Ghaziabad Achievement: पिता-पुत्र की जोड़ी ने राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया शहर का मान

गाजियाबाद के साहित्यकार नागेन्द्र त्रिपाठी और उनके पुत्र सौरभ त्रिपाठी 'रवि' ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में सफलता पाकर शहर और प्रदेश का गौरव बढ़ाया।

Sep 27, 2025 - 20:12
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Ghaziabad Achievement: पिता-पुत्र की जोड़ी ने राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया शहर का मान
Ghaziabad Achievement: पिता-पुत्र की जोड़ी ने राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया शहर का मान

कहते हैं कि प्रतिभा व विरासत जब एक ही घराने से आती है, तो इतिहास बन जाता है। गाजियाबाद के पिता-पुत्र की इस अनोखी जोड़ी ने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराकर न सिर्फ शहर बल्कि पूरे प्रदेश का गौरव बढ़ा दिया है।

बेटे की उपलब्धि: राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में सफलता

गाजियाबाद निवासी सौरभ त्रिपाठी 'रवि', जो भारत सरकार के राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) में कार्यरत हैं, ने हाल ही में हिंदी पखवाड़ा 2025 के तहत आयोजित प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
इस प्रतियोगिता में शब्द श्रृंखला खेल, आशुकला गतिविधि, हिंदी वर्तनी और कविता प्रतियोगिता जैसी कठिन परीक्षाओं में हजारों प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।

प्रतियोगिता में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए सौरभ को आयोग के ज्वाइंट रजिस्ट्रार द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं नकद राशि देकर सम्मानित किया गया।

पूर्व की उपलब्धियां

सौरभ की यह सफलता पहली नहीं है। इससे पूर्व उन्होंने नवोदय विद्यालय संगठन की अखिल भारतीय परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर 24वां स्थान और उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की संयुक्त मेरिट सूची में 5वां स्थान हासिल किया था।
उनके बड़े भाई चंदन त्रिपाठी, जो वर्तमान में यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर हैं, भी दिल्ली विश्वविद्यालय के गोल्ड मेडलिस्ट रह चुके हैं और कई बार जिले का नाम राष्ट्रीय मंच पर रोशन कर चुके हैं।

पिता की सफलता: साहित्य में गूँजा नाम

पुत्र की इस सफलता से पूर्व ही पिता नागेन्द्र त्रिपाठी, जो एक वरिष्ठ साहित्यकार हैं, ने अपने लेखन के दम पर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। हाल ही में उन्होंने साहित्य कमल समूह द्वारा आयोजित अखिल भारतीय काव्य लेखन प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।

नागेन्द्र त्रिपाठी की अब तक 12 एकल पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें “जीवन के पथरीले पथ पर” और “कबिरा की काशी” विशेष रूप से पाठकों के बीच सराही गईं। इसके अलावा, उन्होंने 88 साझा संकलनों में सहलेखक और संपादक की भूमिका निभाई है।
उनके लेखन को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।

गाजियाबाद की साहित्यिक परंपरा

गाजियाबाद, जो आमतौर पर उद्योग और शिक्षा के लिए जाना जाता है, साहित्य और कला की दुनिया में भी अपनी पहचान रखता है। यहाँ के कई कवि, साहित्यकार और कलाकार समय-समय पर राष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं। नागेन्द्र त्रिपाठी इसी परंपरा के ध्वजवाहक हैं, और अब उनके पुत्र भी इस गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

पिता-पुत्र की जोड़ी बनी मिसाल

साहित्य और सेवा—दोनों क्षेत्रों में यह परिवार गाजियाबाद का मान बढ़ा रहा है। एक ओर पिता साहित्यिक रचनाओं से समाज को दिशा दे रहे हैं, वहीं पुत्र प्रशासनिक और अकादमिक गतिविधियों में निपुणता का परिचय देकर राष्ट्रीय स्तर पर गाजियाबाद की पहचान बना रहे हैं।

समाज के लिए प्रेरणा

निस्संदेह, पिता-पुत्र की यह उपलब्धि उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो मेहनत और लगन से आगे बढ़ना चाहते हैं। यह साबित करता है कि यदि परिवार में शिक्षा, अनुशासन और साहित्य की संस्कृति हो, तो नई पीढ़ी और भी बड़े मुकाम हासिल कर सकती है।

गाजियाबाद के नागेन्द्र त्रिपाठी और सौरभ त्रिपाठी 'रवि' ने यह दिखा दिया कि एक ही परिवार की दो पीढ़ियाँ जब अपनी-अपनी दिशा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं, तो शहर ही नहीं, पूरा प्रदेश गौरवान्वित होता है।
आज यह जोड़ी गाजियाबाद की पहचान बन चुकी है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरक उदाहरण भी।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।