Jamshedpur Incident: चूल्हे पर खाना बनाते वक्त महिला झुलसी, महिला के शरीर के 50 फीसदी जलने से मची अफरा-तफरी
जमशेदपुर में चूल्हे पर खाना बनाते वक्त महिला के कपड़े में आग लगने से वह बुरी तरह झुलस गई। जानें, हादसे की पूरी कहानी और महिला की हालत की ताजा जानकारी।
जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र में शनिवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। सरजामदा निवासी 35 वर्षीया लक्ष्मी लोहार अपने घर में लकड़ी के चूल्हे पर खाना बना रही थीं, तभी अचानक उनके कपड़ों में आग लग गई। आग लगने से लक्ष्मी लोहार बुरी तरह झुलस गईं। यह घटना रात के समय हुई, जब लक्ष्मी अपने घर में अकेली खाना बना रही थीं और उनका परिवार अन्य कामों में व्यस्त था।
कैसे हुआ हादसा?
घटना के अनुसार, लक्ष्मी लोहार चूल्हे के पास खाना बना रही थीं, उसी समय उनके कपड़ों में अचानक आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि उनके शरीर का करीब 50 फीसदी हिस्सा झुलस गया। पारिवारिक सदस्य जब यह देखे तो तुरंत लक्ष्मी को इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत गंभीर होने के कारण, उन्हें बेहतर इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल रेफर किया गया।
महिला की हालत गंभीर
महिला के शरीर के 50 फीसदी हिस्से में जलन हो गई है, और डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। एमजीएम अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज जारी है। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि लक्ष्मी लोहार के जलने की स्थिति को देखते हुए उन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता है।
घटना ने उठाए सवाल
यह हादसा यह भी दर्शाता है कि हमारे दैनिक जीवन में रसोईघर में लगी आग के खतरों से हम कितने अनजान रहते हैं। खासकर लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाते समय सुरक्षा उपायों की बेहद जरूरत होती है, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। इसके अलावा, यह घटना यह भी सवाल उठाती है कि क्या हमारे समुदाय में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं?
इतिहास में इस तरह की घटनाएं
रसोईघरों में आग लगने की घटनाएं अक्सर सुनने को मिलती हैं। इतिहास में, लकड़ी के चूल्हों का उपयोग प्राचीन काल से होता आया है, लेकिन समय के साथ इनकी जगह आधुनिक गैस स्टोव और इलेक्ट्रिक चूल्हे ने ले ली। फिर भी, ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लकड़ी के चूल्हे का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है, जिससे इस तरह की घटनाओं का खतरा बना रहता है।
महिला के दो बच्चे
लक्ष्मी लोहार के दो बच्चे भी हैं, जो अब अपनी मां की स्थिति को लेकर बेहद परेशान हैं। परिवार के अन्य सदस्य भी उनका इलाज कराने के लिए अस्पताल में मौजूद हैं, लेकिन उनकी चिंता और दर्द को समझना मुश्किल नहीं है।
समाधान की दिशा में क्या किया जा सकता है?
- लकड़ी के चूल्हे का उपयोग करते समय सुरक्षा नियमों को कड़ा किया जाए।
- आग बुझाने के उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाई जाए।
- जागरूकता अभियान चलाया जाए, ताकि लोग इस प्रकार की घटनाओं से बच सकें।
यह हादसा जमशेदपुर में महिलाओं और बच्चों के लिए एक चेतावनी है। रसोई में सुरक्षा के मामलो में हम कितने सतर्क हैं, यह इस घटना से एक बार फिर से साबित होता है। लक्ष्मी लोहार के इलाज में हर संभव मदद देने की जरूरत है, ताकि वह जल्दी ठीक हो सकें। हमें ऐसे हादसों से बचने के लिए जागरूकता और सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
What's Your Reaction?