India Captain: सूर्यकुमार यादव के बयान से मचा बवाल, पाकिस्तान की शिकायत पर आईसीसी का बड़ा एक्शन
एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान मुकाबले के बाद सूर्यकुमार यादव पर राजनीतिक टिप्पणी को लेकर विवाद। आईसीसी ने 30% मैच फीस का जुर्माना लगाया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

भारत और पाकिस्तान के बीच मैदान पर हर भिड़ंत सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं रहती, यह दोनों देशों की राजनीति, इतिहास और भावनाओं से भी गहराई से जुड़ी रहती है। एशिया कप 2025 के ग्रुप मैच के बाद एक बार फिर यही नजारा देखने को मिला, जब भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव पर उनके बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया।
पाकिस्तान की शिकायत और आईसीसी का जुर्माना
14 सितंबर को पाकिस्तान पर शानदार जीत के बाद सूर्यकुमार यादव ने मैच के बाद कहा था—
"हम पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और सशस्त्र बलों के साथ खड़े हैं। यह जीत उन्हें समर्पित है।"
सूर्या का यह बयान तुरंत चर्चा का विषय बन गया। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इसे राजनीतिक टिप्पणी करार देते हुए आईसीसी में शिकायत दर्ज करा दी। परिणामस्वरूप टूर्नामेंट आयोजकों ने शुक्रवार को जानकारी दी कि सूर्यकुमार पर मैच फीस का 30% जुर्माना लगाया गया है।
आईसीसी मैच रेफरी रिची रिचर्डसन ने मामले की सुनवाई करते हुए सूर्यकुमार को चेतावनी दी कि वे आगे किसी भी ऐसे बयान से बचें, जिसे राजनीतिक रूप से देखा जा सकता है।
तनाव क्यों बढ़ा?
पाकिस्तान की नाराजगी सिर्फ बयान तक सीमित नहीं थी। भारत ने मैच से पहले टॉस के समय और बाद में पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हैंडशेक करने से इनकार कर दिया था। इससे दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद तनाव और भी बढ़ गया।
इतिहास गवाह है कि जब भी भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होते हैं, तो यह मुकाबला सिर्फ खेल नहीं, बल्कि करोड़ों दर्शकों के दिलों की धड़कन बन जाता है। और अगर इसमें राजनीति या भावनाएं जुड़ जाएं, तो मामला और भी संवेदनशील हो जाता है।
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट की ऐतिहासिक जंग
भारत और पाकिस्तान का क्रिकेट इतिहास उतना ही पुराना है जितना दोनों देशों का विभाजन। 1952 में पहली बार दोनों टीमें भिड़ीं और तब से लेकर आज तक हर मैच को "हाई वोल्टेज क्लैश" कहा जाता है।
1999 वर्ल्ड कप में कारगिल युद्ध के बीच हुआ मुकाबला, 2003 वर्ल्ड कप में सचिन तेंदुलकर की धमाकेदार पारी, 2007 वर्ल्ड टी20 फाइनल और हालिया एशिया कप 2022 के मैच—हर बार दर्शकों की भावनाएं उफान पर रही हैं। इस बार भी कहानी कुछ अलग नहीं।
सूर्या का बयान और उसकी गूंज
सूर्यकुमार यादव का बयान उन शहीदों और सुरक्षाबलों को समर्पित था, जिनकी बहादुरी को भारत कभी भूल नहीं सकता। खासकर पहलगाम आतंकी हमला, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। शायद इसी वजह से उनका बयान भारतीय फैंस के बीच लोकप्रिय हुआ, लेकिन पाकिस्तान ने इसे राजनीतिक रंग दे दिया।
अब सवाल यह है कि क्या खेल और राजनीति को पूरी तरह अलग किया जा सकता है? इतिहास बताता है कि भारत-पाकिस्तान मैचों में यह लगभग असंभव है।
रविवार का फाइनल और बढ़ती दिलचस्पी
भारत और पाकिस्तान इस टूर्नामेंट में पहले ही दो बार आमने-सामने आ चुके हैं। लेकिन अब असली जंग 28 सितंबर को होने जा रही है—एशिया कप 2025 का फाइनल।
इस विवाद के बाद फाइनल को लेकर दर्शकों की उत्सुकता और भी बढ़ गई है। क्या मैदान पर सिर्फ बल्ला और गेंद ही बोलेगा या बयानबाजी और राजनीतिक तनाव भी इस जंग को और तीखा बना देंगे?
सूर्यकुमार यादव पर जुर्माना लगने के बावजूद भारतीय फैंस का मानना है कि उन्होंने देश की भावना व्यक्त की। वहीं पाकिस्तान की शिकायत ने इस मैच को सिर्फ क्रिकेट से कहीं आगे का मुद्दा बना दिया।
अब पूरा एशिया और दुनिया की नजरें रविवार के फाइनल पर टिकी हैं, जहां एक बार फिर भारत बनाम पाकिस्तान की ऐतिहासिक भिड़ंत देखने को मिलेगी।
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