BSNL 4G launch : बीएसएनएल 4जी से डिजिटल इंडिया में नया ऐतिहासिक कदम
प्रधानमंत्री मोदी इस शनिवार बीएसएनएल के स्वदेशी 4जी नेटवर्क का शुभारंभ करेंगे। 98 हजार साइटों पर रोलआउट से देशभर में तेज इंटरनेट और डिजिटल इंडिया में बड़ा बदलाव।

देश के दूरसंचार क्षेत्र में एक ऐतिहासिक दिन आने वाला है। इस शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल के 4जी नेटवर्क की शुरुआत करेंगे। यह सिर्फ एक तकनीकी लॉन्च नहीं बल्कि भारत के स्वदेशी टेक्नोलॉजी की ताकत का प्रदर्शन भी है।
बीएसएनएल का 4जी नेटवर्क पूरे देश में 98 हजार साइटों पर रोलआउट होगा और यह पूरी तरह से भारतीय तकनीक पर आधारित है। इसे तैयार करने में सी-डॉट (C-DOT), तेजस नेटवर्क और टीसीएस की अहम भूमिका रही है। इस नेटवर्क की खासियत यह है कि इसे आसान तरीके से 5जी नेटवर्क में अपग्रेड किया जा सकेगा।
स्वदेशी तकनीक का जलवा
बीएसएनएल 4जी इसलिए भी खास है क्योंकि यह दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक है, जो 4जी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को खुद विकसित और सप्लाई कर सकते हैं। इसके साथ ही भारत की दूरसंचार यात्रा में यह एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस ऐतिहासिक क्षण को लेकर ट्वीट किया, “भारत की दूरसंचार यात्रा में ऐतिहासिक छलांग, बीएसएनएल के 25 साल पूरे होने के अवसर पर देशभर में 4जी रोलआउट।”
पीछे रहकर भी अब आगे की तैयारी
बीएसएनएल भले ही प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों जैसे जियो, एयरटेल और वीआइ की तुलना में 4जी लॉन्च में थोड़ा पीछे रही, लेकिन अब यह 5जी में बराबर की टक्कर देने की तैयारी में है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बीएसएनएल इस साल के अंत तक दिल्ली और मुंबई में अपनी 5जी सेवाएं भी शुरू कर सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्वदेशी नेटवर्क से न सिर्फ बीएसएनएल के मौजूदा 9 करोड़ से अधिक वायरलेस सब्सक्राइबर लाभान्वित होंगे, बल्कि कई यूजर्स, जो नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्टिविटी की वजह से बीएसएनएल का साथ छोड़ चुके थे, अब वापस लौट सकते हैं।
सस्ते प्लान, बेहतर कवरेज
बीएसएनएल के रिचार्ज प्लान प्राइवेट कंपनियों की तुलना में सस्ते हैं, और अब 4जी नेटवर्क के साथ यह डिजिटल इंडिया मिशन में एक बड़ा योगदान देने वाला है।
-
कोर नेटवर्क को C-DOT ने तैयार किया।
-
रेडियो एक्सेस नेटवर्क को तेजस नेटवर्क ने डेवेलप किया।
-
पूरे सिस्टम का इंटीग्रेशन टीसीएस ने किया।
इस पूरी प्रक्रिया में तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियों के बावजूद बीएसएनएल ने यह साबित कर दिया कि स्वदेशी टेक्नोलॉजी के दम पर बड़े नेटवर्क को सफलतापूर्वक रोलआउट किया जा सकता है।
इतिहास और महत्व
बीएसएनएल की स्थापना 25 साल पहले हुई थी, और इस दौरान यह सरकारी टेलिकॉम सेक्टर की शक्ति और भरोसेमंद सेवा के लिए जाना जाता रहा। लेकिन कई सालों तक नेटवर्क और इंटरनेट स्पीड की कमी के कारण इसे यूजर्स का समर्थन नहीं मिल सका।
अब स्वदेशी 4जी नेटवर्क के लॉन्च के साथ:
-
पूरे देश में तेज़ और भरोसेमंद इंटरनेट सेवा उपलब्ध होगी।
-
ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी बेहतर डिजिटल कवरेज मिलेगा।
-
बीएसएनएल का नेटवर्क 5जी अपग्रेड के लिए तैयार होगा, जिससे भविष्य की डिजिटल मांग पूरी हो सकेगी।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम न केवल बीएसएनएल की वापसी का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की डिजिटल साक्षरता और तकनीकी आत्मनिर्भरता को भी मजबूत करेगा।
What's Your Reaction?






