Ranchi Operation: लोडेड देशी कट्टा लेकर घूम रहे अपराधी रंगेहाथ दबोचे, बड़ा खुलासा संभव
रांची पुलिस के एंटी क्राइम अभियान में तुपुदाना थाना क्षेत्र से दो अपराधी लोडेड देशी कट्टा और जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार। क्या बड़ी वारदात की तैयारी थी? पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
झारखंड की राजधानी रांची में अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस लगातार सघन अभियान चला रही है। मंगलवार रात को पुलिस की इसी मुहिम के दौरान एक बड़ी सफलता हाथ लगी। पुलिस ने एंटी क्राइम चेकिंग अभियान में दो अपराधियों को रंगेहाथ दबोच लिया, जिनके पास से लोडेड देशी कट्टा और जिंदा कारतूस बरामद हुआ।
बारह माइल चौक पर सख्त निगरानी
25 सितंबर की रात वरीय पुलिस पदाधिकारी के निर्देश पर तुपुदाना थाना क्षेत्र के बारह माइल चौक पर विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा था। यह इलाका रांची और खूंटी को जोड़ता है और अपराधियों की आवाजाही का अहम रूट माना जाता है। रात करीब 11 बजे पुलिस की पैनी निगाह एक आर-15 बाइक पर पड़ी, जो तेज रफ्तार से आ रही थी।
जैसे ही पुलिस ने बाइक रुकवाने का इशारा किया, सवार भागने की कोशिश करने लगे। लेकिन पहले से सतर्क जवानों ने घेराबंदी कर दोनों को दबोच लिया।
हथियारों से भरा बैग और गमछे में बंधा कट्टा
तलाशी लेने पर पुलिस को वो मिला जिसकी आशंका पहले से थी। बाइक चला रहे युवक के बैग से गमछे में बंधा लोडेड देशी कट्टा और एक जिंदा कारतूस मिला। वहीं दूसरे आरोपी के पास से भी कारतूस बरामद किया गया। गिरफ्तार युवकों की पहचान लुकस होरो और नितेश केरकेट्टा के रूप में हुई है।
पुलिस ने दोनों को तुरंत हिरासत में लेकर धुर्वा थाना पहुंचाया और आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली।
आपराधिक इतिहास की जांच
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, लुकस और नितेश दोनों ही संदिग्ध आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े हो सकते हैं। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि कहीं वे किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी तो नहीं कर रहे थे। रांची पुलिस ने इनके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड, नेटवर्क और संपर्कों की जांच शुरू कर दी है।
रांची में अपराध और पुलिस का इतिहास
अगर इतिहास की तरफ नजर डालें तो रांची और आसपास का इलाका पहले से ही आपराधिक गतिविधियों का गढ़ माना जाता रहा है। 90 के दशक में राजधानी में अपराधियों के गिरोह खुलेआम गोलियां बरसाते थे। धीरे-धीरे संगठित अपराध पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू किया, लेकिन छोटे गैंग और असामाजिक तत्व अब भी सक्रिय हैं।
इस पृष्ठभूमि में पुलिस का यह अभियान और भी अहम हो जाता है। हथियारों की बरामदगी इस बात का संकेत है कि अपराधी अब भी राजधानी में सक्रिय हैं और अवसर पाते ही बड़ी घटनाओं को अंजाम देने में पीछे नहीं हटते।
पुलिस की रणनीति और सतर्कता
रांची पुलिस पिछले कुछ महीनों से एंटी क्राइम चेकिंग अभियान चला रही है। इसका मकसद न सिर्फ अपराधियों को पकड़ना है, बल्कि उनके हौसले पस्त करना भी है। शहर के संवेदनशील इलाकों में लगातार नाकाबंदी और चेकिंग की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अपराधियों को यह संदेश देना जरूरी है कि राजधानी में अब उनकी कोई जगह नहीं।
जनता की भूमिका भी अहम
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों का मानना है कि अपराध पर रोक तभी लग सकती है जब समाज भी पुलिस का साथ दे। हाल के वर्षों में देखा गया है कि कई मामलों में आम लोगों की सूचना और सहयोग से पुलिस को अपराधियों तक पहुंचने में सफलता मिली है।
रांची पुलिस की इस कार्रवाई ने न सिर्फ दो अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि अपराध चाहे कितना ही संगठित क्यों न हो, पुलिस की सतर्कता और जनता का सहयोग मिलकर उसे रोक सकता है।
अब देखना यह है कि लुकस और नितेश की गिरफ्तारी से कौन-सा आपराधिक नेटवर्क बेनकाब होता है और क्या राजधानी एक और बड़े अपराध से बच पाई है।
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