लखनऊ, 20 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश के होनहार छात्रों के सपनों को अब नई उड़ान मिलने जा रही है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने यूनाइटेड किंगडम के फॉरेन, कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस (एफसीडीओ) के साथ एक ऐतिहासिक समझौता किया। इस समझौते के तहत "चेवनिंग-अटल बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश स्टेट गवर्नमेंट स्कॉलरशिप स्कीम" की शुरुआत हुई, जो हर साल पांच मेधावी छात्रों को ब्रिटेन की शीर्ष यूनिवर्सिटियों में मास्टर्स डिग्री हासिल करने का सुनहरा अवसर देगी। यह समझौता लखनऊ में ब्रिटिश हाई कमिश्नर लिंडी कैमरन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में हस्ताक्षरित हुआ।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गर्व और उत्साह के साथ कहा, "यह स्कॉलरशिप योजना उत्तर प्रदेश के शिक्षा तंत्र को नया आयाम देगी। हमारे युवा अब वैश्विक मंच पर नेतृत्व और उत्कृष्टता का परचम लहराएंगे।" उनकी आवाज में न केवल विश्वास था, बल्कि उन हजारों माता-पिताओं की उम्मीदें भी झलक रही थीं, जो अपने बच्चों के लिए बड़े सपने देखते हैं।
सपनों को पंख देगी यह योजना
2025-26 शैक्षणिक सत्र से शुरू होने वाली यह योजना अगले तीन साल तक चलेगी, जिसके बाद 2028-29 से इसे नवीनीकरण की संभावना है। इस स्कॉलरशिप के तहत ट्यूशन फीस, परीक्षा और शोध शुल्क, रहने का खर्च, और ब्रिटेन आने-जाने का हवाई किराया शामिल होगा। प्रति छात्र लागत लगभग 45-48 लाख रुपये (38,048 से 42,076 पाउंड) अनुमानित है, जिसमें से उत्तर प्रदेश सरकार 23 लाख रुपये (लगभग 19,800 पाउंड) का योगदान देगी, और शेष राशि एफसीडीओ वहन करेगा।
मुख्यमंत्री ने छात्रों से इस अवसर को दोनों हाथों से थामने की अपील की। उन्होंने कहा, "यह केवल आपके लिए नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के गौरव का अवसर है। आपकी मेहनत और लगन यूपी को नई पहचान देगी।"
भारत-ब्रिटेन संबंधों का नया युग
ब्रिटिश हाई कमिश्नर लिंडी कैमरन ने इस पहल को भारत और ब्रिटेन के बीच बढ़ते रिश्तों का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "यह स्कॉलरशिप न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि दोनों देशों के बीच दोस्ती और सहयोग को और मजबूत करेगी।" हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा और वहां हस्ताक्षरित व्यापार समझौते व विजन 35 ने इस दिशा में नए रास्ते खोले हैं।
ऑक्सफोर्ड-कैम्ब्रिज जैसे विश्वविद्यालयों में पढ़ाई का मौका
इस स्कॉलरशिप के तहत छात्र ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज, एडिनबर्ग, और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस (एलएसई) जैसे विश्व प्रसिद्ध संस्थानों में पढ़ाई कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि इस योजना के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है।
माता-पिता और छात्रों के लिए एक भावुक संदेश
यह योजना सिर्फ एक स्कॉलरशिप नहीं, बल्कि उन माता-पिताओं के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो अपने बच्चों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मंच पर देखना चाहते हैं। यह उन मेहनती छात्रों के लिए है, जो रात-दिन पढ़ाई में जुटे रहते हैं, ताकि एक दिन उनका नाम उनके परिवार और प्रदेश का गौरव बन सके।
जैसा कि एक माता-पिता ने कहा, "हमारे लिए यह गर्व का पल है कि हमारे बच्चे अब विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में पढ़ सकेंगे। यह योजना हमारे बच्चों के सपनों को सच करने का माध्यम बनेगी।"