Jamshedpur Accident: तेज़ रफ़्तार बाइक ने ली एक युवक की जान, दूसरा ICU में भर्ती
जमशेदपुर के पोटका थाना क्षेत्र में हाता-जादूगोड़ा रोड पर तेज़ रफ़्तार बाइक हादसे ने एक युवक की जान ले ली। पश्चिम बंगाल के रघुनाथपुर का दूसरा युवक गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

जरा सोचिए, सुबह का वक्त हो, सड़क पर आवाजाही सामान्य हो और अचानक चीख-पुकार मच जाए—कुछ ऐसा ही नज़ारा शनिवार को जमशेदपुर के पोटका थाना क्षेत्र में हाता-जादूगोड़ा रोड पर देखने को मिला।
तेज़ रफ़्तार का ऐसा कहर टूटा कि एक बाइक सवार युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा युवक अस्पताल की चौखट पर ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।
हादसे की पूरी कहानी
शनिवार की सुबह करीब 10 बजे दो युवक बाइक पर सवार होकर हाता-जादूगोड़ा रोड से गुजर रहे थे। बाइक की रफ़्तार इतनी तेज़ थी कि अचानक मोड़ पर वह बेकाबू हो गई और सीधे सड़क किनारे बनी एक पक्की दीवार से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए और सवार सड़क पर गिर पड़े।
मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक हादसे की आवाज़ इतनी तेज़ थी कि आसपास के लोग दौड़ते हुए घटनास्थल पर पहुंचे। वहां का मंजर दिल दहला देने वाला था—एक युवक ज़मीन पर बेसुध पड़ा था और दूसरा खून से लथपथ कराह रहा था।
कौन थे ये युवक?
मृतक युवक की पहचान पश्चिम बंगाल के रघुनाथपुर स्थित धाबनी गांव के निवासी के रूप में हुई। उसके साथ सवार घायल युवक का नाम सुशांत महतो है, जो उसी गांव का रहने वाला है। सुशांत को तत्काल पोटका के स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर रेफर करने की तैयारी शुरू कर दी।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही पोटका थाना पुलिस मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि बाइक किसकी थी और आखिर इतनी तेज़ रफ़्तार से युवक क्यों दौड़ा रहे थे।
सड़क हादसों का इतिहास
हाता-जादूगोड़ा रोड का यह हिस्सा पहले से ही "ब्लैक स्पॉट" के नाम से बदनाम है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं। सड़क संकरी है और कई जगहों पर अचानक मोड़ आ जाता है। तेज़ रफ़्तार में वाहन चलाने वालों के लिए यह सड़क मौत का जाल साबित हो चुकी है।
साल 2023 में भी इसी रोड पर दो स्कूली छात्र हादसे का शिकार हुए थे। स्थानीय प्रशासन ने कई बार यहां गति-सीमा के बोर्ड लगाए, लेकिन रफ़्तार पर लगाम लगाना अब तक चुनौती बना हुआ है।
गुस्से में ग्रामीण
हादसे के बाद आसपास के ग्रामीणों ने प्रशासन से कड़ी नाराज़गी जताई। उनका कहना है कि पुलिस सिर्फ हादसे के बाद सक्रिय होती है। अगर समय रहते रफ़्तार पर रोक लगाई जाती तो शायद इस युवक की जान बच सकती थी। ग्रामीणों ने सड़क पर स्पीड ब्रेकर लगाने और ट्रैफिक पेट्रोलिंग बढ़ाने की मांग की है।
युवाओं में बाइक स्टंट और रफ़्तार का जुनून
विशेषज्ञ बताते हैं कि युवाओं में रफ़्तार और बाइक स्टंट का जुनून लगातार बढ़ रहा है। यह हादसा भी उसी का नतीजा हो सकता है। पिछले कुछ वर्षों में जमशेदपुर और आसपास के इलाकों में तेज़ रफ़्तार बाइकिंग ने कई घरों के चिराग बुझाए हैं।
इंसानी लापरवाही या सिस्टम की चूक?
यह सवाल अब भी खड़ा है कि आखिर ऐसे हादसों के लिए कौन ज़िम्मेदार है—लापरवाह बाइक सवार या प्रशासन जो खतरनाक सड़कों पर ट्रैफिक प्रबंधन नहीं कर पाता। लेकिन सच्चाई यही है कि हर हादसा एक परिवार को ज़िंदगीभर का दर्द दे जाता है।
आखिर में…
इस हादसे ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि सड़क पर रफ़्तार कभी भी जानलेवा साबित हो सकती है। पश्चिम बंगाल के उस युवक का परिवार अब हमेशा के लिए अपने बेटे को खो चुका है, जबकि दूसरा युवक अभी भी मौत से जूझ रहा है।
क्या इस घटना के बाद प्रशासन जागेगा और हाता-जादूगोड़ा रोड पर सुरक्षा इंतज़ाम बढ़ाएगा, या यह सड़क हादसों का "डेथ स्पॉट" बनी रहेगी—यह बड़ा सवाल है।
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