America Friendship Sank with Ukraine : अमेरिका की दोस्ती, यूक्रेन को ले डूबी: रूस के खिलाफ भड़काया, अब पीठ दिखा रहा है!
अमेरिका की दोस्ती यूक्रेन को ले डूबी! रूस के खिलाफ उकसाने के बाद अब अमेरिका ने यूक्रेन का साथ छोड़ दिया। क्या अमेरिका का असली मकसद सिर्फ फायदा उठाना था? पढ़ें पूरी रिपोर्ट!

अमेरिका का छल (America Friendship Sank with Ukraine) : पहले दोस्ती, फिर पीठ में छुरा!
"दुश्मन से ज्यादा खतरनाक नकली दोस्त होता है!" – यह कहावत यूक्रेन के हालात पर बिल्कुल फिट बैठती है। अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ भड़काया, सुरक्षा और सहायता का झूठा वादा किया, और अब जब हालात खराब हो चुके हैं, तो अमेरिका हाथ खींचने की धमकी दे रहा है।
अमेरिका ने यूक्रेन को रूस से लड़ने के लिए उकसाया!
रूस और यूक्रेन के बीच शांति कायम रह सकती थी, लेकिन अमेरिका ने इसमें जहर घोल दिया। अमेरिका ने यूक्रेन को लगातार रूस के खिलाफ उकसाया, युद्ध का समर्थन किया, और आर्थिक व सैन्य मदद का भरोसा दिया। लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का बयान साफ कर देता है कि अमेरिका की मंशा यूक्रेन की मदद नहीं, बल्कि उसका शोषण करना था।
ट्रम्प ने धमकी भरे लहजे में कहा कि अगर यूक्रेन को अमेरिकी मदद चाहिए, तो उसे 500 बिलियन डॉलर के रेयर अर्थ मिनरल्स (दुर्लभ खनिज) देने होंगे। वरना अमेरिका तुरंत अपनी मदद बंद कर देगा।
यानी, अमेरिका ने यूक्रेन को युद्ध में झोंक दिया और अब उसकी मजबूरी का फायदा उठा रहा है।
अब अमेरिका ने किया यूक्रेन से धोखा!
यूक्रेन को लगा था कि अमेरिका उसके साथ खड़ा रहेगा, लेकिन अब जब रूस का खतरा बढ़ गया है, तो अमेरिका मदद से पीछे हट रहा है।
- अमेरिका पहले ही यूरोप से कह चुका है कि वह अब यूक्रेन को अधिक आर्थिक सहायता नहीं देगा।
- ट्रम्प के बयान ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की चिंता और बढ़ा दी है।
- रूस लगातार यूक्रेन पर दबाव बना रहा है, और अब यूक्रेन के पास सीमित विकल्प हैं।
क्या अमेरिका का असली मकसद यूक्रेन का शोषण था?
अमेरिका ने हमेशा अपने हितों को पहले रखा है। उसने यूक्रेन का इस्तेमाल किया, उसे युद्ध में धकेला, और जब फायदा उठाने की बारी आई, तो रेयर अर्थ मटेरियल की मांग कर डाली।
रेयर अर्थ मटेरियल: ये 17 दुर्लभ खनिज होते हैं, जिनका इस्तेमाल IT इंडस्ट्री, सैन्य उपकरण, सौर ऊर्जा और ऑयल रिफाइनरी में किया जाता है।
अमेरिकी रणनीति: पहले मदद के बहाने युद्ध में फंसाना, फिर खनिजों की मांग करना।
यूक्रेन की मजबूरी: अमेरिका की बात नहीं मानी, तो मदद बंद!
रूस की बड़ी साजिश – यूक्रेन को निगलने की तैयारी?
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन का एक बड़ा हिस्सा पहले ही रूस में शामिल होना चाहता है और अमेरिका सिर्फ अपना फायदा देख रहा है।
पेस्कोव का बयान:
"रूस में चार नए क्षेत्र मिल चुके हैं, और यूक्रेन में जनमत संग्रह होने पर कई और क्षेत्र रूस में शामिल हो सकते हैं।"
इसका मतलब है कि अमेरिका की नीतियों ने यूक्रेन को कमजोर बना दिया है, जिससे अब रूस को उसे निगलने का मौका मिल रहा है।
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