में एजेंसी द्वारा मनमानी किराया वसूली और एंबुलेंस हादसे के मामले ने मचाया हड़कंप। क्या गरीब मरीजों को मिल रही है सही सेवा? जानिए पूरी कहानी।
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जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल में एजेंसी द्वारा मरीजों से मनमानी राशि वसूलने और एंबुलेंस दुर्घटना के मामले ने सभी को चौंका दिया है। अस्पताल के विभिन्न जगहों पर एजेंसी ने अपना नाम और मोबाइल नंबर तो लिखा है, लेकिन किराए का विवरण गायब है, जिससे मरीजों को सही जानकारी नहीं मिल रही और मनमानी वसूली की जा रही है।
मनमानी वसूली का मामला
पोटका के एक मरीज की मृत्यु के बाद, उनके परिजनों से घर पहुंचाने के लिए 25 सौ रुपये मांगे गए जबकि वास्तविक किराया 800-900 रुपये ही था। एजेंसी के चालक विनोद द्वारा मांगी गई यह राशि अत्यधिक थी। जब एजेंसी के दूसरे चालक निवारण मंडल ने इसका विरोध किया तो विनोद ने उसकी पिटाई कर दी।
एंबुलेंस दुर्घटना
एजेंसी के एक चालक ने शराब पीकर अस्पताल की एंबुलेंस को दुर्घटनाग्रस्त कर दिया। यह एंबुलेंस पिछले एक महीने से अस्पताल में बेकार पड़ी है और धूल खा रही है।
गरीब मरीजों का शोषण
निवारण मंडल ने बताया कि एजेंसी को शुरुआती दस किलोमीटर तक के लिए 500 रुपये और उसके बाद 9 रुपये प्रति किमी की दर से किराया लेना है। लेकिन एजेंसी 15 रुपये से 18 रुपये या उससे भी अधिक राशि वसूल रही है। यह स्थिति बीपीएल वर्ग के लिए और भी गंभीर है, जिनके लिए सेवा नि:शुल्क होनी चाहिए।
क्या है असली सच्चाई?
इस विवाद के बाद निवारण मंडल ने अपने 4 महीने के बकाये वेतन की मांग की, लेकिन एजेंसी के संचालक ज्ञान ने उसे धमकाकर काम पर आने से मना कर दिया। निवारण ने बताया कि उसने गरीब परिजनों की मदद के लिए 1500 रुपये में निजी एंबुलेंस से शव को भिजवाया।
एमजीएम अस्पताल में मरीजों से हो रही इस मनमानी वसूली और एंबुलेंस की दुर्दशा पर अस्पताल प्रशासन और एजेंसी की चुप्पी सवाल खड़े करती है। क्या गरीब मरीजों को सही सेवा मिल रही है या फिर वे शोषण का शिकार हो रहे हैं?
इस खबर ने एमजीएम अस्पताल की सेवाओं और एजेंसी की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या होगा इसका समाधान? जानने के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ।
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