रांची जिला में 20 दिनों के लिए जिला बदर हुए भैरव सिंह, चुनावी माहौल में शांति भंग करने का आरोप
रांची के भैरव सिंह को 20 दिनों के लिए जिला बदर कर दिया गया है। विधानसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया। जानिए अन्य कौन-कौन लोग जिला बदर किए गए हैं।
रांची जिला में 20 दिनों के लिए जिला बदर किए गए भैरव सिंह, चुनावी शांति के लिए उठाया कदम
रांची, 7 नवंबर 2024: रांची जिला प्रशासन ने विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर रांची के भैरव सिंह को 20 दिनों के लिए जिला बदर कर दिया है। जिला प्रशासन ने यह फैसला शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया है। भैरव सिंह, जो 30 वर्ष के हैं, पर समाज में अस्थिरता और अशांति फैलाने का आरोप है। प्रशासन के अनुसार, उनका मुख्य कार्य समाज में सौहार्द बिगाड़ना और लोगों को गुमराह करना है।
भैरव सिंह का आपराधिक इतिहास
प्रशासन का कहना है कि भैरव सिंह का अपराध क्षेत्र डेली मार्केट, हिंदपीढ़ी, और कोतवाली थाना क्षेत्र है। यहां वे अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अक्सर रोड जाम करना और दूसरे समुदाय के खिलाफ उत्तेजक बयान देना जैसे गैर-कानूनी कार्य करते हैं। इन गतिविधियों से समाज में अस्थिरता फैलती है, जिससे कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
2021 में, भैरव सिंह ने मुख्यमंत्री के काफिले को रोकने की भी कोशिश की थी। इस दौरान उन्होंने और उनके सहयोगियों ने सरकारी कर्मचारियों पर हमला किया, जिससे मुख्यमंत्री को अपने तय रूट से डायवर्ट कर गंतव्य तक पहुंचाया गया। उनके इस कृत्य ने रांची के लोगों में दहशत और आतंक का माहौल पैदा किया था।
जिला प्रशासन का कड़ा रुख
भैरव सिंह को जिला बदर करने के साथ ही प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया कि चुनाव के दौरान शांति भंग करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनके खिलाफ यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि चुनाव शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण में हो सके।
अन्य लोगों को भी किया गया जिला बदर
भैरव सिंह के अलावा अन्य कई असामाजिक तत्वों को भी 20 दिनों के लिए जिला बदर किया गया है। इनमें सरताज, करो पाहन, बेव सिंह मुंडा, आनंद वर्मा, आकाश सिंह उर्फ एलेक्स, सनी सिंह, मोबिन अंसार, सकलदेव बड़ाइक, रोहित चौरसिया, प्रकाश यादव, और चंदन सिंह शामिल हैं। इन सभी पर समाज में अव्यवस्था और अपराध फैलाने का आरोप है।
चुनावी माहौल में शांति बनाए रखने का प्रयास
प्रशासन ने इन असामाजिक तत्वों को जिले से बाहर कर चुनाव के माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने का प्रयास किया है। प्रशासन का मानना है कि चुनावी माहौल में किसी भी तरह की अराजकता से जनता में भय का माहौल बन सकता है, जिसे रोकने के लिए ये कदम उठाए गए हैं।
रांची के नागरिकों ने भी प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया है। लोग आशा कर रहे हैं कि यह निर्णय चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर रोक लगेगी।
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