Jagannathpur Elephant Attack : हाथी ने उठाकर पटका! जगन्नाथपुर में जंगली हाथी ने 32 वर्षीय युवक की जान ली, गांव में फैली दहशत!

पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में एक जंगली हाथी ने बुधवार सुबह सिरका चातार नामक 32 वर्षीय युवक की जान ले ली। युवक हाथी को करीब से देखने गया था, तभी हाथी ने उसपर हमला कर दिया। पिछले कई दिनों से इलाके में हाथियों का झुंड डेरा डाले हुए था। वन विभाग ने जांच शुरू कर दी है।

Oct 23, 2025 - 16:03
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Jagannathpur Elephant Attack : हाथी ने उठाकर पटका! जगन्नाथपुर में जंगली हाथी ने 32 वर्षीय युवक की जान ली, गांव में फैली दहशत!
Jagannathpur Elephant Attack : हाथी ने उठाकर पटका! जगन्नाथपुर में जंगली हाथी ने 32 वर्षीय युवक की जान ली, गांव में फैली दहशत!

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में मानव और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष की पुरानी समस्या एक बार फिर एक दर्दनाक हादसे के रूप में सामने आई है। जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के भनगांव पंचायत अंतर्गत जयरामडीह टोला में बुधवार सुबह एक जंगली हाथी ने आतंक मचाते हुए एक 32 वर्षीय युवक की जान ले ली। मृतक की पहचान सिरका चातार के रूप में हुई है, जो टोला कुंडियासाईं का रहने वाला था। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने न सिर्फ इलाके में मातम फैला दिया है, बल्कि वन विभाग की लापरवाही पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मौत का खौफनाक दृश्य: सूंड से पटकने के बाद मौके पर मौत

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से हाथियों का एक झुंड लगातार गांव के पास जंगल में डेरा डाले हुए था। बुधवार सुबह सिरका चातार हाथी को करीब से देखने के लिए वहां पहुंचा। यह उत्सुकता ही उसकी जान लेने का कारण बन गई। जैसे ही युवक हाथी के करीब पहुंचा, अचानक झुंड में से एक हाथी ने उसपर जबरदस्त हमला कर दिया।

हाथी ने गुस्से में आकर युवक को अपनी सूंड से कई बार जमीन पर पटका। यह दृश्य इतना भयानक था कि आसपास मौजूद लोग भी कुछ नहीं कर सके। हाथी के इस क्रूर हमले के कारण सिरका चातार की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना से पूरे भनगांव और आसपास के इलाकों में मातम और गहरी दहशत का माहौल है। लोग अब अपने घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं।

वन विभाग पर लापरवाही के गंभीर आरोप

यह मानव-हाथी संघर्ष झारखंड के लिए कोई नई बात नहीं है। पिछले कई दशकों से, जंगल के कटने और हाथियों के पारंपरिक रास्तों पर मानवीय हस्तक्षेप के कारण, हाथियों के झुंड लगातार आबादी वाले इलाकों में घुसकर खेतों और जानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

ग्रामीणों का गुस्सा इस बात से भी ज्यादा है कि हाथियों का झुंड कई दिनों से गांव के पास घूम रहा था, इसकी सूचना बार-बार वन विभाग को दी गई थी, लेकिन विभाग की ओर से हाथियों को सुरक्षित क्षेत्र में भगाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीणों के लिए अब सवाल यह है कि अगर वन विभाग समय पर कदम उठाता, तो क्या सिरका चातार की जान बचाई जा सकती थी?

सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी और जगन्नाथपुर थाना पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची। अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया और स्थिति का जायजा लिया। स्थानीय लोगों ने कहा है कि प्रशासन हाथियों की बढ़ती गतिविधियों पर तत्काल नियंत्रण करे और उन्हें उनके प्राकृतिक वास में भेजने की व्यवस्था करे, ताकि भविष्य में किसी और को अपनी जान न गंवानी पड़े।

आपकी राय में, झारखंड में मानव-हाथी संघर्ष को स्थायी रूप से कम करने और हाथियों को गांवों में प्रवेश करने से रोकने के लिए वन विभाग को कौन से दो सबसे प्रभावी और समुदाय आधारित कदम उठाने चाहिए?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।