Ranthambhore Attack: त्रिनेत्र गणेश मंदिर जाते मासूम को बाघिन ने बनाया शिकार, दो घंटे तक पंजे में दबाए बैठी रही सुल्ताना

रणथम्भौर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर बाघिन सुल्ताना ने एक 6 साल के मासूम बच्चे को झाड़ियों से उठाकर हमला कर दिया। दो घंटे तक पंजे में दबाकर बैठी रही बाघिन, जानिए इस खौफनाक घटना की पूरी कहानी।

Apr 16, 2025 - 22:02
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Ranthambhore Attack: त्रिनेत्र गणेश मंदिर जाते मासूम को बाघिन ने बनाया शिकार, दो घंटे तक पंजे में दबाए बैठी रही सुल्ताना
Ranthambhore Attack: त्रिनेत्र गणेश मंदिर जाते मासूम को बाघिन ने बनाया शिकार, दो घंटे तक पंजे में दबाए बैठी रही सुल्ताना

राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में स्थित रणथम्भौर का नाम वन्यजीवों और खासकर बाघों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। लेकिन बुधवार को यही रणथम्भौर एक खौफनाक मंजर का गवाह बन गया, जब त्रिनेत्र गणेश मंदिर के रास्ते पर झाड़ियों में छिपी बाघिन सुल्ताना ने एक 6 साल के मासूम बच्चे को अपना शिकार बना लिया।

घटना दोपहर करीब 3 बजे की है, जब श्रद्धालु गणेश मंदिर से दर्शन करके लौट रहे थे। इस दौरान बाघिन झाड़ियों से निकलकर अचानक आई और एक बच्चे पर झपट पड़ी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बाघिन ने बच्चे की गर्दन मुंह में दबाई और झाड़ियों की ओर भाग गई।

क्या हुआ घटना के बाद?

जैसे ही यह दर्दनाक घटना घटी, श्रद्धालुओं में चीख-पुकार मच गई। बच्चे के साथ आई उसकी दादी यह नजारा देख बेसुध हो गई। स्थानीय लोगों ने तत्काल वन विभाग को सूचना दी, जिसके बाद डीएफओ और उनकी टीम मौके पर पहुंची। त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग को एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया और श्रद्धालुओं को बाहर निकाल लिया गया।

वन विभाग ने इलाके के कैमरों की जांच की, जिसमें साफ दिखा कि बाघिन सुल्ताना बच्चे के ऊपर पंजा रखकर झाड़ियों में बैठी थी। यह मंजर दिल दहला देने वाला था, क्योंकि लगभग दो घंटे तक बाघिन वहीं बैठी रही और किसी को पास नहीं आने दिया।

कैसे मिला शव?

वन विभाग ने कई प्रयास किए बाघिन को हटाने के लिए। अंततः उन्होंने पटाखों का सहारा लिया और बाघिन को वहां से हटाया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी — बच्चे की मौत हो चुकी थी और उसके शरीर पर गंभीर घाव थे। पेट का हिस्सा फटा हुआ पाया गया। शाम करीब 4:50 पर शव बरामद किया गया।

कौन था मासूम?

बच्चा अपनी दादी और छोटी बहन के साथ मंदिर में शादी का निमंत्रण देने आया था। बताया जा रहा है कि दोनों बच्चे दादी के बड़े बेटे के थे। हालांकि, सदमे में बेसुध दादी अपना नाम, गांव और पहचान तक नहीं बता सकी।

इतिहास: बाघों की मौजूदगी और मंदिर मार्ग

रणथम्भौर का त्रिनेत्र गणेश मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है जो एक टाइगर रिजर्व के अंदर स्थित है। यहां दर्शन के लिए श्रद्धालु पैदल जंगल के रास्ते से ही जाते हैं। पहले भी कई बार बाघों के दिखने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन इस तरह की घातक घटना ने सभी को झकझोर दिया है।

रणथम्भौर की बाघिन सुल्ताना पहले से ही कैमरों में सक्रिय रही है और उसके कई शावक भी इस क्षेत्र में देखे गए हैं। यह घटना वन विभाग की सतर्कता पर भी सवाल खड़े करती है।

आगे क्या?

फिलहाल त्रिनेत्र गणेश मंदिर का मार्ग अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। वन विभाग इलाके की निगरानी बढ़ाने और बाघों की मूवमेंट पर नजर रखने की बात कह रहा है। लेकिन यह घटना सवाल छोड़ जाती है कि क्या धार्मिक आस्था के नाम पर जान जोखिम में डालना उचित है?


रणथम्भौर की खूबसूरती और वन्यजीवों का रोमांच अपनी जगह है, लेकिन इंसान और जानवरों के बीच की इस टकराहट में एक मासूम की जान चली गई। क्या अब समय नहीं आ गया है कि ऐसी धार्मिक यात्राओं की सुरक्षा पर पुर्नविचार किया जाए?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।