Dumka Murder : पोते ने ही दादी को उतारा मौत के घाट, वजह जानकर दंग रह जाएंगे
दुमका में जमीन और पैसों के विवाद ने खून-खराबे का रूप ले लिया। पोते ने महज इसलिए अपनी दादी की हत्या कर दी क्योंकि वह नाती-नातिन को अधिक महत्व देती थी। पुलिस ने आरोपी को 24 घंटे में गिरफ्तार कर हथियार बरामद कर लिया।

झारखंड का दुमका जिला एक ऐसी सनसनीखेज वारदात का गवाह बना जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। यहां एक पोते ने अपनी ही दादी को मौत के घाट उतार दिया, और वजह ऐसी थी जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया। महज नाती-नातिन को तवज्जो देने और जमीन के पैसों के बंटवारे में उपेक्षा ने इस घटना को अंजाम तक पहुंचा दिया।
घटना कैसे हुई?
पिछले शुक्रवार की भोर करीब तीन बजे मंझलाडीह स्थित करमटोला गांव की 65 वर्षीय सुमिधान हांसदा अपने घर में सो रही थीं। तभी किसी ने डंडे से उनके सिर पर जोरदार प्रहार किया। खून से लथपथ वृद्धा की मौके पर ही मौत हो गई। सुबह होते ही गांव में हड़कंप मच गया। पुलिस को खबर दी गई और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
दुमका पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की। मृतका के नाती सबुधन मरांडी के बयान पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज हुआ। एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई। पुलिस ने सबसे पहले पारिवारिक सदस्यों से गहन पूछताछ की, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला। तभी जमीन और पैसों के विवाद का एंगल सामने आया।
आरोपी पोते ने कबूला अपराध
पुलिस ने शक के आधार पर मृतका के पोते होपोनटा उर्फ जलपा हेम्ब्रम को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने हैरान कर देने वाला खुलासा किया। आरोपी ने बताया कि दादा-दादी हमेशा अपनी संपत्ति और जमीन बेचने के बाद के पैसे नाती-नातिन (यानी बेटी के बच्चों) को दे देते थे। जबकि वह और उसके माता-पिता अलग घर में रहते थे और पैसों की मांग करने पर दादा-दादी नाराज़ हो जाते थे। चार दिन पहले इसी मुद्दे पर उसकी दादी से तीखा झगड़ा हुआ था। गुस्से में उसने हत्या की योजना बना ली और घटना वाले दिन उसे अंजाम दे दिया।
बरामद हुआ हत्या का हथियार
पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर खून से सना डंडा भी बरामद कर लिया है। इसके बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि यह केस न केवल पारिवारिक विवाद का नतीजा है, बल्कि लालच और रिश्तों की कमजोर होती डोर की भी बड़ी मिसाल है।
दुमका और पारिवारिक विवादों का इतिहास
दुमका और संथाल परगना क्षेत्र में जमीन-जायदाद को लेकर पारिवारिक विवाद की घटनाएं नई नहीं हैं। इतिहास गवाह है कि इस इलाके में संपत्ति के बंटवारे को लेकर कई बार खून-खराबा हुआ है। सामाजिक जानकारों का कहना है कि संयुक्त परिवार टूटने और आर्थिक तंगी के चलते पैसों को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। पिछले दशक में ही इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें नजदीकी रिश्तेदार ही हत्यारे साबित हुए।
समाज के लिए सवाल
यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि समाज के लिए एक बड़ा सवाल है। क्या वाकई पैसों और संपत्ति का लालच इंसान को इतना अंधा बना सकता है कि वह अपने ही खून को बहा दे? नाती-नातिन को प्राथमिकता देने का जो विवाद शुरू हुआ, उसने एक वृद्धा की जान ले ली और पोते की जिंदगी जेल की सलाखों में खत्म कर दी।
दुमका का यह हत्याकांड इस बात की चेतावनी है कि पारिवारिक विवादों को समय रहते सुलझाना कितना जरूरी है। पुलिस की तेजी से आरोपी पकड़ में आ गया, लेकिन गांव में अब भी मातम का माहौल है। रिश्तों की बुनियाद पर जब लालच हावी हो जाए, तो उसका नतीजा कितना भयावह हो सकता है, यह घटना उसकी जीती-जागती मिसाल है।
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