West Singhbhum Shock: पांड्रासाली में युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, परिवार में मचा कोहराम
पश्चिमी सिंहभूम के पांड्रासाली में 26 वर्षीय टूरा गोप ने पेड़ में फांसी लगाकर आत्महत्या की। पुलिस जांच में जुटी, परिवार में गहरा शोक, दो बच्चे और गर्भवती पत्नी प्रभावित।
पश्चिमी सिंहभूम, पांड्रासाली ओपी क्षेत्र में गुरुवार की रात एक दु:खद और रहस्यमय घटना सामने आई, जिसने पूरे गालूबासा गांव को सकते में डाल दिया। 26 वर्षीय टूरा गोप ने पेड़ में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक का शव उसके घर से लगभग आधा किलोमीटर दूर मिला।
परिवार और व्यक्तिगत स्थिति
टूरा गोप विवाहित था और उसके दो छोटे बच्चे हैं। उसकी पत्नी इस समय गर्भवती है, और परिवार में अब गहरा शोक और चिंता पसरी हुई है। मृतक के चाचा मुनिलाल गोप ने बताया कि टूरा गोप की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, और वह अक्सर तनाव और चिंता में रहता था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि टूरा गोप गांव में एक शांत और परिश्रमी व्यक्ति के रूप में जाना जाता था। उसकी अचानक मौत ने सभी को हैरान और स्तब्ध कर दिया।
घटना का पता और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
शुक्रवार सुबह गांव के कुछ युवा खेल के लिए मैदान जा रहे थे, तभी उन्होंने पेड़ पर युवक का शव लटका देखा।
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तुरंत ग्रामीणों ने मुंडा राबिन बानरा को सूचना दी।
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मुंडा ने इस घटना की रिपोर्ट पांड्रासाली ओपी को दी।
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ओपी प्रभारी मृणाल कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे।
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शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल, चाईबासा भेजा गया।
पुलिस ने कहा कि फिलहाल यह मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है, लेकिन कारणों की जांच की जा रही है।
गांव में स्थिति और स्थानीय प्रतिक्रिया
घटना की खबर फैलते ही गालूबासा गांव में गहरा शोक और तनाव फैल गया।
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ग्रामीणों ने बताया कि युवक के परिवार पर दुःख और आर्थिक दबाव भी था।
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बच्चे और गर्भवती पत्नी अब असुरक्षित और भयभीत महसूस कर रही हैं।
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गांव के लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक सहायता प्रदान की जाए।
पांड्रासाली और आसपास के इलाके में इस तरह की आत्महत्या पहली बार नहीं हुई है। पिछले कुछ वर्षों में मानसिक तनाव, बेरोजगारी और सामाजिक दबाव के कारण कई युवा इसी तरह की घटनाओं के शिकार हुए हैं।
मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक पहल
विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दिया जाता, जिससे तनाव और अवसाद के मामले बढ़ रहे हैं।
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ग्रामीण क्षेत्र में काउंसलिंग सेंटर और हेल्पलाइन की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
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पुलिस और सामाजिक संगठन मिलकर परिवारों की मदद कर सकते हैं।
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बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा और भावनात्मक समर्थन अब प्राथमिकता बनना चाहिए।
घटना ने यह भी दिखाया कि समाज और प्रशासन के बीच संपर्क और सहयोग जरूरी है ताकि मानसिक दबाव के कारण होने वाले ऐसे हादसों को रोका जा सके।
पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई
पांड्रासाली ओपी पुलिस मामले की गहन छानबीन कर रही है।
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परिवार और आसपास के लोगों से पूछताछ जारी है।
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आत्महत्या के संभावित कारणों की जानकारी जुटाई जा रही है।
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि मौत स्वेच्छा से हुई या अन्य किसी कारण से।
पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध परिस्थिति या मानसिक तनाव के संकेत पर तुरंत ओपी को सूचित करें।
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