क्यों संजय मेहता ने नए संगठन 'झारखंड बचाओ क्रांति सेवा समिति' की स्थापना की? जानिए उनका उद्देश्य!
संजय मेहता ने 'झारखंड बचाओ क्रांति सेवा समिति' नामक नए संगठन की स्थापना की। जानिए, क्यों उन्होंने यह संगठन बनाया, उनका उद्देश्य क्या है और झारखंड के युवाओं को किस तरह से जोड़ने का आह्वान किया।
रांची, 16 सितंबर – झारखंड के सामाजिक और राजनीतिक गलियारों में हलचल उस समय तेज हो गई जब संजय मेहता, जो कुछ दिनों पहले जयराम महतो के संगठन से नाराज होकर इस्तीफा दे चुके थे, ने आज एक नए संगठन का ऐलान किया। इस संगठन का नाम 'झारखंड बचाओ क्रांति सेवा समिति' रखा गया है, जिसका उद्देश्य झारखंड के विकास और यहां के मुद्दों को सुलझाने की दिशा में काम करना है।
संजय मेहता ने इस संगठन की स्थापना का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि पिछले कुछ समय से वह झारखंड के विभिन्न मुद्दों पर लड़ाई लड़ते आ रहे हैं, लेकिन जिस संगठन से वह जुड़े थे, वह अपने मूल उद्देश्यों से भटक गया था। इसलिए, उन्होंने एक नए संगठन की जरूरत महसूस की, जो झारखंड के लिए सही नीतियां बना सके और राज्य के विकास में सहयोगी बन सके।
संगठन की स्थापना का उद्देश्य
संजय मेहता ने कहा कि यह संगठन झारखंड के विस्थापन, पुनर्वास, नियोजन, स्थानीयता जैसे प्रमुख मुद्दों पर काम करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस संगठन का गठन उन युवाओं के लिए एक मंच होगा, जो विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़ाई कर झारखंड लौटे हैं और राज्य के लिए कुछ करना चाहते हैं। मेहता ने खासतौर से कहा, "हमारे पास कई ऐसे युवा हैं, जैसे अभिषेक जी, जिन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है और झारखंड के विकास में योगदान देना चाहते हैं।"
संगठन का उद्देश्य केवल सामाजिक मुद्दों को उठाना ही नहीं है, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी झारखंड को सही नीतियों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि झारखंड में राजनीतिक समाधान नीतियों के आधार पर ही निकाला जा सकता है। इसके लिए शिक्षित युवाओं की एक फौज तैयार की जाएगी, जो झारखंड के लिए बेहतर नीतियों का निर्माण कर सके।
संगठन के नाम और संरचना की घोषणा
संजय मेहता ने इस संगठन का नाम झारखंड बचाओ क्रांति सेवा समिति रखा है, जिसे संक्षेप में JBKSS कहा जाएगा। यह संगठन पूरी तरह से पंजीकृत है और इसका एक आधिकारिक वेबसाइट भी लॉन्च किया गया है - jbkss.jharkhand.in। मेहता ने बताया कि झारखंड का कोई भी नागरिक इस वेबसाइट पर जाकर संगठन का नि:शुल्क सदस्य बन सकता है।
उन्होंने संगठन के मुख्य उद्देश्यों के बारे में भी विस्तार से बताया। उनका कहना था कि यह संगठन झारखंड के विस्थापन, पुनर्वास, स्थानीयता और राज्य के विकास के मुद्दों को प्राथमिकता देगा। इसके अलावा, झारखंड के आदिवासी मुद्दे और सरना धर्म कोड जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी संगठन काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो संगठन वह पहले जुड़े थे, वह अपने उद्देश्यों से भटक चुका था, और इसी कारण उन्हें नए संगठन की जरूरत महसूस हुई।
युवाओं का आह्वान
संजय मेहता ने युवाओं को इस संगठन से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि झारखंड के विकास के लिए शिक्षित युवाओं की एक मजबूत टीम तैयार करना जरूरी है, जो राज्य के लिए नीतियां बना सके और सही दिशा में काम कर सके। मेहता ने यह भी स्पष्ट किया कि वह खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन अगर कोई युवा चुनाव लड़ने की इच्छा रखता है और राज्य के लिए कुछ करना चाहता है, तो संगठन उसका समर्थन करेगा।
संगठन के मुद्दे
संजय मेहता ने कहा कि उनका संगठन झारखंड के विस्थापन, पुनर्वास, स्थानीयता नीति, और राज्य के आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार से संघर्ष करेगा। उन्होंने यह भी मांग की कि जिन अभ्यर्थियों का उत्पाद सिपाही की दौड़ में निधन हुआ है, उनके परिवारों को सरकार की ओर से 50 लाख रुपए की मुआवजा राशि दी जाए। मेहता ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार को इन परिवारों की सहायता के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए।
पूर्व संगठन से नाराजगी
संजय मेहता ने कहा कि जिस संगठन से वह पहले जुड़े थे, वह पूरी तरह से एक सिंडिकेट में तब्दील हो गया है और अपने मूल उद्देश्यों से भटक रहा है। उन्होंने कहा, "झारखंड के लोगों को अब एक नए प्लेटफार्म की जरूरत है, जो राज्य के विकास के लिए सही दिशा में काम कर सके।" उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका नया संगठन झारखंड के नीतिगत समाधान पर ध्यान केंद्रित करेगा और राज्य के युवाओं को आगे बढ़ाने का काम करेगा।
भविष्य की योजनाएं
संजय मेहता ने कहा कि उनके संगठन की भूमिका झारखंड के आगामी चुनावों में क्या होगी, इसका निर्णय जल्द लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं रखते, लेकिन अगर संगठन के अन्य युवा सदस्य चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो संगठन उनका पूरा समर्थन करेगा।
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