Jamshedpur Crackdown: इंटरस्टेट चोरों की बड़ी साजिश नाकाम, कैसे हुआ पर्दाफाश? पढ़िए पूरी इनसाइड स्टोरी

जमशेदपुर पुलिस ने अंतरराज्यीय चोर गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 6 शातिर अपराधियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इनके पास से हथियार और चुराए गए सोने के गहने बरामद हुए हैं। जानिए कैसे हुआ खुलासा।

Apr 16, 2025 - 18:56
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Jamshedpur Crackdown: इंटरस्टेट चोरों की बड़ी साजिश नाकाम, कैसे हुआ पर्दाफाश? पढ़िए पूरी इनसाइड स्टोरी
Jamshedpur Crackdown: इंटरस्टेट चोरों की बड़ी साजिश नाकाम, कैसे हुआ पर्दाफाश? पढ़िए पूरी इनसाइड स्टोरी

जमशेदपुर में बढ़ती चोरी की घटनाओं ने जहां पुलिस की नींद उड़ा दी थी, वहीं अब उसी पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। एक इंटरस्टेट चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने 6 शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। ये गिरोह केवल जमशेदपुर ही नहीं बल्कि ओड़िशा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुका है।

लेकिन सवाल उठता है — इतनी दूर-दराज की टीमें एक शहर में कैसे इकट्ठा हुईं? और आखिर कैसे पुलिस को इनके इरादों की भनक लग गई?

गुप्त सूचना बनी सबसे बड़ा क्लू

बीती रात गोविंदपुर थाना प्रभारी को एक गुप्त सूचना मिली — 5 से 6 संदिग्ध लोग एक ऑटो से उतरकर गर्म पत्थर घोड़ा बांध अस्पताल के सामने इकट्ठा हो रहे हैं। उनके हाथों में लोहे के औज़ार हैं और चेहरे अनजान लग रहे हैं। यानि साफ था, कुछ बड़ा होने वाला था।

सूचना मिलते ही सीनियर अफसरों को जानकारी दी गई और तुरंत एक छापेमारी टीम तैयार की गई। पुलिस की फुर्ती रंग लाई — छापेमारी के दौरान 6 अपराधियों को मौके से ही पकड़ लिया गया।

गिरफ्त में आए अपराधियों की पहचान

गिरफ्तार हुए अपराधियों में उड़ीसा के तारा सिंह चौहान, राहुल चौहान, मध्य प्रदेश के अजय चौहान, आशीष चौहान, बाबू गोंदिया महाराष्ट्र के संदीप सोलंकी और जमशेदपुर के स्वर्ण व्यवसायी अजय कुमार बर्मन शामिल हैं। जी हां, एक स्थानीय ज्वेलर भी इस गैंग का हिस्सा निकला!

बरामद हुए हथियार और चुराया गया सोना

पुलिस ने इनके पास से एक देसी कट्टा, एक जिंदा गोली, तीन लोहे के बारी, एक सलाई रिंच, एक पेचकस, एक टॉर्च और लगभग 99 ग्राम चुराया गया सोना बरामद किया है। साथ ही इनकी निशानदेही पर चोरी का सामान खरीदने वाले सोनार को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

इतिहास में झांके तो...

भारत में अंतरराज्यीय अपराधों की जड़ें गहरी हैं। 80 और 90 के दशक में जब पुलिस नेटवर्क और डिजिटल निगरानी सिस्टम इतने मजबूत नहीं थे, तब ऐसे गिरोह रेलवे और हाईवे का इस्तेमाल कर के आसानी से राज्य बदलते थे। आज भी ये गिरोह उसी तरीके से राज्य दर राज्य घूमते हैं, लेकिन अब तकनीक और खुफिया नेटवर्क की वजह से इनका बच निकलना मुश्किल होता जा रहा है।

गिरोह की कबूलनामे ने खोले कई राज़

पूछताछ के दौरान अपराधियों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। इन्होंने न सिर्फ जमशेदपुर बल्कि आसपास के जिलों में भी चोरी की कई वारदातों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। पूछताछ के बाद सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

जमशेदपुर पुलिस की सतर्कता से टली बड़ी घटना

सिटी एसपी कुमार शिवाशीष की मानें तो समय रहते मिली सूचना और त्वरित एक्शन की वजह से एक बड़ी डकैती की योजना नाकाम हो सकी। उन्होंने बताया कि पुलिस टीम लगातार ऐसी घटनाओं की निगरानी कर रही थी और स्पेशल यूनिट बनाई गई थी, जो अब रंग लाई।

इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अपराध कितने भी शातिर क्यों न हों, कानून के लंबे हाथों से नहीं बच सकते। जमशेदपुर पुलिस की यह कार्रवाई आने वाले समय में अन्य राज्यों में भी ऐसे गिरोहों के खिलाफ सख्त एक्शन की मिसाल बन सकती है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।