Bhilai Attack: पत्रकार पर शिक्षक का हमला, पशु क्रूरता रोकने की मिली सजा!
भिलाई में पशु क्रूरता के खिलाफ आवाज उठाने पर पत्रकार पर शिक्षक का हमला। FIR दर्ज, आरोपी की गिरफ्तारी की मांग। जानें पूरा मामला।

भिलाई: लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार पर हमला करना क्या हमारे समाज में अभिव्यक्ति की आज़ादी खतरे में है? भिलाई में एक पत्रकार ने जब बेजुबान जानवरों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई, तो एक शिक्षक ने ही उस पर हमला कर दिया। यह घटना भिलाई के स्मृति नगर क्षेत्र की है, जहां एक नामी स्कूल के प्रिंसिपल सचिन शुक्ला ने अपने साथी अवनीश कुमार के साथ मिलकर पत्रकार लाभेश घोष से मारपीट की।
पशु क्रूरता रोकने की सजा – गालियां, घूंसे और अपमान!
जानकारी के मुताबिक, पत्रकार लाभेश घोष जब स्मृति नगर में पशु क्रूरता को रोकने की कोशिश कर रहे थे, तभी सचिन शुक्ला और उनके पड़ोसी अवनीश कुमार ने पहले उन्हें गालियां दीं, फिर मोबाइल छीन लिया और शारीरिक हमला कर दिया। उन्होंने कई मुक्के मारे और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
पत्रकार की शिकायत पर स्मृति नगर चौकी में आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने BNS की धारा 296, 115(2) और 3(5) के तहत अपराध दर्ज किया है।
शिक्षक ही बन गया हिंसा का प्रतीक!
सबसे गंभीर सवाल यह है कि सचिन शुक्ला, जो एक शिक्षक हैं और जम्मू-कश्मीर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं, उन्होंने इस तरह की हिंसा क्यों की? शिक्षा का उद्देश्य करुणा, नैतिकता और अहिंसा का पाठ पढ़ाना होता है। अगर शिक्षक ही हिंसा और अत्याचार को बढ़ावा दें, तो आने वाली पीढ़ी को कैसा उदाहरण मिलेगा?
क्या हम ऐसे समाज में रहना चाहते हैं?
अगर समाज में हिंसा और क्रूरता को सामान्य मान लिया जाए, तो कल यही अन्याय हम और हमारे बच्चों के खिलाफ भी हो सकता है। यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि पूरे समाज और न्याय प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है।
भारत में पशु संरक्षण कानून – क्या शिक्षक को इसकी जानकारी नहीं?
भारत में पशु क्रूरता को रोकने के लिए कई सख्त कानून बने हैं, लेकिन फिर भी लोग इन्हें नजरअंदाज करते हैं।
पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 – किसी भी पशु के साथ क्रूरता गैरकानूनी है और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
BNS 325 – किसी भी जानवर को गंभीर चोट पहुंचाना अपराध है, इसके लिए कठोर दंड का प्रावधान है।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51(G) – प्रत्येक नागरिक को पशुओं की सुरक्षा और देखभाल करने का अधिकार है।
पत्रकारों में आक्रोश, आरोपी की गिरफ्तारी की मांग!
भिलाई के पत्रकारों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। सभी ने आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी की मांग की है। पत्रकार लाभेश घोष का कहना है कि,
"यह सिर्फ मेरी लड़ाई नहीं है, यह न्याय और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की लड़ाई है। प्रशासन को चाहिए कि वह आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।"
समाज के लिए संदेश – आवाज उठाना ज़रूरी है!
अगर हम आज इस मामले को नजरअंदाज करते हैं, तो कल कोई और व्यक्ति भी हिंसा और अन्याय का शिकार हो सकता है। समाज के हर नागरिक को यह समझना होगा कि करुणा, नैतिकता और अहिंसा ही सभ्य समाज की नींव हैं।
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