Record Achievement: "खुराना" ने रचा इतिहास, आइडियल इंडियन बुक रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम!

सुनील कुमार "खुराना" ने आइडियल इंडियन बुक रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर साहित्य और सामाजिक कार्यों में नया कीर्तिमान स्थापित किया। जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी!

Mar 13, 2025 - 15:54
Mar 13, 2025 - 20:57
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Record Achievement: "खुराना" ने रचा इतिहास, आइडियल इंडियन बुक रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम!
Record Achievement:

साहित्यिक और शैक्षिक जगत में अपनी पहचान बना चुके सुनील कुमार "खुराना" ने एक और शानदार उपलब्धि अपने नाम कर ली है। आइडियल इंडियन बुक रिकॉर्ड में शामिल होकर उन्होंने साहित्य और सामाजिक योगदान के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

शिक्षा से लेकर साहित्य तक, "खुराना" की अनूठी यात्रा

सहारनपुर के प्राथमिक विद्यालय बाधी नकुड़ में प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत सुनील कुमार "खुराना" सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि साहित्यिक जगत में भी एक प्रतिष्ठित नाम हैं। वर्तमान में वे भारत सरकार की "निपुण भारत" योजना के अंतर्गत एआरपी (एकैडमिक रिसोर्स पर्सन) के रूप में भी कार्य कर रहे हैं। उनकी लेखनी गद्य और पद्य दोनों विधाओं में समाज को नई दिशा देने का काम कर रही है।

90 से अधिक साझा संकलन, नेपाल में मिल चुका है सम्मान

अब तक 90 से अधिक साझा संकलनों में अपनी रचनाएँ प्रकाशित कर चुके खुराना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है। नेपाल सहित कई देशों में उन्हें साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित किया जा चुका है। उनकी कविताएँ और लेखन सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को भी आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।

सबसे बड़ी समिति सदस्यता का रिकॉर्ड

हाल ही में, भारत सरकार के अंतर्गत पंजीकृत "नव प्रज्ञा काव्य फाउंडेशन" ने 1024 सदस्यों की सबसे बड़ी समिति बनाकर आइडियल इंडियन बुक रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया। इस रिकॉर्ड में सुनील कुमार "खुराना" का नाम भी शामिल है, जो उनकी साहित्यिक और सामाजिक सक्रियता को दर्शाता है।

समाज में एकता और सकारात्मक बदलाव की मिसाल

इस उपलब्धि को सामाजिक एकता और साहित्य के प्रचार-प्रसार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सुनील कुमार "खुराना" न केवल लेखन में सक्रिय हैं बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी निरंतर प्रयासरत हैं। उनकी इस उपलब्धि पर उनके प्रशंसकों, परिवारजनों और वरिष्ठ साहित्यकारों ने बधाइयाँ दी हैं।

शुभकामनाओं की बौछार

उनकी इस उपलब्धि पर बेबी रानी, साक्षी खुराना, भानु प्रताप सिंह, दिव्या ज्योति, खुशी ज्योति, नैन्सी, डॉ. देव, सूमित, आदित्य, शशि, नगीनी देवी, श्याम सिंह, देवेंद्र कुमार, कुलदीप सिंह, श्री पाल सहित कई लोगों ने हर्ष व्यक्त किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

सुनील कुमार "खुराना" का यह रिकॉर्ड न केवल उनकी मेहनत और लगन का प्रमाण है बल्कि यह भी दिखाता है कि साहित्य और सामाजिक कार्यों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ी के लिए भी प्रेरणादायक साबित होगी।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।