Pakistan Terror: पाकिस्तान में तालिबान का खौफ, 12 सैनिकों की मौत से फैला दहशत!

पाकिस्तान के दक्षिण वजीरिस्तान में तालिबान के हमले में 12 सैनिक मारे गए और 4 घायल हुए। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा में बढ़ती आतंकी गतिविधियों का संकेत है। क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंता गहरा गई है।

Sep 13, 2025 - 15:57
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Pakistan Terror: पाकिस्तान में तालिबान का खौफ, 12 सैनिकों की मौत से फैला दहशत!
Pakistan Terror: पाकिस्तान में तालिबान का खौफ, 12 सैनिकों की मौत से फैला दहशत!

पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी इलाके में शनिवार तड़के एक भयानक आतंकी हमला हुआ। दक्षिण वजीरिस्तान जिले में सुबह लगभग 4 बजे पाकिस्तानी तालिबान (टीटीपी) ने सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला कर दिया। इस हमले में कम से कम 12 सैनिक मारे गए और चार अन्य घायल हो गए। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएफपी को इसकी पुष्टि की है।

जानकारी के अनुसार, सेना का काफिला इलाके से गुजर रहा था। तभी दोनों ओर से भारी हथियारों से फायरिंग की गई। हमलावर मौके से सेना का हथियार और सामान लेकर फरार हो गए। सुरक्षा प्रभारी ने कहा कि हमला योजनाबद्ध और बेहद तेज था।

हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन टीटीपी ने ली है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) लंबे समय से पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है। कभी यह क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति रखता था, लेकिन 2014 में पाकिस्तानी सेना ने बड़े अभियान के बाद उन्हें पीछे धकेल दिया था। हालाँकि, अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से आतंकी गतिविधियाँ फिर बढ़ी हैं।

पाकिस्तान बार-बार आरोप लगाता रहा है कि अफगानिस्तान अपनी जमीन पर सक्रिय आतंकियों को खत्म करने में नाकाम रहा है। वहीं, काबुल प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज किया है।

हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा के कई हिस्सों में टीटीपी का नाम लिखे पोस्टर और नारे दिखाई दिए हैं। इससे आम लोगों में डर का माहौल है। लोग आशंका जता रहे हैं कि कहीं फिर वही दौर न लौट आए जब तालिबान ने इस क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया था।

एएफपी के रिकॉर्ड के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से अब तक खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में करीब 460 लोग आतंकी हमलों में मारे जा चुके हैं। इनमें अधिकतर सुरक्षा बलों के जवान शामिल हैं। वहीं, इस्लामाबाद स्थित सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज के अनुसार, पिछले साल पाकिस्तान ने लगभग एक दशक की सबसे घातक अवधि झेली थी। तब 1,600 से अधिक लोग हिंसा में मारे गए थे, जिनमें करीब आधे सैनिक और पुलिसकर्मी थे।

इस बढ़ती हिंसा ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है, लेकिन आम नागरिकों में डर और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। अब सबकी नजरें इस पर हैं कि पाकिस्तान सरकार आतंकवाद के खिलाफ कितनी सख्ती बरतती है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।