झारखंड में एक और दुखद हादसा: शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का 62 साल की उम्र में निधन
झारखंड ने एक महीने में दो बड़े आंदोलनकारी नेताओं को खोया है। अभी हाल ही में शिबू सोरेन की मृत्यु से आहत था झारखंड, और अब शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन ने राज्य को गहरा सदमा पहुंचाया है।

रामदास सोरेन का दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां उन्हें 2 अगस्त को भर्ती किया गया था। सारंगी ने बताया, "राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, जो दिल्ली के एक अस्पताल में इलाजरत थे, अब हमारे बीच नहीं रहे।" उनकी हालत गंभीर थी और वे जीवन रक्षक प्रणाली (लाइफ सपोर्ट) पर थे।बहुत जल्द आपने हम सबके सर पर से हाथ उठा लिया सर।
मेरे पिता नही थे आप लेकिन आपका मेरे प्रति प्यार पिता के प्यार से रत्ती भर कम भी नहीं था। 2014 में @HemantSorenJMM भैया के प्रतिनिधि के रूप में मेरे घर आकर मुझे @JmmJharkhand परिवार में लाने वाले और मेरे राजनीतिक प्रवेश की नींव… pic.twitter.com/fh8Jq3rqge— Kunal Sarangi ???????? (@KunalSarangi) August 15, 2025
2 अगस्त को जमशेदपुर में अपने आवास के बाथरूम में गिरने के बाद उन्हें गंभीर हालत में दिल्ली के अस्पताल में एयरलिफ्ट किया गया था। वहां वरिष्ठ विशेषज्ञों की एक बहु-विषयक टीम उनकी स्थिति पर लगातार नजर रख रही थी और उन्हें गहन चिकित्सा देखभाल प्रदान की जा रही थी।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रामदास सोरेन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "रामदास दा को हमें इस तरह छोड़कर नहीं जाना चाहिए था। दादा को अंतिम प्रणाम..."
रामदास सोरेन का जन्म 1 जनवरी 1963 को पूर्वी सिंहभूम जिले के घोराबंधा गांव में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत घोराबंधा पंचायत के ग्राम प्रधान के रूप में की थी। धीरे-धीरे वे हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में एक प्रभावशाली मंत्री के रूप में उभरे। 2024 में उन्होंने घाटशिला विधानसभा सीट से तीसरी बार जीत हासिल की, जहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे बाबू लाल सोरेन को हराया।
रामदास सोरेन के निधन से झारखंड की राजनीति में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। हाल ही में JMM के दिग्गज नेता शिबू सोरेन के निधन के बाद यह दूसरा बड़ा झटका है, जिसने राज्य को गहरे शोक में डुबो दिया है।
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