America visa cancel : भारत के टॉप अधिकारियों पर बड़ा अमेरिकी एक्शन, ड्रग्स तस्करी के आरोपों से मचा हड़कंप

अमेरिका ने भारत के टॉप अधिकारियों का वीजा रद्द कर दिया है। उन पर फेंटेनाइल प्रीकर्सर ड्रग्स की तस्करी में शामिल होने का आरोप है। इस कदम ने भारत-अमेरिका संबंधों पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

Sep 18, 2025 - 19:24
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America visa cancel : भारत के टॉप अधिकारियों पर बड़ा अमेरिकी एक्शन, ड्रग्स तस्करी के आरोपों से मचा हड़कंप
America visa cancel : भारत के टॉप अधिकारियों पर बड़ा अमेरिकी एक्शन, ड्रग्स तस्करी के आरोपों से मचा हड़कंप

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक टैरिफ व रूस से तेल आयात को लेकर बढ़ते तनाव के बीच अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है। अमेरिका ने भारत के कुछ टॉप कॉर्पोरेट और व्यापारिक अधिकारियों का वीजा कैंसल कर दिया है। यह कदम उस समय उठाया गया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल देशों को कड़े संदेश दिए थे।

 वीजा रद्द होने की वजह

अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को घोषणा की कि जिन भारतीय अधिकारियों के वीजा रद्द किए गए हैं, उन पर आरोप है कि वे प्रतिबंधित ड्रग फेंटेनाइल के प्रीकर्सर रसायनों की तस्करी में शामिल रहे हैं। यही नहीं, अब उनके करीबी परिवारजन भी अमेरिका की यात्रा के लिए अयोग्य हो सकते हैं।

दूतावास ने कहा कि यह कदम अमेरिकियों को खतरनाक सिंथेटिक ड्रग्स से बचाने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

ट्रंप की चेतावनी के बाद आया ऐक्शन

यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस चेतावनी के तुरंत बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि ड्रग्स तस्करी करने वाले और नशीले पदार्थ बनाने वाले देशों को अब गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

भारत उन 23 देशों की लिस्ट में शामिल था जिनकी गतिविधियों पर अमेरिका नजर रख रहा था। अब वीजा कैंसल के फैसले ने यह संकेत दिया है कि वॉशिंगटन इस मुद्दे पर किसी तरह का समझौता नहीं करेगा।

फेंटेनाइल: दुनिया का सबसे घातक सिंथेटिक ड्रग

फेंटेनाइल नामक यह सिंथेटिक ड्रग हेरोइन और मॉर्फिन से कई गुना ज्यादा खतरनाक माना जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, केवल कुछ मिलीग्राम खुराक ही घातक साबित हो सकती है।

अमेरिका में हाल के वर्षों में लाखों लोगों की मौत ओवरडोज से हुई है और इनमें से बड़ी संख्या फेंटेनाइल से जुड़ी रही है। यही वजह है कि अमेरिकी प्रशासन इसे “राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट” मानकर देखता है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

साल 2023 में अमेरिकी प्रशासन ने साफ कहा था कि चीन और भारत दोनों ही अवैध फेंटेनाइल प्रीकर्सर और गोली बनाने वाले उपकरणों के बड़े स्रोत हैं। मार्च 2024 में वॉशिंगटन डीसी की एक संघीय अदालत ने भारत की एक केमिकल कंपनी के तीन कर्मचारियों पर आरोप भी तय किए थे।

यानी, यह मुद्दा नया नहीं है बल्कि पिछले कई सालों से अमेरिका-भारत रिश्तों के बीच एक विवादित पहलू बना हुआ है।

अमेरिकी दूतावास का बयान

नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने विज्ञप्ति जारी कर कहा:
"जो लोग नशीले पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल हैं, उन्हें और उनके परिवारों को ऐसे परिणाम भुगतने होंगे जिनमें अमेरिका में प्रवेश से वंचित होना भी शामिल है।"

दूतावास ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने इस खतरे से निपटने में कई स्तरों पर सहयोग दिया है और वॉशिंगटन उसकी सराहना करता है।

भारत पर क्या असर?

भारत लंबे समय से खुद को एक जिम्मेदार राष्ट्र और वैश्विक फार्मा हब बताता आया है। ऐसे में अमेरिकी आरोप और वीजा कैंसिलेशन उसके कॉर्पोरेट और डिप्लोमैटिक इमेज पर सवाल खड़े करते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम सिर्फ दवाओं की तस्करी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत-अमेरिका संबंधों में दबाव की एक नई परत भी जोड़ सकता है। खासकर उस समय जब भारत रूस से तेल आयात बढ़ा रहा है और टैरिफ विवाद पर अमेरिका से आमने-सामने खड़ा है।

आगे क्या?

विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले महीनों में अमेरिका और भारत के बीच इस मुद्दे पर कई दौर की बातचीत हो सकती है। यदि भारत इस पर सख्त कदम उठाता है तो यह विवाद कुछ हद तक शांत हो सकता है। लेकिन यदि अमेरिका की जांच में और नाम सामने आते हैं, तो दोनों देशों के रिश्तों में और कड़वाहट आ सकती है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।