Durg Accident: तेज रफ्तार स्कोडा ने ली भाजपा नेता की बेटी की जान, दोस्त ICU में भर्ती
दुर्ग बायपास पर भीषण सड़क हादसा, भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष की बेटी रिचा कौशिक की दर्दनाक मौत। तेज रफ्तार स्कोडा कार पलटी, तीन दोस्त ICU में भर्ती। पढ़ें पूरी खबर।

दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग बायपास रोड पर सोमवार दोपहर एक दर्दनाक सड़क हादसे में भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष स्वीटी कौशिक की बेटी रिचा कौशिक (22) की मौत हो गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब रिचा अपने दोस्तों के साथ राजनांदगांव बायपास रोड पर एक ढाबे में खाना खाने जा रही थी। बताया जा रहा है कि स्कोडा कार तेज रफ्तार में थी और अनियंत्रित होकर 3-4 बार पलटी खा गई, जिससे कार में सवार चारों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
तेज रफ्तार बनी काल, अस्पताल में तोड़ा दम
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी, जिसके बाद सभी घायलों को दुर्ग के आरोग्यम अस्पताल में भर्ती कराया गया। रिचा की हालत ज्यादा गंभीर होने के कारण उसे रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल रेफर किया गया, जहां सिर में गहरी चोट और ब्रेन डैमेज के कारण उसे वेंटीलेटर पर रखा गया। डॉक्टरों ने बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन कुछ घंटों के संघर्ष के बाद रिचा ने दम तोड़ दिया।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
रिचा कौशिक भाजपा महिला मोर्चा की दुर्ग जिला अध्यक्ष स्वीटी कौशिक की बेटी थीं। परिवार के लिए यह खबर किसी सदमे से कम नहीं थी। जैसे ही मौत की खबर घर पहुंची, परिवार में मातम छा गया और आसपास के लोग सांत्वना देने के लिए पहुंचने लगे। रिचा के पिता और भाई भी इस घटना से पूरी तरह टूट चुके हैं।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्कोडा कार बहुत तेज गति में थी। अचानक कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई और पलट गई। दुर्घटना इतनी भीषण थी कि कार ने तीन से चार बार पलटी खाई, जिससे सभी सवार गंभीर रूप से घायल हो गए।
तीन दोस्त अभी भी अस्पताल में भर्ती
रिचा के साथ कार में मयंक यादव, हर्ष यादव और आयुष यादव भी सवार थे। ये तीनों अभी भी आरोग्यम अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं, जहां डॉक्टर उनकी हालत पर नजर बनाए हुए हैं।
दुर्ग में सड़क हादसे बढ़े, लेकिन प्रशासन बेखबर
दुर्ग और आसपास के इलाकों में सड़क हादसों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 150 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। तेज रफ्तार, लापरवाही और यातायात नियमों की अनदेखी इन हादसों की मुख्य वजह बनती जा रही है।
सवाल उठता है – कब सुधरेगी ट्रैफिक व्यवस्था?
हर बार हादसे के बाद प्रशासन और पुलिस जांच के आदेश देकर चुप बैठ जाती है। सवाल यह है कि क्या प्रशासन अब कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर इसी तरह हादसे होते रहेंगे और मासूम जिंदगियां जाती रहेंगी?
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