Balochistan Separation: बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग क्यों होना चाहता है और इसके पीछे की बड़ी वजहें क्या हैं?
बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग होने की मांग क्यों कर रहा है? इसके पीछे की ऐतिहासिक, राजनीतिक और आर्थिक वजहें क्या हैं? जानिए इस आंदोलन की पूरी कहानी और पाकिस्तान पर इसका असर।

पाकिस्तान से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक यात्री ट्रेन को हाईजैक कर लिया, जिसमें पाकिस्तानी सेना के 182 जवान और अधिकारी सफर कर रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये सैनिक छुट्टी पर पेशावर जा रहे थे, लेकिन ट्रेन को बलूच उग्रवादियों ने जबरन अपने कब्जे में ले लिया।
20 सैनिकों की हत्या का दावा
BLA ने दावा किया है कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना के 20 जवानों को मार दिया है और अगर बलूचों पर हो रहे अत्याचार नहीं रोके गए तो बाकी बंधकों को भी मारने में देर नहीं लगेगी। इस घटना ने पाकिस्तान सरकार और सेना की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पाक सेना की आपातकालीन कार्रवाई
घटना के बाद, पाकिस्तानी फौज तुरंत हरकत में आई और क्वेटा से एक विशेष ट्रेन रवाना की गई, जिसमें सैनिकों के अलावा डॉक्टरों की एक टीम भी शामिल थी। रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, इस ऑपरेशन में अब तक 27 बलूच विद्रोही मारे जा चुके हैं और 155 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
हाईजैकर्स ने किसे छोड़ा, किसे बनाया बंधक?
ट्रेन में करीब 500 यात्री सवार थे। हाईजैकर्स ने बलूच यात्रियों को उनके आईडी कार्ड चेक करने के बाद छोड़ दिया। महिलाओं और बच्चों को भी रिहा कर दिया गया, लेकिन सेना के जवानों और उनके नागरिक इनफॉर्मर्स को बंधक बना लिया गया।
बलूचिस्तान में यह पहला हमला नहीं!
BLA का यह कोई पहला बड़ा हमला नहीं है। इससे पहले भी उन्होंने यात्रियों से भरी बसों को निशाना बनाया था। पिछले साल नवंबर में बलूच विद्रोहियों ने एक बस पर हमला कर 26 लोगों की हत्या कर दी थी।
बलूचिस्तान: एक ज्वलंत मुद्दा
बलूचिस्तान लंबे समय से पाकिस्तान के लिए एक बड़ी समस्या बना हुआ है। बलूच अलगाववादी गुटों का कहना है कि इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया जा रहा है और वहां के मूल निवासियों के साथ शोषण हो रहा है। बलूचिस्तान की सीमा अफगानिस्तान और ईरान से लगती है, जहां से इन्हें समर्थन मिलने की भी बात कही जाती है।
भारत पर इल्जाम लगाने से परहेज क्यों?
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान सरकार ने अब तक इस घटना के लिए भारत को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। आमतौर पर पाकिस्तानी सेना या सरकार किसी भी आतंकी हमले या विद्रोही गतिविधि का दोष भारत पर मढ़ने में देर नहीं करती।
क्या पाकिस्तानी सेना के लिए बड़ा झटका?
182 सैनिकों का बंधक बनना पाकिस्तान के लिए एक बड़ी सैन्य विफलता के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले भी बलूचिस्तान में रेलवे लाइनों को कई बार निशाना बनाया गया था। पाकिस्तान रेलवे ने सुरक्षा कारणों से क्वेटा से पेशावर तक की ट्रेन सेवा को बंद कर दिया था, लेकिन अक्टूबर में इसे दोबारा शुरू किया गया था। अब इस हमले के बाद, फिर से ट्रेन सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
पाकिस्तानी सेना की नाकामी उजागर?
जब तक पाकिस्तानी सेना को इस हमले की खबर लगी, तब तक विद्रोहियों ने 20 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था। सेना को घटनास्थल तक पहुंचने में घंटों लग गए, जिससे उनकी तैयारियों और इंटेलिजेंस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
आने वाले दिनों में क्या होगा?
BLA की धमकी को देखते हुए पाकिस्तानी सेना अब बड़े स्तर पर ऑपरेशन चला सकती है। हालांकि, अगर बलूचों पर दमन बढ़ाया जाता है, तो इससे अलगाववादी आंदोलन और तेज़ हो सकता है।
अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान सरकार इस गंभीर स्थिति से कैसे निपटती है। बलूचिस्तान में विद्रोह को कुचलने की कोशिशें पहले भी की गई हैं, लेकिन हर बार ये और ज्यादा मजबूत होता गया है। क्या पाकिस्तान इस संकट से उबर पाएगा या फिर बलूच आंदोलन और उग्र होगा? यह आने वाला वक्त बताएगा।
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