Saraikela Accident Mystery: बाजार से लौटते समय डीसी ऑफिस कर्मी पर हुआ जानलेवा हमला, गाड़ी भाग निकली!
सरायकेला में डीसी ऑफिस कर्मचारी जयंत घोषाल एक रहस्यमयी वाहन की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए। कोर्ट मोड़ के पास हुई इस घटना ने पुलिस और स्थानीय लोगों को चौंका दिया है।

सरायकेला – गुरुवार की शाम एक आम दिन की तरह शुरू हुआ था, लेकिन शाम करीब 6:30 बजे कोर्ट मोड़ के पास जो हुआ, उसने पूरे इलाके को सन्न कर दिया। गेस्ट हाउस कॉलोनी के रहने वाले और डीसी ऑफिस में कार्यरत जयंत घोषाल अपनी बाइक से सरायकेला बाजार से घर लौट रहे थे, जब एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। घटना इतनी तेजी से घटी कि किसी को कुछ समझने का मौका तक नहीं मिला।
जयंत घोषाल सिर और पैरों में गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें पहले सरायकेला सदर अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन वहां की प्राथमिक चिकित्सा के बाद उनकी हालत को देखते हुए उन्हें जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया। फिलहाल, उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
कौन है जयंत घोषाल?
जयंत घोषाल सरायकेला डीसी ऑफिस में एक जिम्मेदार पद पर कार्यरत हैं। एक अनुशासित कर्मचारी और शांत स्वभाव के व्यक्ति माने जाते हैं। इस घटना ने उनके परिवार और सहकर्मियों को गहरे सदमे में डाल दिया है।
कोर्ट मोड़ – क्यों बनता जा रहा है हादसों का हॉटस्पॉट?
कोर्ट मोड़, जो कभी एक शांत चौराहा हुआ करता था, अब धीरे-धीरे खतरनाक मोड़ में बदलता जा रहा है। पिछले एक साल में यहां करीब आधा दर्जन सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें से अधिकतर मामलों में हिट एंड रन की स्थिति रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके में ट्रैफिक नियंत्रण का अभाव, स्ट्रीट लाइट की कमी और रफ्तार में वाहन चलाने वाले चालक बड़ी समस्याएं हैं।
पुलिस क्या कर रही है?
हादसे के बाद सरायकेला थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। लेकिन चश्मदीदों की कमी और सीसीटीवी फुटेज न होने के कारण अभी तक वाहन और चालक का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से कोर्ट मोड़ पर निगरानी कैमरे लगाने और ट्रैफिक नियंत्रण के लिए सख्त उपाय करने की मांग की है।
इतिहास भी रहा है गवाह
सरायकेला जैसे छोटे शहरों में ट्रैफिक हादसे पहले कम ही होते थे, लेकिन बीते कुछ वर्षों में जैसे-जैसे शहरीकरण और वाहन संख्या में बढ़ोतरी हुई है, वैसे-वैसे हिट एंड रन जैसी घटनाएं भी बढ़ी हैं। पहले ऐसे मामलों में समुदाय के लोग खुद मदद के लिए सामने आते थे, लेकिन अब सब कुछ प्रशासन और पुलिस पर छोड़ दिया गया है।
क्या मिलेगा न्याय?
जयंत घोषाल के साथ हुई यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की त्रासदी नहीं, बल्कि एक सिस्टम की विफलता भी उजागर करती है। जब तक अज्ञात वाहन का पता नहीं चलता और आरोपी को पकड़ा नहीं जाता, तब तक यह सवाल सबके मन में रहेगा – क्या जयंत घोषाल को न्याय मिलेगा?
आपका क्या कहना है? क्या कोर्ट मोड़ को सुरक्षित बनाने की ज़रूरत है? अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर बताएं।
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