जमशेदपुर में सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य: सुरक्षा के लिए नया आदेश, 60 दिनों में करना होगा लागू

जमशेदपुर की एसडीओ पारुल सिंह ने सभी प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया है। आदेश के तहत बैंक, एटीएम, दुकानों, पेट्रोल पंप, मॉल और अन्य स्थानों पर कैमरे लगाना 60 दिनों के भीतर अनिवार्य होगा।

Aug 22, 2024 - 19:05
Aug 22, 2024 - 19:09
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जमशेदपुर में सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य: सुरक्षा के लिए नया आदेश, 60 दिनों में करना होगा लागू
जमशेदपुर में सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य: सुरक्षा के लिए नया आदेश, 60 दिनों में करना होगा लागू

जमशेदपुर (झारखंड): जमशेदपुर की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, जिले की एसडीओ पारुल सिंह ने सभी तरह के प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया है। यह आदेश डीजीपी के निर्देशों के आलोक में पारित किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य शहर में होने वाली किसी भी आपराधिक गतिविधि पर नज़र रखना और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

एसडीओ पारुल सिंह ने बीएनएसएस की धारा 163 (सीआरपीसी की धारा 144) के तहत यह आदेश पारित किया है, जिसके अनुसार शहर के सभी महत्वपूर्ण स्थलों पर उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी होगा। यह निर्देश सीधे तौर पर बैंक, एटीएम, ज्वेलरी की दुकानें, पेट्रोल पंप, होटल, रेस्टोरेंट, शराब की दुकानें, मल्टीस्टोरी फ्लैट, हाउसिंग सोसाइटी, बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड, पेड पार्किंग, प्राइवेट हॉस्टल, अस्पताल, मॉल, और दवा दुकानों सहित सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर लागू होगा।

क्यों अनिवार्य किया गया सीसीटीवी कैमरा?

जमशेदपुर में हाल के दिनों में अपराध की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि सभी प्रमुख स्थानों पर कैमरे लगाए जाएं ताकि शहर की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इससे न केवल पुलिस को निगरानी करने में मदद मिलेगी, बल्कि अपराधियों पर भी लगाम लगेगी।

कैमरे की गुणवत्ता और सुरक्षा प्रोटोकॉल

यह सुनिश्चित किया गया है कि लगाए जाने वाले कैमरों की गुणवत्ता उच्च स्तर की होनी चाहिए, ताकि वे स्पष्ट रिकॉर्डिंग कर सकें। इन कैमरों में या तो रिकॉर्डिंग की सुविधा होनी चाहिए या फिर लाइव फीड को सीधे क्लाउड में स्टोर किया जाना चाहिए।

प्रत्येक प्रतिष्ठान के भीतर और बाहर, कैमरे लगाए जाएंगे ताकि सार्वजनिक स्थानों और पब्लिक एरिया की निगरानी हो सके। यह भी कहा गया है कि कैमरों की संख्या इतनी होनी चाहिए कि प्रतिष्ठान के आसपास के क्षेत्रों में आम जनता के आने-जाने वाले मार्गों की पूरी निगरानी हो सके।

साथ ही, प्रतिष्ठानों को यह भी ध्यान रखना होगा कि सीसीटीवी कैमरों से किसी की निजता भंग न हो। उन क्षेत्रों में, जहां महिलाएं, बच्चे या अन्य संवेदनशील व्यक्ति रहते हैं, कैमरों का कवरेज नहीं होगा।

निजी संस्थानों की जवाबदेही

हर ऐसे प्रतिष्ठान का प्रबंधन यह सुनिश्चित करेगा कि लगाए गए सीसीटीवी कैमरे सही तरीके से काम कर रहे हों। अगर सीसीटीवी में रिकॉर्डिंग सिस्टम है, तो रिकॉर्डिंग कम से कम 15 दिनों तक सुरक्षित रखनी होगी। यदि रिकॉर्डिंग क्लाउड में भेजी जा रही है, तो यह सुनिश्चित करना होगा कि 15 दिनों तक डेटा सुरक्षित रहे।

प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि प्रतिष्ठानों को यह जिम्मेदारी उठानी होगी कि अगर स्थानीय पुलिस या थाना प्रभारी किसी अवधि की रिकॉर्डिंग मांगते हैं, तो उसे तुरंत उपलब्ध कराया जाएगा।

आदेश का पालन जरूरी, 60 दिनों की समय सीमा

यह आदेश 14 अक्टूबर तक लागू करने का निर्देश दिया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी प्रतिष्ठान ने 60 दिनों के भीतर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए बीएनएस की धारा 223 (आईपीसी की धारा 188) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा, जो कानून के उल्लंघन का सीधा परिणाम होगा।

आदेश का स्वागत और चुनौतियाँ

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, इस आदेश का अधिकांश प्रतिष्ठान मालिकों ने स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह कदम शहर में अपराधों को रोकने में मददगार साबित होगा और इससे उनके प्रतिष्ठानों की सुरक्षा भी बढ़ेगी। हालांकि, कुछ छोटे व्यापारियों ने इस आदेश को लेकर चिंता व्यक्त की है, खासकर उन प्रतिष्ठानों के लिए, जिनके पास सीमित बजट है।

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।