Bihar Elections 2025: अमित शाह की हाईलेवल बैठक में तय हो सकता है 15 विधायकों का भविष्य
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बैठक में 15 से 18 सीटिंग विधायकों का टिकट कट सकता है। उम्मीदवार चयन प्रक्रिया और पार्टी की रणनीति पर खास चर्चा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार से दो दिन के बिहार दौरे पर हैं। इस दौरान वह राज्य में कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे और बीजेपी नेताओं के साथ अहम बैठकें करेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में कई विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। खासकर करीब डेढ़ दर्जन (15 से 18) सीटिंग विधायकों का टिकट काटे जाने की संभावना है।
दो दिनों की मैराथन बैठक
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर 24 और 25 सितंबर को पटना में प्रदेश बीजेपी कोर कमेटी की बैठकें हुईं। दो दिनों तक चली इन बैठकों में लगभग 15 घंटे तक समीक्षा की गई।
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बैठक में अलग-अलग जिलों की जमीनी स्थिति पर चर्चा हुई।
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पार्टी ने संगठन की तैयारी, बूथ स्तर की स्थिति और स्थानीय मुद्दों पर फीडबैक लिया।
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बैठक में यह भी तय किया गया कि उम्मीदवारों का चयन पारदर्शी तरीके से किया जाएगा, ताकि पार्टी की छवि मजबूत बनी रहे।
अमित शाह के मॉडल पर उम्मीदवार चयन
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उम्मीदवार चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का निर्देश दिया। इसके तहत:
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सभी दावेदारों की लंबी सूची तैयार की जाएगी।
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इसे शॉर्टलिस्ट कर मजबूत दावेदारों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा।
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अंतिम निर्णय दिल्ली स्थित बीजेपी दफ्तर में लिया जाएगा।
केंद्र को भेजे जाने वाले नामों में प्रत्येक विधानसभा सीट पर 4-5 उम्मीदवारों के नाम शामिल होंगे। इसके बाद इन नामों की स्क्रूटनी कर जो सबसे योग्य पाया जाएगा, वही पार्टी का उम्मीदवार घोषित होगा।
सीटिंग विधायकों का संकट
दो दिनों की बैठक में सबसे अहम मुद्दा रहा सीटिंग विधायकों की स्थिति।
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करीब 15 से 18 विधायकों का टिकट कटने का खतरा मंडरा रहा है।
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इसमें प्रमुख रूप से वे विधायक शामिल हैं जो पार्टी के प्रति वफादार साबित नहीं हुए।
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2024 में एनडीए सरकार के शक्ति परीक्षण में जिनकी भूमिका संदिग्ध रही, उन्हें इस बार टिकट नहीं मिल सकता।
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70 साल से अधिक उम्र वाले और कम सक्रिय विधायकों के लिए भी संकट है।
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वहीं, बहुत कम अंतर से जीतने वाले 13 विधायकों का टिकट भी कटने की संभावना है।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी सर्वे और कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया के आधार पर यह सूची तैयार कर रही है। इन विधायकों के टिकट कटने से चुनावी स्ट्रेटेजी और समीकरण भी बदल सकते हैं।
बैठक का रणनीतिक महत्व
बीजेपी के लिए यह बैठक राजनीतिक रणनीति और चुनावी मजबूती के लिहाज से बेहद अहम थी।
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अमित शाह के आने से केंद्रीय नेतृत्व की निगरानी बढ़ गई।
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पार्टी अब जमीनी स्तर पर लोकप्रिय और प्रभावशाली उम्मीदवारों को आगे लाना चाहती है।
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टिकट कटने वाले विधायकों के लिए यह भविष्य में राजनीतिक करियर की परीक्षा भी साबित होगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार में बीजेपी की इस रणनीति से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं, खासकर उन सीटों पर जहां पिछले चुनाव में बहुत कम अंतर से जीत हुई थी।
आगे की कार्रवाई
अगले कुछ दिनों में दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व की बैठक होगी, जिसमें अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की स्क्रूटनी की जाएगी।
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सीटिंग विधायकों के लिए यह समय संकट और अवसर दोनों है।
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पार्टी का लक्ष्य है कि 2025 विधानसभा चुनाव में मजबूत और निष्पक्ष उम्मीदवारों की सूची तैयार की जाए।
इस फैसले का असर न केवल बीजेपी के भीतर संगठनात्मक ढांचे पर पड़ेगा, बल्कि चुनाव के परिणाम और राजनीतिक समीकरणों पर भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
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