Budget Protest: केंद्रीय बजट और श्रम संहिताओं के खिलाफ जमशेदपुर में ट्रेड यूनियनों का जोरदार प्रदर्शन

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 2025-26 के बजट प्रस्ताव और श्रम संहिताओं के खिलाफ जमशेदपुर में विरोध प्रदर्शन किया। बिरसा चौक पर नुक्कड़ सभा के बाद पुतला दहन किया गया। जानें विरोध के मुख्य बिंदु।

Feb 5, 2025 - 17:42
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Budget Protest: केंद्रीय बजट और श्रम संहिताओं के खिलाफ जमशेदपुर में ट्रेड यूनियनों का जोरदार प्रदर्शन
Budget Protest: केंद्रीय बजट और श्रम संहिताओं के खिलाफ जमशेदपुर में ट्रेड यूनियनों का जोरदार प्रदर्शन

जमशेदपुर, 5 फरवरी 2025 – देशभर में केंद्रीय बजट 2025-26 और चार श्रम संहिताओं के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। इसी क्रम में जमशेदपुर के साकची स्थित बिरसा चौक पर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान नुक्कड़ सभा आयोजित की गई, जिसमें वक्ताओं ने बजट प्रस्तावों को आम आदमी के साथ विश्वासघात करार दिया और राष्ट्रीय संपत्तियों की लूट का खाका बताया। सभा के बाद बजट प्रस्ताव और श्रम संहिताओं का पुतला दहन किया गया।

क्या हैं ट्रेड यूनियनों की मुख्य आपत्तियां?

विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले वक्ताओं ने कहा कि:

  • चारों श्रम संहिताएं श्रमिकों के अधिकारों पर सीधा हमला हैं और यह उनके लिए 'मौत का वारंट' साबित होंगी।
  • अगर सरकार इन श्रम संहिताओं को लागू करने की घोषणा करती है, तो देशभर के उद्योगों और अन्य क्षेत्रों में अखिल भारतीय हड़ताल होगी।
  • बजट में बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा देने की योजना बनाई गई है, जिससे परमाणु ऊर्जा और कृषि जैसे संवेदनशील क्षेत्रों का निजीकरण किया जाएगा।
  • बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई की अनुमति दी गई है, जिससे खनन, बिजली और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों का तेजी से निजीकरण होगा

मजदूर विरोधी और जनविरोधी बजट!

नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने सरकार की नीतियों पर कड़ा हमला बोला। उनका कहना था कि:

  • बजट में रोजगार सृजन पर कोई ठोस योजना नहीं दी गई, बल्कि इसे इज ऑफ डूइंग बिजनेस के नाम पर कॉरपोरेट के इशारे पर बनाया गया।
  • आम आदमी को कोई राहत नहीं दी गई, बल्कि वेतनभोगियों को दी गई टैक्स छूट की भरपाई सामाजिक कल्याण योजनाओं में कटौती करके की जा रही है
  • किसानों के लिए वैधानिक एमएसपी, शहरी रोजगार गारंटी योजना और सरकारी क्षेत्र में नई नौकरियों की घोषणा तक नहीं की गई
  • ईपीएफ पेंशन में बढ़ोतरी और पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स कटौती जैसी मांगों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया
  • जीएसटी कानून में सुधार की जरूरत थी, लेकिन खाद्य वस्तुओं, दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई

कोल्हान में भी उग्र विरोध, मजदूर संगठनों ने दी चेतावनी

कोल्हान क्षेत्र की ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने मजदूरों, कर्मचारियों और आम जनता से अपील की कि वे इस जनविरोधी और मजदूर-विरोधी बजट का पुरजोर विरोध करें। साथ ही चारों श्रम संहिताओं के खिलाफ निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार रहें।

सभा को संबोधित करने वालों में बिनोद राय, अंबुज ठाकुर, बिश्वजीत देब, आरएस राय, परविंदर सिंह, हीरा अरकाने, संजय कुमार, केडी प्रताप, धनंजय शुक्ला, नागराजू, मनोज सिंह, एनएन पॉल, विक्रम कुमार, पीआर गुप्ता, लिली दास, विष्णु गिरी, सुमित राय, सुब्रत बिस्वास समेत कई अन्य शामिल थे।

क्या होगा आगे?

अगर सरकार ने ट्रेड यूनियनों की मांगों को नजरअंदाज किया, तो आने वाले दिनों में देशव्यापी हड़ताल और बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो सकते हैंसरकार की नीतियों को लेकर श्रमिक संगठन अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं

केंद्रीय बजट 2025-26 और चार श्रम संहिताओं के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का विरोध लगातार तेज हो रहा हैसरकार की नीतियों को आम जनता और श्रमिकों के खिलाफ बताया जा रहा है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस विरोध को कितनी गंभीरता से लेती है और क्या इसमें कोई बदलाव करती है या नहीं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।