Jamshedpur Support: बदलाव की लहर से देवतुल्य मतदाताओं का आभार, निर्दलीय उम्मीदवार शिव शंकर सिंह का दावा
जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय उम्मीदवार शिव शंकर सिंह ने मतदाताओं का आभार जताते हुए चुनाव में बदलाव की लहर का दावा किया। जानें उनके विचार, कैसे गैस चूल्हा छाप चुनाव में नया इतिहास लिख सकता है।
जमशेदपुर, 13 नवंबर — जमशेदपुर पूर्वी में हुए चुनावी महापर्व के बाद निर्दलीय उम्मीदवार शिव शंकर सिंह ने अपने समर्थकों और देवतुल्य मतदाताओं का हार्दिक आभार जताया। सिंह ने कहा कि जमशेदपुर पूर्वी में जिस प्रकार से जनता ने बढ़-चढ़कर मतदान किया, वह बदलाव का स्पष्ट संकेत है। उनके अनुसार, यह जनता का फैसला है, जो परिवारवाद और वंशवाद को ठुकरा कर समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक "गैस चूल्हा" पर विश्वास जताती है।
शिव शंकर सिंह ने कहा, “जिन मतदाताओं ने लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, वे नए परिवर्तन की लहर को सामने लाने के लिए तैयार हैं। आपने जिस विश्वास के साथ 'गैस चूल्हा' छाप पर बटन दबाया है, उससे तय है कि 23 नवंबर की मतगणना केवल एक औपचारिकता भर होगी। जनता ने बदलाव का फैसला ले लिया है।”
परिवारवाद और वंशवाद को किया खारिज
शिव शंकर सिंह का दावा है कि मतदाताओं ने उत्साह से मतदान कर यह साफ कर दिया कि वे पुराने राजनीतिक परिवारों और चुनाव के समय ही दिखने वाले नेताओं को नकार चुके हैं। उनका कहना है कि यह चुनाव जनता द्वारा जनता के लिए लड़ा गया। सिंह ने कहा कि जनता ने इस बार एक ऐतिहासिक बदलाव का फैसला किया है, जो केवल चुनाव नहीं, बल्कि जमशेदपुर पूर्वी के 25 साल के पिछड़ेपन को समाप्त करने का प्रतीक बनेगा।
शहर के कई इलाकों में बदलाव की बयार
बिरसानगर, लक्ष्मीनगर, ज़ेम्को, आजाद बस्ती, बर्मामाइंस, एग्रीको, बाराडीह, केबल टाऊन, बागुनहातु, मिथिला कॉलोनी, गोलमुरी, साकची जैसे इलाकों में मतदाताओं का भारी उत्साह दिखा। सिंह ने बताया कि इन इलाकों में शुरुआती कुछ घंटों में ही वोटिंग का रुझान बढ़ता हुआ देखा गया, जिससे यह स्पष्ट है कि जनता ने पुराने राजनीतिक विकल्पों से निराश होकर नए नेताओं की ओर कदम बढ़ाए हैं।
चुनाव के दौरान मजबूत समर्थन
सिंह ने विशेष रूप से उस दौरान दिखाए गए समर्थन को भी सराहा, जब जनता ने उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार होते हुए भी समर्थन दिया। उनका मानना है कि यह विश्वास जताने वाली जनता ने आज नए जमशेदपुर की नींव रखी है, जहाँ विकास, रोजगार और खुशहाली के रास्ते खुलेंगे। “गैस चूल्हा” चुनाव चिन्ह को समर्थन देना केवल एक चुनावी प्रतीक नहीं, बल्कि आम आदमी की बुनियादी जरूरतों और समृद्धि की ओर कदम है।
23 नवंबर को मतगणना: क्या "गैस चूल्हा" लिखेगा नया इतिहास?
सिंह का मानना है कि जमशेदपुर पूर्वी की जनता ने इस बार एक ठोस और स्पष्ट फैसला किया है, जो उनके अनुसार मतगणना के दिन सामने आएगा। 23 नवंबर को, मतगणना केवल एक औपचारिकता होगी, जहां "गैस चूल्हा" पर जनता की मुहर लगेगी। सिंह ने कहा कि यह चुनावी पर्व जनता ने खुद के लिए लड़ा है ताकि जमशेदपुर पूर्वी में एक नए युग की शुरुआत हो सके।
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