Jamshedpur Firing: जमानत पर छूटते ही फिर दहशत का खेल, हिस्ट्रीशीटर 'राज बच्चा' गिरफ्तार, साथी 'बियर' की तलाश
जमशेदपुर के मिल्लत नगर में फायरिंग के मामले में हिस्ट्रीशीटर सैफ अली उर्फ राज बच्चा गिरफ्तार, देसी कट्टा और जिंदा कारतूस बरामद, पुलिस ने पुराने बदले की साजिश का किया खुलासा।

जमशेदपुर एक बार फिर गोलियों की गूंज से सहम उठा। जुगसलाई थाना क्षेत्र के मिल्लत नगर में 6 अप्रैल को हुई फायरिंग की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। इस सनसनीखेज वारदात में शामिल कुख्यात हिस्ट्रीशीटर सैफ अली उर्फ राज बच्चा को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं उसका साथी दिल नवाज गद्दी उर्फ 'बियर' अब भी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
गुरुवार को डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर मोहम्मद तौकीर आलम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले का खुलासा किया। पुलिस ने राज बच्चा के पास से एक देसी कट्टा और एक जिंदा कारतूस भी बरामद किया है।
पांच महीने पहले लौटा था काली दुनिया में
दिलचस्प बात यह है कि सैफ अली हाल ही में बैंगलोर से लौटा था, जहां वह काम करता था। त्योहारों के मौके पर अपने घर आया और आते ही पुराने दुश्मनों से हिसाब-किताब चुकता करने के मूड में उतर आया। पुलिस सूत्रों की मानें तो उसकी मंशा पहले से तय थी।
मामले की जड़ें 2023 से जुड़ी हैं, जब सैफ अली ने अलतमश के भाई पर जानलेवा फायरिंग की थी। इसके बाद वह जेल गया और हाल ही में जमानत पर छूटकर बाहर आया था। लेकिन जेल में बिताए वक्त ने उसे सुधारा नहीं, बल्कि और भी खतरनाक बना दिया।
पुरानी रंजिश ने फिर बरपाया कहर
पुलिस के अनुसार, जेल से छूटने के बाद राज बच्चा ने पुरानी रंजिश के तहत मो. अलतमश पर हमला करने की योजना बनाई थी। उसने पहले अपने साथी 'बियर' के साथ मिलकर फायरिंग की तैयारी की और फिर मिल्लत नगर को अपना निशाना बनाया।
घटना के बाद वरीय पुलिस अधीक्षक के आदेश पर सिटी एसपी के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम का गठन किया गया। इस टीम ने तकनीकी साक्ष्यों और गुप्त सूचनाओं के आधार पर सैफ अली को उसके कपाली स्थित ठिकाने से धर दबोचा। पूछताछ में उसने पूरी साजिश कबूल की और अपने फरार साथी 'बियर' का भी नाम लिया।
पुलिस का दावा: जल्द होगी 'बियर' की गिरफ्तारी
फिलहाल पुलिस दिल नवाज गद्दी उर्फ 'बियर' की गिरफ्तारी के लिए चाक-चौबंद तरीके से छापेमारी कर रही है। वहीं, सैफ अली को गुरुवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जमानत पर रिहा होने के बाद भी कई अपराधी समाज के लिए कितना बड़ा खतरा बने रहते हैं।
अब देखना यह है कि पुलिस 'बियर' को कब तक गिरफ्त में लेती है और क्या आने वाले समय में शहर को ऐसे हिस्ट्रीशीटरों से राहत मिल पाएगी या नहीं?
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