Tata Transfer: टाटा स्टील में बड़ा फेरबदल, कई हेड्स के जिम्मे बदले, जानिए किसे मिली कौन-सी नई जिम्मेदारी
टाटा स्टील में हेड स्तर पर बड़ा प्रशासनिक बदलाव हुआ है। 15 अप्रैल 2025 से लागू हुए इन तबादलों में कई वरिष्ठ अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। जानिए किसे मिला कौन-सा नया पद।

देश की जानी-मानी स्टील कंपनी टाटा स्टील एक बार फिर चर्चाओं में है। वजह है – कंपनी के हेड लेवल अधिकारियों के बड़े पैमाने पर तबादले, जो 15 अप्रैल 2025 से प्रभावी कर दिए गए हैं। इन बदलावों के पीछे क्या है कंपनी की रणनीति? कौन-कहां से कहां भेजा गया है? और क्यों ये तबादले इस समय इतने अहम माने जा रहे हैं – जानिए इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में।
इतिहास से समझिए टाटा की रणनीति
टाटा स्टील का इतिहास केवल उत्पादन और इनोवेशन का नहीं बल्कि प्रशासनिक कुशलता का भी रहा है। 1907 में स्थापित इस कंपनी ने समय-समय पर अपने अधिकारियों के दायित्वों को बदलकर बिजनेस के लिए नई दिशा तय की है। यह तबादला प्रक्रिया भी उसी नीति का हिस्सा है, जहां लीडरशिप को नए अवसर और चुनौतियां देकर दक्षता को बढ़ाया जाता है।
किसे मिला कौन-सा नया दायित्व?
इस बार के ट्रांसफर में कई अनुभवी अधिकारियों को अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं:
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कुमार वरुण, जो पहले हेड प्रोसेस सेफ्टी मेरामंडली थे, अब हेड प्रोसेस सेफ्टी ओडिशा बना दिए गए हैं।
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राथु मोहंता, पहले हेड कंस्ट्रक्शन डायरेक्टर कंट्रोल, अब बनेंगे हेड कंस्ट्रक्शन डायरेक्ट कंट्रोल रॉ मैटेरियल प्रोजेक्ट।
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आशीष शर्मा, जो कलिंगानगर में हेड इंजीनियरिंग थे, अब होंगे हेड इंजीनियरिंग फ्लैट प्रोडक्ट।
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समीरन पाणी, जिन्हें हेड हॉट मेटल लॉजिस्टिक के सीनियर एरिया मैनेजर ऑपरेशन के रूप में जाना जाता था, अब बनाए गए हैं एच ब्लास्ट फर्नेस के सीनियर एरिया मैनेजर ऑपरेशन।
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आशा नायर, जो पहले हेड प्रोक्योरमेंट प्रोसेस इंप्रूवमेंट और एनालिटिक्स थीं, अब हेड प्रोक्योरमेंट स्टोर व कांट्रैक्टिंग बनेंगी और गुड़गांव से कामकाज संभालेंगी।
कलिंगानगर और गम्हरिया पर फोकस क्यों?
टाटा स्टील का कलिंगानगर प्लांट पिछले कुछ सालों में अत्यधिक निवेश और विस्तार का केंद्र रहा है। वहीं गम्हरिया यूनिट, जो झारखंड में स्थित है, कंपनी की लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्ट्रैटेजी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। ऐसे में अधिकारियों की नियुक्ति को कंपनी ने रणनीतिक दृष्टिकोण से किया है ताकि स्थानीय स्तर पर बेहतर नेतृत्व सुनिश्चित हो।
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अवनिश कुमार, जो पहले कलिंगानगर में हेड प्रोक्योरमेंट डिलीवरी मैनेजमेंट थे, अब बनेंगे हेड कॉमर्शियल सर्विसेज, और टिनप्लेट EIC को रिपोर्ट करेंगे।
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कुमार गोपाल को बनाया गया है हेड प्रोक्योरमेंट, टाटा स्टील गम्हरिया।
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राजेश रोशन, टिनप्लेट के हेड कॉमर्शियल सर्विसेज, अब होंगे हेड प्रोक्योरमेंट प्रोसेस इंप्रूवमेंट और एनालिटिक्स।
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सरबनी झा बनेंगी हेड प्रोक्योरमेंट सर्विसेज, जबकि तामादा रवि को सौंपा गया है हेड प्रोक्योरमेंट कलिंगानगर का जिम्मा।
क्या है इन तबादलों का संकेत?
यह तबादले सिर्फ स्थान परिवर्तन नहीं बल्कि लीडरशिप डेवलपमेंट और भविष्य की प्लानिंग का हिस्सा हैं। टाटा स्टील इन अधिकारियों के अनुभव और नेतृत्व कौशल का फायदा उठाकर अपनी यूनिट्स को बेहतर बनाना चाहती है, खासकर जब कंपनी अपनी विस्तार योजना के नए चरण में प्रवेश कर रही है।
क्या ये बदलाव लाएंगे नई दिशा?
टाटा स्टील के इन तबादलों से साफ है कि कंपनी भविष्य के लिए अपनी टीम को फिर से तैयार कर रही है। इस बदलाव में हर अधिकारी की भूमिका अहम होगी – न केवल संचालन में बल्कि कंपनी की दीर्घकालिक सफलता में भी।
अब देखने वाली बात होगी कि ये रणनीतिक बदलाव आने वाले महीनों में कंपनी के प्रदर्शन पर कैसा असर डालते हैं।
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