Chandra Grahan 2025 : आज रात चंद्रग्रहण में चमकेगा ब्लड मून - क्या करें और क्या न करें, जानें हर जरूरी बात!

चंद्रग्रहण 2025 में ब्लड मून देखने को तैयार? जानें क्या करें और क्या न करें! मंत्र जाप, दान, और सावधानियों से बचें नकारात्मक प्रभाव। पूरी जानकारी यहाँ!

Sep 7, 2025 - 12:01
Sep 7, 2025 - 17:54
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Chandra Grahan 2025 : आज रात चंद्रग्रहण में चमकेगा ब्लड मून -  क्या करें और क्या न करें, जानें हर जरूरी बात!
Chandra Grahan 2025 : आज रात चंद्रग्रहण में चमकेगा ब्लड मून - क्या करें और क्या न करें, जानें हर जरूरी बात!

नई दिल्ली, 7 सितंबर 2025: आज रात भारत एक अद्भुत खगोलीय घटना का गवाह बनेगा, जब चाँद तीन रंगों—सफेद, नारंगी और गहरे लाल—में नजर आएगा। यह पूर्ण चंद्रग्रहण, जिसे "ब्लड मून" भी कहा जाता है, रात 8:58 बजे शुरू होगा और तड़के 2:25 बजे तक चलेगा। इस साढ़े पाँच घंटे की अवधि में चाँद का रंग बदलता हुआ देखना न केवल खगोल प्रेमियों के लिए रोमांचक है, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। लेकिन इस चंद्रग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए और किन बातों से बचना चाहिए? आइए, विस्तार से जानते हैं ताकि आप इस खास मौके का लाभ उठा सकें और किसी भी नकारात्मक प्रभाव से बच सकें।

चंद्रग्रहण क्या है और क्यों खास है?

चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है, जिससे पृथ्वी की छाया चाँद पर पड़ती है। नैनीताल के एरीज (Aryabhatta Research Institute of Observational Sciences) के वैज्ञानिकों के अनुसार, इस दौरान सूर्य की किरणें पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरती हैं, और नीली किरणें बिखरने के कारण लाल और नारंगी किरणें चाँद तक पहुँचती हैं। यही वजह है कि चाँद गहरा लाल या नारंगी दिखता है, जिसे "ब्लड मून" कहा जाता है। इस बार का ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा और पितृपक्ष के दौरान पड़ रहा है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और बढ़ गया है।

ग्रहण का समय:

  • शुरुआत: रात 8:58 बजे (उपछाया)
  • आंशिक ग्रहण: रात 9:57 बजे
  • पूर्ण ग्रहण (चरम): रात 11:42 बजे
  • समाप्ति: तड़के 1:26 बजे (8 सितंबर)

यह ग्रहण भारत में पूरी तरह दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा। सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा और ग्रहण समाप्ति तक चलेगा।

चंद्रग्रहण के दौरान क्या करें?

चंद्रग्रहण न केवल एक वैज्ञानिक घटना है, बल्कि हिंदू धर्म और ज्योतिष में भी इसका विशेष महत्व है। इस दौरान कुछ कार्य करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और जीवन में शांति और समृद्धि आती है। यहाँ कुछ सुझाव हैं:

  1. दान-पुण्य करें: ग्रहण काल में दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। चावल, दूध, घी, सफेद वस्त्र, और चांदी का दान करने से चंद्र दोष कम होता है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है। पितृपक्ष में यह दान और भी फलदायी होता है।
    • कैसे करें: स्थानीय मंदिरों या जरूरतमंदों को ये वस्तुएँ दान करें।
    • क्यों जरूरी: मान्यता है कि यह पितरों को प्रसन्न करता है और नकारात्मक प्रभावों से बचाता है।
  2. मंत्र जाप और भजन-कीर्तन: इस समय भगवान का स्मरण और मंत्र जाप करना शुभ होता है। विशेष रूप से शिव जी का महामृत्युंजय मंत्र ("ॐ त्र्यम्बकं यजामहे...") और चंद्रमा का मंत्र "ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः" का जाप करें। अपने इष्ट देव के मंत्र भी जप सकते हैं।
    • कैसे करें: शांत स्थान पर बैठकर माला से जाप करें।
    • क्यों जरूरी: यह मन को शांति देता है और नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है।
  3. धार्मिक ग्रंथों का पाठ: भगवद गीता, रामचरितमानस, या अन्य धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करें। यह मन को सकारात्मक ऊर्जा देता है और आध्यात्मिक विकास में मदद करता है।
    • कैसे करें: घर में शांत कोने में बैठकर पाठ करें।
  4. श्राद्ध और तर्पण: पितृपक्ष में होने के कारण, ग्रहण से पहले श्राद्ध, तर्पण, या हवन करना शुभ है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
    • कैसे करें: पंडित की सलाह से सुबह जल्दी श्राद्ध कर्म करें, क्योंकि सूतक दोपहर में शुरू होगा।
  5. स्नान और शुद्धिकरण: ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और घर में गंगाजल का छिड़काव करें। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और पवित्रता लाता है।
    • कैसे करें: गंगाजल उपलब्ध न हो तो साफ पानी का उपयोग करें।
  6. तुलसी पत्र का उपयोग: ग्रहण से पहले भोजन और पानी में तुलसी के पत्ते डालें। मान्यता है कि तुलसी के जीवाणुरोधी गुण भोजन को नकारात्मक ऊर्जा से बचाते हैं।

चंद्रग्रहण के दौरान क्या न करें?

हिंदू धर्म में ग्रहण काल को नकारात्मक शक्तियों का समय माना जाता है। सूतक काल में कुछ कार्यों से बचना चाहिए, क्योंकि ये अशुभ माने जाते हैं और जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

  1. मूर्तियों या मंदिर को न छुएँ: ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है। इसलिए देवी-देवताओं की मूर्तियों को छूना या पूजा स्थल को खुला छोड़ना अशुभ है।
    • क्या करें: घर के मंदिर को लाल या पीले कपड़े से ढक दें।
  2. तुलसी, पीपल, या बरगद को न छुएँ: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन पवित्र पौधों को छूने से दोष लग सकता है।
    • क्या करें: ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर इन्हें स्पर्श करें।
  3. नकारात्मक लोगों या स्थानों से दूर रहें: नकारात्मक विचारों वाले लोगों से मिलने, झगड़ा करने, या वाद-विवाद में पड़ने से बचें। यह पारिवारिक शांति को भंग कर सकता है।
  4. शारीरिक संबंध बनाने से बचें: ग्रहण काल में दांपत्य संबंध बनाना अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
  5. नुकीली वस्तुओं का उपयोग न करें: चाकू, सुई, या कैंची जैसी नुकीली चीजों का इस्तेमाल करने से बचें। नाखून या बाल काटना भी अशुभ है।
  6. गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानी: गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर निकलने या नुकीली चीजें छूने से मना किया जाता है, क्योंकि मान्यता है कि यह माँ और बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है।
  7. भोजन और खाना पकाने से बचें: सूतक काल में भोजन पकाना या खाना वर्जित है। पहले से बने भोजन को तुलसी पत्र डालकर सुरक्षित रखें।
  8. शुभ कार्य टालें: विवाह, गृह प्रवेश, या नए प्रोजेक्ट शुरू करना ग्रहण के दौरान अशुभ माना जाता है।

धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

वैज्ञानिक दृष्टिकोण: चंद्रग्रहण एक प्राकृतिक घटना है, जिसमें कोई टेलीस्कोप की जरूरत नहीं। इसे नंगी आँखों से देखा जा सकता है। यह खगोल प्रेमियों के लिए अध्ययन और आनंद का अवसर है।

धार्मिक महत्व: पितृपक्ष में होने के बावजूद, पंडितों का कहना है कि इस ग्रहण का सूतक श्राद्ध कर्म पर प्रभाव नहीं डालेगा। फिर भी, सूतक के दौरान मंदिरों के पट बंद रहेंगे और पूजा-पाठ सीमित रहेगा।

ज्योतिषीय प्रभाव: यह ग्रहण कुंभ राशि में होगा, जिसका कुछ राशियों (कर्क, सिंह, तुला, मकर, कुंभ, मीन) पर असर हो सकता है। इन राशियों को सावधानी बरतनी चाहिए।


ब्लड मून देखने की तैयारी कैसे करें?

  • स्थान: खुले आसमान के नीचे, जहाँ रोशनी का प्रदूषण कम हो।
  • उपकरण: कोई जरूरत नहीं, लेकिन दूरबीन से और स्पष्ट दृश्य मिल सकता है।
  • सुरक्षा: चंद्रग्रहण देखना पूरी तरह सुरक्षित है।
  • फोटोग्राफी: अगर फोटो लेना चाहते हैं, तो ट्राइपॉड और लो-लाइट सेटिंग्स का उपयोग करें।

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Brij Mohan Shah Brijmohan Shah, जिन्होंने भूगोल में स्नातक किया है, राजनीति, धर्म, सामाजिक गतिविधियों और तकनीकी विषयों पर गहन विशेषज्ञता रखते हैं।