Delhi में Poetry Event: नवांकुर साहित्य सभा ने किया युवा लेखकों का सम्मान
दिल्ली में नवांकुर साहित्य सभा द्वारा कवि सम्मेलन और "काव्यांकुर ग्यारह" पुस्तक का लोकार्पण। देशभर के 16 प्रतिभाशाली कवियों को सम्मानित किया गया। जानिए इस प्रेरणादायक कार्यक्रम की खास बातें।
नई दिल्ली के गीतांजलि सभागार में बीते शनिवार, नवांकुर साहित्य सभा ने एक भव्य कवि सम्मेलन और पुस्तक लोकार्पण का आयोजन किया। इस साहित्यिक समारोह ने न केवल युवा लेखकों को मंच प्रदान किया, बल्कि साहित्य के प्रति समर्पण को नया आयाम भी दिया।
सरस्वती वंदना से हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के अध्यक्ष अशोक कश्यप द्वारा सरस्वती वंदना के साथ हुई। इस पारंपरिक शुरुआत ने कार्यक्रम को गरिमा और संस्कृति का स्पर्श दिया।
सम्मानित हुए देशभर के 16 युवा साहित्यकार
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में देशभर से चयनित 16 प्रतिभाशाली युवा कवियों को सम्मानित किया गया। यह चयन एक सख्त प्रक्रिया के तहत किया गया, जिसमें निर्णायक मंडल में देश के प्रतिष्ठित साहित्यकार जैसे डॉ. बाल स्वरूप राही, लक्ष्मी शंकर वाजपेई, नरेश शांडिल्य, और अशोक कश्यप शामिल थे।
सम्मानित कवियों को अपनी रचनाओं को मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर भी मिला, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव साबित हुआ।
सम्मानित कवि:
- अश्वनी कुमार राघव
- अनंत सपरे
- सुरभि रावत
- मोहित नेगी
- सुप्रिया सिंह
- दीपा डिंगोलिया
- अखंड प्रकाश
- अरुण कुमार
- वेद भारती
- कुसुम सिंघल
- श्रीयांश गुप्ता
- मनदीप कौर
- प्रीति टुटेजा
- सत्यनारायण साहू
- सीमा शर्मा
- शीतलचंद्र शर्मा
"काव्यांकुर ग्यारह" पुस्तक का लोकार्पण
कार्यक्रम के दौरान, नवांकुर साहित्य सभा की नई पुस्तक "काव्यांकुर ग्यारह" का लोकार्पण भी किया गया। यह पुस्तक उन चयनित कवियों की रचनाओं का संग्रह है, जिन्हें इस कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।
मंच संचालन और प्रबंधन
कार्यक्रम का संचालन के. शंकर सौम्य ने किया, जो अपने काव्यात्मक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। वहीं, प्रबंधन की जिम्मेदारी मृणालिनी पानेसर ने बखूबी निभाई।
वरिष्ठ साहित्यकारों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में देश के वरिष्ठ साहित्यकारों ने भी हिस्सा लिया, जिनमें रेवा शर्मा, अनिल मीत, और अशोक कश्यप जैसे नाम शामिल थे। इनके मार्गदर्शन और अनुभवों ने युवा कवियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
नवांकुर साहित्य सभा: साहित्य को समर्पित एक संस्था
नवांकुर साहित्य सभा, साहित्य के क्षेत्र में उभरती प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए जानी जाती है। यह संस्था उन युवा लेखकों और कवियों को मंच प्रदान करती है, जिनकी रचनात्मकता समाज में बदलाव और जागरूकता लाने की क्षमता रखती है।
इतिहास की झलक: कवि सम्मेलन की परंपरा
कवि सम्मेलन भारत की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा हैं। प्राचीन काल से ही यह परंपरा सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर विचार व्यक्त करने का माध्यम रही है। नवांकुर साहित्य सभा इसी परंपरा को नई पीढ़ी के साथ जोड़ने का काम कर रही है।
युवा कवियों के लिए बड़ा मौका
यह कार्यक्रम उन युवा कवियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना, जिन्हें देश के शीर्ष साहित्यकारों के सामने अपनी रचनाएं प्रस्तुत करने का अवसर मिला। यह उनके साहित्यिक सफर में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
कार्यक्रम की झलकियां
- देशभर के 16 युवा कवियों का सम्मान।
- "काव्यांकुर ग्यारह" का लोकार्पण।
- वरिष्ठ साहित्यकारों की उपस्थिति और मार्गदर्शन।
- मंच संचालन और प्रबंधन का शानदार तालमेल।
साहित्यिक आयोजनों का महत्व
नवांकुर साहित्य सभा का यह आयोजन साहित्य के क्षेत्र में उभरती प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने का बेहतरीन प्रयास है। इस प्रकार के कार्यक्रम समाज को साहित्यिक दृष्टिकोण से समृद्ध करते हैं और सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखते हैं।
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