Bhilai Vivekananda Jayanti Celebrated: भिलाई तीन में आयोजित समारोह में गूंजे प्रेरणादायी विचार
भिलाई तीन में स्वामी विवेकानंद विचार मंच द्वारा आयोजित समारोह में उनके अनमोल विचार साझा किए गए। मानव सेवा और संघर्ष के महत्व पर जोर देते हुए युवाओं को प्रेरित किया गया।
भिलाई, छत्तीसगढ़ । 12 जनवरी 2025 को स्वामी विवेकानंद विचार मंच के तत्वावधान में विवेकानंद जयंती समारोह का आयोजन दीनदयाल कॉलोनी, पदूम नगर, भिलाई तीन में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तित्वों, गणमान्य नागरिकों और युवाओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत
समारोह की शुरुआत स्वामी विवेकानंद के तैल चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। यह आयोजन स्वामी विवेकानंद के विचारों और उनके द्वारा दिए गए मानव सेवा के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया।
विचारों की गूंज: वक्ताओं के प्रेरणादायक संबोधन
समारोह में वक्ताओं ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को साझा करते हुए उनके सिद्धांतों पर चलने का आह्वान किया।
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कृष्ण कुमार धुरंधर ने कहा:
"विवेकानंद जी का मानना था कि 'मानव सेवा ही माधव सेवा है।' हमें समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए कार्य करना चाहिए और तब तक प्रयास करते रहना चाहिए जब तक सफलता न मिले।" -
डा. नौशाद अहमद सिद्दीकी ने स्वामी विवेकानंद के 10 अनमोल विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा:
"संघर्ष जितना प्रबल होगा, सफलता उतनी ही श्रेष्ठ होगी। विवेकानंद जी ने हमें सिखाया कि हमें तब तक प्रयास करते रहना चाहिए जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए।"
विशिष्ट उपस्थिति
इस समारोह में क्षेत्र के कई प्रमुख व्यक्तित्वों ने भाग लिया, जिनमें सपना मढ़रिया, हमीदुन सिद्दीकी, सुधा वर्मा, शीतल राजपूत, और आंचल मढ़रिया प्रमुख रूप से शामिल थे। सभी ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करने और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।
विवेकानंद जी के प्रेरणादायक विचार
समारोह के दौरान स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचारों पर चर्चा की गई। उनके कुछ प्रमुख विचार जो जनमानस को प्रेरित करते हैं:
- "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"
- "सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य होगा।"
- "आप जो सोचते हैं, वह आप बनते हैं।"
- "संघर्ष जितना कठिन होगा, सफलता उतनी ही महान होगी।"
समारोह का महत्व और उद्देश्य
यह आयोजन सिर्फ स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित करने तक सीमित नहीं था, बल्कि युवाओं को उनके विचारों से प्रेरित कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा देने का प्रयास था।
हेमंत मढ़रिया ने समारोह के समापन पर कहा: "हमारा उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना है। यदि हम उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाएं, तो समाज और राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है।"
कार्यक्रम का संचालन और समापन
समारोह का कुशल संचालन हेमंत मढ़रिया द्वारा किया गया। इस दौरान युवाओं ने स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को आत्मसात करने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
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