Rikhia Robbery: चहारदीवारी फांदी, ताले तोड़े और दो लाख की चोरी कर भाग निकले चोर!

देवघर के रिखिया थाना क्षेत्र के पुनसिया मोहल्ले में अज्ञात चोरों ने एक बंद घर को निशाना बनाकर दो लाख रुपये से अधिक की चोरी कर ली। टोटो की बैटरी, समरसेबल पंप, सिलिंडर तक सब गायब! पुलिस जांच में जुटी।

Apr 17, 2025 - 20:55
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Rikhia Robbery: चहारदीवारी फांदी, ताले तोड़े और दो लाख की चोरी कर भाग निकले चोर!
Rikhia Robbery: चहारदीवारी फांदी, ताले तोड़े और दो लाख की चोरी कर भाग निकले चोर!

झारखंड के देवघर जिले के रिखिया थाना क्षेत्र अंतर्गत पुनसिया मोहल्ले में अज्ञात चोरों ने चोरी की एक ऐसी वारदात को अंजाम दिया है, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई है। एक बंद घर को निशाना बनाकर चोरों ने न सिर्फ ताले तोड़े, बल्कि दो लाख रुपये से ज्यादा के सामान पर हाथ साफ कर दिया—वो भी इतने सफाई से कि किसी को भनक तक नहीं लगी।

कुछ घंटों की गैरमौजूदगी बनी लाखों की चपत की वजह

पीड़ित अंशुमन झा ने रिखिया थाने में दर्ज शिकायत में बताया कि वे किसी जरूरी काम से अपने पुराने घर गए थे। पीछे से उन्होंने अपने वर्तमान घर में ताला लगाकर चाबी अपने पास रख ली। उन्हें क्या मालूम था कि चोर पहले से घात लगाए बैठे हैं।

चोरों ने ऐसे रचा प्लान जैसे फिल्मी सीन हो

चोरों ने सबसे पहले घर की चहारदीवारी फांदी, फिर दरवाजे का ताला तोड़ा और घर में घुसकर पूरी योजना के साथ एक-एक सामान चुराया। चोरी हुआ सामान सिर्फ महंगा ही नहीं, बल्कि भारी भी था—टोटो की 20 बैटरियां, 5 चार्जर, एक समरसेबल पंप, करीब 200 किलो लोहे का सामान, एक गैस सिलिंडर, चूल्हा आदि।

साफ है कि यह कोई आम चोर नहीं था, बल्कि एक संगठित गिरोह की योजना का हिस्सा थी, जिसमें तैयारी, वाहन और सटीक समय का अनुमान शामिल था।

इतिहास बताता है—देवघर क्षेत्र चोरी की वारदातों का रहा है गढ़

रिखिया थाना क्षेत्र में चोरी की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। पिछले साल भी इसी मोहल्ले में एक बुजुर्ग के घर से जेवर और नकदी की चोरी की गई थी। तब भी चोरों की पहचान नहीं हो पाई थी। ऐसे में सवाल उठता है—क्या पुनसिया मोहल्ला अब चोरों का नया टारगेट बनता जा रहा है?

पुलिस ने दर्ज किया मामला, लेकिन सवाल जस का तस

रिखिया पुलिस ने अंशुमन झा के आवेदन पर अज्ञात चोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है और न ही कोई सुराग हाथ लगा है।

पुलिस के मुताबिक, चोरों ने प्रोफेशनल तरीके से वारदात को अंजाम दिया है। क्षेत्रीय चौकीदारों से भी पूछताछ की जा रही है और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

क्या सीसीटीवी, सतर्कता और समुदायिक पहरेदारी ही हैं उपाय?

इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आज के दौर में सिर्फ ताला लगाना काफी नहीं। सामूहिक सतर्कता, सीसीटीवी कैमरा और गली-मोहल्लों में पहरेदारी जैसी व्यवस्थाएं ही अब चोरों से लड़ने का तरीका बचा है।

अब देखना यह है कि क्या पुलिस इन शातिर चोरों को जल्द पकड़ पाएगी या अंशुमन झा की तरह अन्य घरों के लोग भी अगली सूची में होंगे?

अगर आप चाहें, तो इस घटना पर आधारित एक सोशल मीडिया रील या यूट्यूब स्क्रिप्ट भी तैयार की जा सकती है, जो दर्शकों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाए। बताइए, आपको कैसा फॉर्मेट चाहिए?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।