Ranchi Robbery: दिनदहाड़े हथियार के बल पर फ्लावर शॉप में 1.67 लाख की लूट, CCTV में कैद हुई हर हरकत
रांची के कांके रोड पर फ्लावर डेकोरेशन की दुकान में अपराधियों ने हथियार के बल पर लूट को अंजाम दिया। सीसीटीवी में कैद हुई पूरी घटना, पुलिस ने जांच तेज़ की।

झारखंड की राजधानी रांची एक बार फिर अपराधियों के आतंक का गवाह बनी है। दिनदहाड़े हुए एक सनसनीखेज लूटकांड ने न सिर्फ आम लोगों को डरा दिया है, बल्कि शहर की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना रांची के पॉश इलाकों में शुमार कांके रोड की है, जहां ‘फ्रेश पेटल’ नामक एक फ्लावर डेकोरेशन शॉप को अपराधियों ने निशाना बनाकर 1.67 लाख रुपए लूट लिए।
लूट का तरीका सुनकर दंग रह जाएंगे आप
इस लूटकांड की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह वारदात महज 10 मिनट में अंजाम दे दी गई। दो अपराधी चेहरे पर कपड़ा बांधकर दुकान में घुसे। उनके हाथों में हथियार थे और इरादे बेहद खतरनाक। दुकान के मालिक राकेश ने बताया कि अपराधियों ने पहले मारपीट की, फिर सीधे पैसे की मांग की। इस दौरान दुकान में मौजूद अन्य लोग भी डर के मारे सहम गए।
CCTV में कैद हुआ हर कदम
शुक्र की बात यह रही कि पूरी घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। वीडियो फुटेज में साफ दिख रहा है कि कैसे दोनों अपराधी आराम से दुकान में घुसते हैं, हथियार तानते हैं, कैश लूटते हैं और जाते-जाते शटर तक बंद कर देते हैं। अपराधियों के इस आत्मविश्वास ने यह जाहिर कर दिया कि उन्हें पकड़े जाने का कोई डर नहीं था।
पुलिस पर दबाव, जनता में डर
घटना की सूचना मिलते ही गोंदा थाना प्रभारी अभय कुमार सिन्हा मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की और अपराधियों की पहचान में जुट गए। पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा, लेकिन जनता का भरोसा डगमगाने लगा है।
रांची में पिछले कुछ महीनों में लूट की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है। खासकर कांके रोड जैसे हाई प्रोफाइल इलाके में यह घटना होना पुलिस की सतर्कता पर सवालिया निशान लगाता है।
क्या है रांची का अपराध इतिहास?
रांची कभी शांत और शिक्षा-केंद्रित शहर माना जाता था, लेकिन बीते दशक में यहां अपराध की दर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। खासकर हथियारबंद लूट की घटनाएं आम होती जा रही हैं। पुलिस प्रशासन अक्सर तकनीकी संसाधनों और स्टाफ की कमी का हवाला देकर खुद को बचाता रहा है, लेकिन घटनाओं की आवृत्ति देख कर अब जनता भी सवाल करने लगी है।
प्रशासन की अग्निपरीक्षा
अब पुलिस के सामने न केवल अपराधियों को पकड़ने की चुनौती है, बल्कि नागरिकों का भरोसा जीतने की भी जिम्मेदारी है। सीसीटीवी फुटेज से अपराधियों की पहचान संभव हो सकती है, लेकिन क्या इससे आगे की कार्रवाई उतनी ही तेज होगी? यह देखने वाली बात होगी।
व्यापारियों में रोष
इस वारदात के बाद स्थानीय व्यापारियों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर दिन में इस तरह से लूट हो सकती है, तो शाम या रात में कौन सुरक्षित है? वे प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि कांके रोड जैसे व्यावसायिक क्षेत्रों में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए और सीसीटीवी निगरानी को मजबूत किया जाए।
फूलों की दुकान को निशाना बनाना एक प्रतीकात्मक चेतावनी है कि अब अपराधियों के लिए कोई जगह ‘सुरक्षित’ नहीं रही। रांची में हो रही इस तरह की लूट की घटनाएं दर्शाती हैं कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और पुलिस की सक्रियता पर गंभीर काम करने की ज़रूरत है। सवाल ये है—क्या अगला निशाना कोई और दुकान होगी या क्या पुलिस समय रहते इन घटनाओं पर लगाम लगा पाएगी?
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